आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का लोन देने और इसके बदले में वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत द्वारा चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को कारोबारी फ़ायदा पहुंचाने का आरोप है. आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को पिछले साल जनवरी में बर्ख़ास्त कर दिया था.
नई दिल्ली/मुंबई: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आईसीआईसीआई की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) चंदा कोचर की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने बैंक से उन्हें बर्खास्त करने के खिलाफ दायर अर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा अस्वीकार किए जाने के फैसले को चुनौती दी थी.
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘माफ कीजिए, हम हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने को इच्छुक नहीं हैं.’ शीर्ष अदालत ने कहा, ‘यह मामला निजी बैंक और कर्मचारी के बीच का है.’
पीठ चंदा कोचर की उस अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने हाईकोर्ट द्वारा पांच मार्च को दिए आदेश को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने आईसीआईसीआई बैंक के प्रबंधक निदेशक और सीईओ पद से बर्खास्त करने के खिलाफ अर्जी खारिज कर दी थी और साथ ही रेखांकित किया था कि विवाद कार्मिक सेवा की संविदा से उत्पन्न हुआ है.
गौरतलब है कि आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन को 3,250 करोड़ रुपये का लोन देने और इसके बदले में वीडियोकॉन के वेणुगोपाल धूत द्वारा चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को कारोबारी फायदा पहुंचाने का आरोप है.
लोन का 86 फीसदी हिस्सा यानी लगभग 2,810 करोड़ रुपये चुकाया नहीं गया था. इसके बाद 2017 में आईसीआईसीआई द्वारा वीडियोकॉन के खाते को एनपीए में डाल दिया गया.
दिसंबर 2008 में धूत ने दीपक कोचर और चंदा कोचर के दो अन्य रिश्तेदारों के साथ एक कंपनी खोली, उसके बाद इस कंपनी को अपनी एक कंपनी द्वारा 64 करोड़ रुपये का लोन दिया. इसके बाद उस कंपनी (जिसके द्वारा लोन दिया गया था) का स्वामित्व महज 9 लाख रुपयों में एक ट्रस्ट को सौंप दिया, जिसके प्रमुख दीपक कोचर हैं.
इसके बाद जनवरी 2019 में आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज जस्टिस बीएन श्रीकृष्णा की जांच के आधार पर फैसला लिया था कि कोचर के इस्तीफे को उनकी ‘गंभीर गलतियों के लिए बर्खास्तगी’ के तौर लेगा. इसके साथ ही अप्रैल 2009 से मार्च 2018 तक उनको दिए गए सभी तरह के बोनस को वापस लेगा और इस मामले में आवश्यक सभी जरूरी कदम उठाएगा.
अदालत ने धनशोधन मामले में दीपक कोचर को जमानत से इनकार किया
मुंबई की एक अदालत ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर के पति और धनशोधन मामले के आरोपी कारोबारी दीपक कोचर की जमानत अर्जी मंगलवार को खारिज कर दी.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन धनशोधन मामले में दीपक कोचर को सितंबर में धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया था.
विशेष पीएमएलए जस्टिस पीपी राजवैद्य ने दीपक कोचर की नियमित जमानत अर्जी को खारिज कर दिया, जिसे तकनीकी आधार पर दाखिल किया गया था.
अदालत ने पिछले महीने उनकी स्वाभाविक जमानत की याचिका को खारिज कर दिया था. उन्होंने इस आधार पर आवेदन किया था कि ईडी ने निश्चित समय में मामले में आरोप-पत्र दाखिल नहीं किया है.
ईडी ने सीबीआई द्वारा कोचर दंपति, वीडियोकॉन समूह के प्रवर्तक वेणुगोपाल धूत और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर धनशोधन का मामला दर्ज किया था.
ईडी ने वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को 1,875 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी अवैध तरीके से देने के मामले में कोचर दंपती और उनकी कारोबारी इकाइयों के खिलाफ धनशोधन के आरोप तय किए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)