बीते 15 अक्टूबर को बलिया ज़िले के दुर्जनपुर गांव में सरकारी राशन की दुकान के आवंटन के दौरान हुए विवाद में गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी. दूसरी ओर पुलिस प्रशासन पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मामले के मुख्य आरोपी की भाभी भी बीते 22 नवंबर से अनशन कर रही हैं.
बलिया: उत्तर प्रदेश बलिया जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर गांव में पिछले माह एक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान एक व्यक्ति की हत्या के मामले में पीड़ित के परिजनों ने रविवार को न्याय की मांग को लेकर अनशन शुरू कर दिया.
बैरिया क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक राजेश तिवारी ने बताया कि रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में पिछले 15 अक्टूबर को एक सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान जयप्रकाश पाल की हत्या कर दी गई थी.
उन्होंने बताया कि जयप्रकाश की पत्नी धर्मशीला देवी ने परिवार की आठ महिलाओं के साथ आज (रविवार) अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनशन शुरू कर दिया.
धर्मशीला देवी ने पत्रकारों से कहा, ‘मेरी मांग है कि घटना के समय वायरल वीडियो फुटेज की निष्पक्षता पूर्वक जांच कर दोषियों के विरूद्ध रासुका के तहत कार्रवाई की जाए.’
उनका कहना है कि घटना के बाद प्रशासन ने परिवार को सांत्वना दी थी और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था लेकिन डेढ़ माह बीत जाने के बाद तक मांगें पूरी नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि इसके बाद उनके विरुद्ध फर्जी मुकदमा कायम कर दिया गया.
पुलिस उपाधीक्षक राजेश तिवारी ने बताया कि इस मामले में सभी नामजद आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
अज्ञात आरोपी के विरुद्ध विवेचना के उपरांत कार्रवाई की जाएगी.
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, गोलीकांड में मारे गए जयप्रकाश पाल की पत्नी धर्मशीला देवी ने 26 नवंबर को एसडीएम को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि पति के हत्या में शामिल नामजद लोगों को पुलिस ने जेल भेज दिया, लेकिन जो 20-25 अज्ञात लोगों के विरुद्ध केस दर्ज कराया गया था, उन पर पुलिस ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है.
उन्होंने कहा था कि अगर 24 घंटे के अंदर अज्ञात लोगों की पहचान करके उनकी गिरफ्तारी नहीं की गई और दुर्जनपुर कांड के मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह डब्लू की भाभी आशा प्रताप सिंह द्वारा लिखवाए गए फर्जी मुकदमे वापस नहीं लिए गए तो वह परिवार संग अनशन पर बैठ जाएंगी.
रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य आरोपी धीरेंद्र सिंह डब्लू की भाभी आशा प्रताप सिंह का अनशन बीते 22 नवंबर से जारी है. आशा प्रताप सिंह के साथ उनके घर की महिलाएं भी बैठी हैं. उन्होंने पुलिस प्रशासन पर एक पक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो वह जीवन का अंत कर लेंगी.
गौरतलब है कि जिले के रेवती थाना क्षेत्र के दुर्जनपुर ग्राम में बीते 15 अक्टूबर को सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान के आवंटन के दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दो पक्षों में विवाद हो गया था. इस दौरान गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी तथा कई लोग घायल हो गए थे.
मृतक की पहचान 45 वर्षीय जयप्रकाश पाल के रूप में हुई थी. मृतक के भाई चंद्रमा पाल की तहरीर पर धीरेंद्र प्रताप सिंह समेत आठ नामजद और 25 अज्ञात के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. राज्य सरकार ने सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) सुरेश कुमार पाल और सर्किल अधिकारी चंद्रकेश कुमार सहित मौके पर मौजूद 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था.
मुख्य आरोपी धीरेंद्र प्रताप सिंह को भाजपा का स्थानीय नेता बताया जा रहा था. हालांकि भाजपा के बलिया जिला इकाई के अध्यक्ष जय प्रकाश साहू ने सिंह को पार्टी का कार्यकर्ता मानने से इनकार किया था. उन्होंने कहा था कि वह भाजपा का समर्थक जरूर हो सकते हैं.
वहीं, भाजपा विधायक ने मुख्य आरोपी का बचाव किया था. इस घटना के बाद बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र से भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा था कि इस तरह की घटनाएं कहीं भी हो सकती हैं.
सुरेंद्र सिंह ने कहा था, ‘घटना बहुत दुखद है, इसे नहीं होना चाहिए था, लेकिन मैं प्रशासन द्वारा एकतरफा जांच किए जाने की निंदा करता हूं. कोई भी घटना के दौरान घायल छह महिलाओं के दुख को नहीं देख रहा है. धीरेंद्र सिंह ने आत्मरक्षा में गोली चलाई है.’
विधायक ने कहा था, ‘अगर उन्होंने (आरोपी) फायर नहीं किया होता तो उनके दर्जनों रिश्तेदार मारे जाते. दोषियों को कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए. जो भी हुआ वह नहीं होना चाहिए था, लेकिन पुलिस को दूसरे पक्ष के खिलाफ भी कार्रवाई करनी चाहिए जिसने महिला पर लाठी और लोहे के रॉड से हमला किया.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)