विपक्ष ने कहा- नोटबंदी का फायदा बताओ, भाजपा बोली- आगे चलकर सकारात्मक असर होगा

विपक्ष ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालने वाला बताया और पूछा कि कुल कितने कालेधन का पता चला.

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New Delhi: Parliament during the first day of budget session in New Delhi on Tuesday. PTI Photo by Kamal Kishore (PTI2_23_2016_000104A)

विपक्ष ने नोटबंदी को अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालने वाला बताया और पूछा कि कुल कितने कालेधन का पता चला.

New Delhi: Parliament during the first day of budget session in New Delhi on Tuesday. PTI Photo by Kamal Kishore (PTI2_23_2016_000104A)
फोटो: पीटीआई

नई दिल्ली: कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालने वाला फैसला करार देते हुए मंगलवार को कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि नोटबंदी के बाद कितना धन बैंकों में आया और देश में कुल कितने कालेधन का पता चला है. वहीं सत्तारूढ़ भाजपा ने विभिन्न रिपोर्टों और विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि आगे चल कर भारत की अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी का सकारात्मक असर पड़ेगा और दीर्घ काल में इसके फायदे हैं.

वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के लोकसभा सदस्य केसी वेणुगोपाल ने नोटबंदी को देश की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर डालने वाला फैसला करार देते हुए कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि देश में कुल कितने कालेधन का पता चला है.

नोटबंदी पर पीएम में क्या कहा था?

सदन में अनुदान की अनुपूरक मांग पर चर्चा की शुरुआत करते हुए वेणुगोपाल ने कहा, नोटबंदी के समय प्रधानमंत्री और सरकार ने कहा था कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा, कालेधन का खुलासा होगा, आतंकवाद पर अंकुश लगेगा और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा.

उन्होंने कहा, सरकार ने इस फैसले को काले धन पर सर्जिकल स्ट्राइक कहा था. पर कोई नतीजा नहीं निकला. सरकार को यह जवाब देना चाहिए कि नोटबंदी के बाद कुल कितने पैसे बैंको में जमा हुए कितने नये नोट छापे गए और इस दौरान कितने कालेधन का पता चला?

सरकार ने तथ्य छिपाए हैं

कांग्रेस सदस्य ने कहा कि आरबीआई कह रही है कि अभी जमा हुए पैसों की गिनती की जा रही है. सरकार ने जनता से कुछ तथ्य छिपाए हैं. सरकार को पूरा ब्यौरा लोगों के सामने रखना चाहिए. अगर वह अभी जानकारी नहीं दे सकती तो तारीख बताए जब वह इन बातों का जवाब देगी.

वेणुगोपाल ने कहा कि नोटबंदी के बाद देश भर में जब्त किए गए नोटों में ज्यादातर नए नोट थे. उन्होंने सदन में कुछ आंकड़ों के माध्यम से दावा किया कि नोटबंदी के बाद डिजिटल लेनेदेन में कमी आई है.

हर साल दो करोड़ रोजगार का क्या हुआ

उन्होंने कहा, नोटबंदी के बाद आतंकवाद पर प्रहार का दावा किया गया था, लेकिन आज देखिए कि कश्मीर में आतंकवाद की क्या हालत है. अमरनाथ यात्रियों पर हमले हुए. दूसरी जगहों पर आतंकी हमले हुए हैं. फिर कैसे कहा जा सकता है कि नोटबंदी से आतंकवाद में कमी आई है.

उन्होंने रोजगार के मुद्दे को लेकर सरकार पर हमला करते हुए कहा, प्रधानमंत्री ने हर साल दो करोड़ लोगों को रोजगार की बात कही थी. लेकिन आज रोजगार की हालत बहुत खराब है. देश की अर्थव्यवस्था की हालत खराब होती जा रही है. नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर बहुत बुरा असर पड़ा है.

72 हजार करोड़ कालाधन पकड़ा गया

भाजपा सदस्य निशिकांत दूबे ने कहा कि यह एक ग्लोबलाइज दुनिया है. विश्व बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने नोटबंदी पर कहा है कि इसका आगे चलकर भारत की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि ओईसीडी की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी का संक्षिप्त अवधि में नुकसान है लेकिन दीर्घ काल में इसके फायदे हैं.

