केंद्र सरकार के नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने के अधिकार होंगे, लेकिन केंद्र से चर्चा किए बग़ैर वे कंटेनमेंट ज़ोन से बाहर लॉकडाउन का फैसला नहीं ले पाएंगे.
नई दिल्लीः देश के कुछ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के बढ़ रहे मामलों पर संज्ञान लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को नए दिशानिर्देश जारी किए. नए दिशानिर्देश एक दिसंबर से लागू होंगे और 31 दिसंबर तक प्रभावी रहेंगे.
दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में त्योहारी सीजन की वजह से सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ जमा होने की वजह से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं. गुजरात, हिमाचल प्रदेश और पंजाब जैसे राज्यों ने रात्रि कर्फ्यू लगा दिया है.
इन नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने के अधिकार होंगे, लेकिन केंद्र से चर्चा किए बगैर वे कंटेनमेंट जोन से बाहर लॉकडाउन का फैसला नहीं ले पाएंगे.
Only essential activities allowed in Containment Zones. Local district, police & municipal authorities shall be responsible to ensure that prescribed Containment measures are strictly followed & State/UT Govts shall ensure accountability of concerned officers: MHA#COVID19 https://t.co/R4ZwuA74Ze
— ANI (@ANI) November 25, 2020
दिशानिर्देशों के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन में सभी एहतियातों के पालन कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासनों की होगी. कंटेनमेंट जोन की सूची को जिला कलेक्टरों और संबंधित राज्यों की वेबसाइटों पर प्रकाशित करना होगा.
कंटेनमेंट जोन के लिए बनाए गए नियमों का पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस, निगम और जिला प्रशासन की होगी. राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें इस बारे में अधिकारियों की जवाबदेही तय करेंगी.
नई दिशानिर्देशों में भी सिनेमा हॉल्स, थियेटर्स, स्विमिंग पूल्स आदि को लेकर पाबंदियां जारी हैं. सिनेमा हॉल अभी भी 50 फीसदी दर्शक क्षमता के साथ चलेंगे. स्विमिंग पूल्स का इस्तेमाल सिर्फ खिलाड़ियों की ट्रेनिंग के लिए हो सकेगा.
गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के मुताबिक, किसी भी तरह के कार्यक्रम चाहे वे धार्मिक हों, सामाजिक हों, खेल से जुड़े हों, मनोरंजन या शैक्षणिक हों, उसमें 200 से ज्यादा लोग शामिल नहीं हो सकते लेकिन अगर राज्य सरकारें चाहें तो इस संख्या को 100 या उससे भी कम पर सीमित कर सकती हैं.
राज्यों को अपने यहां के हालात के हिसाब से नाइट कर्फ्यू जैसे फैसले लेने की छूट है, जिन शहरों में कोरोना की साप्ताहिक दर 10 फीसदी से ऊपर रहेंगी, वहां दफ्तरों, कारखानों, दुकानों आदि में कामकाजी घंटों में अलग-अलग समय पर काम करने की सलाह दी गई है, ताकि एक ही समय में ज्यादा कर्मचारी काम न करें.
हालांकि, राज्यों को कंटेनमेंट जोन से बाहर स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू करने से पहले केंद्र के साथ चर्चा करनी होगी, बिना पूर्व चर्चा के स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू नहीं किए जा सकेंगे.
नए दिशानिर्देशों में कहा गया है कि एक राज्य से दूसरे राज्य या किसी राज्य के ही भीतर लोगों और सामानों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं रहेगी. आवाजाही के लिए अलग से किसी भी तरह के परमिट या ई-परमिट की जरूरत नहीं होगी.
ज्यादा जोखिम वाले लोगों जैसे 65 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों, पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है, जब तक बहुत ही ज्यादा जरूरी न हो, उन्हें बाहर निकलने से बचना चाहिए.
राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि लोग मास्क लगाएं, हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करते रहें और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें. मास्क न लगाने वालों पर राज्य सरकार अपने हिसाब से जुर्माना तय कर सकती हैं.
भीड़भाड़ वाले इलाकों खासकर बाजारों, साप्ताहिक बाजारों और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सोशल डिस्टेंसिंग के पालन की निगरानी होगी. सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर जुर्माना लगेगा, जहां तक संभव हो, वर्क फ्रॉम होम पर जोर रहना चाहिए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)