महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों के पास अगर जांच रिपोर्ट नहीं होगी तो उन्हें राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों के लिए कोविड-19 की आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट होना अनिवार्य कर दिया.
राज्य सरकार ने घोषणा की है कि एनसीआर दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा के हवाई अड्डों से यात्रा करने वाले सभी घरेलू यात्रियों को उड़ान से पहले अपने साथ आरटी-पीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट लेकर रखनी होगी और उन्हें महाराष्ट्र के हवाई अड्डों पर उतरने पर इसे निरीक्षण टीमों को दिखाना होगा.
आदेश में कहा गया है कि महाराष्ट्र में हवाई अड्डों पर उतरने के निर्धारित समय के 72 घंटे के भीतर आरटी-पीसीआर जांच के लिए नमूना संग्रह किया जाना चाहिए. दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों के पास अगर जांच रिपोर्ट नहीं होगी तो उन्हें राज्य में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.
राज्य सरकार के एक आदेश में कहा गया, ‘बिना लक्षणों वाले यात्रियों को प्रवेश की अनुमति दी जाएगी. लक्षणों वाले यात्रियों के पास वापस लौटने और अपने घर जाने का विकल्प होगा.
सरकार के आदेश में कहा गया है, ‘भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण से अनुरोध है कि यात्रियों को उड़ान भरने के लिए अनुमति देने से पहले रिपोर्ट की जांच करे.’
राज्य सरकार सोमवार को राज्य में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए निवारक उपायों को लेकर संशोधित मानक संचालन प्रक्रिया लेकर आई.
आदेश में कहा गया है कि ट्रेनों में यात्रा करने के मामले में महाराष्ट्र में आगमन के निर्धारित समय के पहले 96 घंटे के भीतर आरटी-पीसीआर नमूनों का संग्रह किया जाना चाहिए.
आदेश में कहा गया कि आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट नहीं रखने वाले हवाई यात्रियों को अनिवार्य रूप से संबंधित हवाई अड्डों पर अपने पैसे से आरटी-पीसीआर जांच करानी होगी.
सरकार ने आदेश में कहा, ‘हवाई अड्डा जांच केंद्रों की व्यवस्था करेगा और जांच के लिए यात्रियों से सीधे शुल्क लेगा. हवाई अड्डा संचालक यात्रियों को परीक्षण करने के बाद ही घर जाने की अनुमति देंगे.’
आदेश में कहा गया है, ‘जिन यात्रियों की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, उनसे संपर्क किया जाएगा और मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज किया जाएगा.’
सरकार ने कहा कि सड़क यात्रा के मामले में संबंधित जिलों के कलेक्टर यह सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था करेंगे कि दिल्ली-एनसीआर, राजस्थान, गुजरात और गोवा के यात्रियों के शरीर के तापमान की जांच करने के साथ बीमारी के लक्षणों की जांच की जाए.
अमर उजाला के मुताबिक, इसी तरह ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. दिल्ली-एनसीआर, गुजरात, महाराष्ट्र और गोवा से चलने वाले या वहां से गुजरने वाली ट्रेनों के सभी यात्रियों को आरटी-पीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी पड़ेगी अगर वो महाराष्ट्र में प्रवेश करना चाहते हैं.
महाराष्ट्र में घुसने से कम से कम 96 घंटे पहले सैंपल लिया होना चाहिए. जिनके पास निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट नहीं होगी उनका उस स्टेशन पर लक्षण और बुखार की जांच की जाएगी, जिनमें लक्षण नहीं होंगे उन्हें जाने दिया जाएगा.
वहीं जिनमें लक्षण होंगे उन्हें अलग करके एंटीजन टेस्ट किया जाएगा, एंटीजन टेस्ट निगेटिव आने पर घर जाने दिया जाएगा. अगर पॉजिटिव आते हैं तो उन्हें कोविड केयर सेंटर भेजा जाएगा. जहां उन्हें अपने खर्च पर इलाज कराना होगा.
इसके अलावा महानगरपालिका आयुक्त और जिलाधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है कि ठीक इसी तरह के नियम सड़क मार्ग यानी बस या कार से आने वाले यात्रियों के लिए भी लागू किए जाएं.
राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश में ये भी कहा गया है, जो लोग संबंधित राज्यों से सड़क मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, उनकी जांच राज्य की सीमा पर स्थित जिलों के जिलाधिकारियों से सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
आदेश के अनुसार, जिनमें लक्षण नजर आते हैं तो उन्हें एंटीजन टेस्ट कराना होगा और रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही राज्य में घुसने की अनुमति दी जाएगी. यह भी कहा गया है कि कोविड-19 के लक्षण के साथ दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और गोवा से आने वाले लोगों को वापस भेज दिया जाएगा.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में कोरोना के हालात बद से बदतर होने पर चिंता जताते हुए सोमवार को इन चारों राज्यों से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने कहा है कि दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र और असम में कोरोना वायरस संक्रमण नियंत्रण से बाहर हो गया है.
गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 9,177,840 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं इस बीमारी से मृतक संख्या बढ़कर 134,218 हो गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)