दूबे ने बताया कि 72,000 करोड़ रुपये का कालाधन पकड़ा गया है. हमारी अर्थव्यवस्था सात प्रतिशत की दर से बढ़ रही है और सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है.

व्यवस्था मजबूत करने का प्रयास कर रहे

उन्होंने कहा कि देश में मात्र चार करोड़ लोग कर देते हैं. कुल सात-आठ करोड़ व्यापारी में 86 लाख ही पंजीकृत हैं, जो कर देते हैं. हमारी सरकार कर व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रयास कर रही है.

दूबे ने कहा कि जब 2014 में राजग की सरकार आई तब राज्यों का 33,000 से 50,000 करोड़ रुपया बकाया था. उन्होंने कहा कि सहयोगी संघवाद को मजबूत करने के लिए, 2010-2011 से 2014-2015 तक 50,000 करोड़ रुपया दिया गया.

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने युवाओं के साथ बुजुर्गों के कल्याण को प्रतिबद्ध है और इस दिशा में बुजुर्गों की कल्यणकारी योजनाओं में 64-65 करोड़ रुपया, स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार ने 150 करोड़ रुपया अनुदान में दिया है. इसके अलावा क्षेत्रीय संपर्क के लिए 200 करोड़ रुपया दिया है.

दूबे ने कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांग में हमने जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, और पूर्वोत्तर के राज्यों की चिंता की है.

नोटबंदी से पत्थरबाजों में कमी

उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बाद कश्मीर में पत्थरबाजों की संख्या में कमी आई है. यह एक साहसी फैसला है और दीर्घ काल में इसके फायदे हैं.
दाल की कीमतों के बढ़ने के बारे में सवालों पर भाजपा सदस्य ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि दाल अमीरों की ही नहीं, बल्कि गरीबों की भी वस्तु रहे. इसके लिए अनुदान की अनूपरक मांग में प्रावधान किया गया है.

तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि हमारी पार्टी ने कभी नोटबंदी और जीएसटी के फैसले के विचार का विरोध नहीं किया बल्कि इनके क्रियान्वयन के तरीके पर आपत्ति जताई.

उन्होंने कहा कि जीएसटी के मुद्दे पर सरकार उन अपेक्षाओं तक नहीं पहुंच सकी जो उसने की थी. इससे छोटे उद्योग प्रभावित हुए.

बंदोपाध्याय ने कहा कि पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत देश के पूर्वी राज्य आजादी के बाद से ही आर्थिक असंतुलन का शिकार रहे हैं और पश्चिमी प्रदेशों में तरक्की होती रही लेकिन पूर्वी क्षेत्र की ओर ध्यान नहीं दिया गया.

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के आर्थिक पिछड़ेपन और वाम मोर्चा की 34 साल की सरकार से विरासत में मिली कठिनाइयों की वजह से हमें विशेष आर्थिक पैकेज दिया जाना चाहिए.

तृणमूल सांसद ने सहकरी संघवाद का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली से राज्यों पर विशेष ध्यान देने की मांग की.

साइबर सुरक्षा आयोग बने

बीजद के भतृहरि महताब ने कहा कि मध्य प्रदेश में पिछले दिनों किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद अनुदान मांगों में 500 करोड़ रुपये का दाल स्थिरीकरण कोष बनाना स्वागत योग्य कदम है लेकिन सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि इसका लाभ क्या केवल मध्य प्रदेश को मिलेगा या अन्य राज्यों को भी मिलेगा.

उन्होंने नोटबंदी के बाद डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर देने की पृष्ठभूमि में इस क्षेत्र के लिए 100 करोड़ रुपये के प्रस्ताव का भी स्वागत किया लेकिन साइबर सुरक्षा के खतरों से आगाह करते हुए इन कदमों को छोटा बताया.

उन्होंने कहा कि साइबर सुरक्षा को और अधिक मजबूत करना होगा तथा देश में अंतरिक्ष आयोग की तर्ज पर साइबर सुरक्षा आयोग बनाना होगा.

महताब ने कहा कि सरकार को अधिक से अधिक साइबर अपराध प्रकोष्ठ और प्रयोगशालाओं का गठन करना चाहिए.

नोटबंदी के बावजूद अर्थव्यवस्था मजबूत: अरुण जेटली

दूसरी तरफ, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि दुनिया को इस बात का आश्चर्य है कि विमुद्रीकरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत है जिसके बाद आतंकवादी वित्त पोषण पर लगाम लगी है, वहीं जीएसटी से पूरे देश में आर्थिक सुदृढ़ीकरण एवं पारदर्शी कारोबारी माहौल बनाने में मदद मिली है. हालांकि नोटों के संबंध में स्पष्ट आंकड़े देने की बजाए उन्होंने इसे एक लंबी कवायद बताया और कहा कि आरबीआई इस कवायद को पूरा करने के बाद आंकड़े देगा.

वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए जेटली ने लोकसभा में यह बात कही. मंत्री के जवाब के बाद सदन ने वर्ष 2017-18 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों और वर्ष 2014-15 के लिये अतिरिक्त अनुदान की मांगों एवं इनसे संबंधिक विनियोग विधेयकों को ध्वनिमत से मंजूरी प्रदान कर दी.

स्थिति में सुधार के संकेत

जेटली ने कहा कि पिछले 3 से 4 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक स्थिति चुनौतीपूर्ण रही है. पिछले कुछ वर्षों के बाद यह पहला वर्ष है जब स्थिति में थोड़ा सुधार के संकेत मिले हैं. स्पष्ट रूप से भारत में भी स्थिति बेहतर होगी. इसका असर भी हो रहा है और निर्यात में सुधार आना शुरू हो गया है.

उन्होंने कहा कि आज राजकोषीय स्थिति नियंत्रण में है. राजकोषीय अनुशासन हमारी सरकार के समय जितना है, वैसा शायद ही किसी सरकार के समय में रहा होगा. हमें 4.6 प्रतिशत राजकोषीय घाटा मिला था और उसे हम अभी 3.2 प्रतिशत तक लेकर आए हैं. चालू खाता घाटा जो हमें 4 से 4.5 प्रतिशत की दर पर प्राप्त हुआ था, उसे हम 1 से 1.25 प्रतिशत तक लेकर आए हैं.

महंगाई पर ये कहा

महंगाई के सवाल पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सवालों का जवाब देते हुए जेटली ने कहा कि आप एक ऐसी स्थिति में छोड़ कर गए थे जहां मुद्रास्फीति की दर दोहरे अंकों में थी आज उपभोक्ता मूल्य सूचकांक 10 वर्षों के न्यूनतम स्तर पर है.

विमुद्रीकरण के बारे में विभिन्न दलों के सदस्यों के आरोपों का जवाब देते हुए विा मंत्री ने कहा कि यह स्वभाविक था कि एक या दो तिमाही में इसका थोड़ा असर पड़ेगा. लेकिन एक या दो तिमाही का आंकड़ा लेकर यह कहना कि हम चीन से पीछे चले गए, यह ठीक नहीं है. चीन हमसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.

जेटली ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि विमुद्रीकरण के बाद जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट आएगी, एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया था कि इसमें 3 प्रतिशत की गिरावट आएगी. लेकिन दुनिया को इस बात का आश्चर्य है कि विमुद्रीकरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत है.

आंकड़े देना लंबी कवायद

नोटबंदी के बाद जमा हुए नोटों के संबंध में स्पष्ट आंकड़े देने के विपक्ष के सवालों पर जेटली ने कहा कि यह एक लंबी कवायद है और इस पर आपको विषय का पूरी तरह अध्ययन करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि मैं मार्च महीने से विपक्ष के इन सवालों को सुन रहा हूं कि आंकड़े बताये जाएं. भारतीय रिजर्व बैंक इस बड़ी कवायद में लगा है. यह रातों रात हो जाने वाला काम नहीं है. एक एक नोट गिनना है और उसमें जाली नोटों का पता लगाना है.

जेटली ने कहा, आरबीआई इस प्रक्रिया को एडवांस तरीके से कर रहा है. कवायद पूरी होते ही विमुद्रीकरण के बाद जमा हुए नोटों के आंकड़े बताए जाएंगे जिनमें जाली नोटों की गिनती भी बताई जाएगी. उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद कई महीने हो गए हैं और इस पर गंभीरता से एक चर्चा हो जाए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)