यह राशि सार्वजनिक क्षेत्र की 101 कंपनियों द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड्स के तहत दान किए गए 2,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त थी. कर्मचारियों के वेतन से ओएनजीसी ने सबसे अधिक 29.06 करोड़ रुपये दिए, वहीं बीएसएनएल ने भी कर्मचारियों के वेतन से 11.43 करोड़ रुपये इस फंड में दिए.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत (पीएम-केयर्स) फंड में 100 से अधिक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) ने अपने कर्मचारियों के वेतन से 155 करोड़ रुपये की राशि दान की थी.
यह राशि इन पीएसयू द्वारा कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) फंड्स के तहत दान किए गए 2400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस जानकारी का खुलासा तब हुआ जब अखबार ने 120 से अधिक पीएसयू में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगी.
इन पीएसयू में से कर्मचारियों के वेतन से सबसे अधिक दान ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने 29.06 करोड़ रुपये का किया. ओएनजीसी ने ही अपने सीएसआर फंड्स से सबसे अधिक 300 करोड़ रुपये की राशि दान की थी.
आरटीआई के माध्यम से मिली जानकारी से पता चलता है कि बीएसएनएल के कर्मचारियों ने भी 11.43 करोड़ रुपये का दान दिया.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल आरटीआई के जवाब से पता चलता है कि 24 पीएसयू ने अपने कर्मचारियों के वेतन से एक करोड़ रुपये या उससे अधिक की राशि दान की थी.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने अपने कर्मचारियों के वेतन से 23.99 करोड़ रुपये, जबकि सीएसआर फंड्स से 225 करोड़ रुपये दिए थे.
नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) कर्मचारियों का वेतन दान करने वाला पांचवां बड़ा पीएसयू है जिसने 7.58 करोड़ रुपये दिए किए.
रेलटेल कॉरपोरेशन से 5.30 करोड़ रुपये सीएसआर से जबकि 15.03 लाख रुपये कर्मचारियों के वेतन से दिए. इसके साथ ही उसने 6.70 करोड़ रुपये आयकर की धारा 80जी के तहत दान किए.
मालूम हो कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए जनता से आर्थिक मदद प्राप्त करने के लिए 27 मार्च 2020 को पीएम केयर्स फंड का गठन किया गया था.
फंड का प्रबंधन करने वाले प्रधानमंत्री कार्यालय ने यह दावा करते हुए कि फंड अधिनियम के तहत पब्लिक अथॉरिटी नहीं नहीं है, आरटीआई अधिनियम के तहत सूचना सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया था.
31 मार्च तक इसमें 3,076 करोड़ रुपये का फंड था, जिसमें कहा गया था कि 3,075.85 करोड़ रुपये स्वैच्छिक योगदान के तहत आए हैं.
इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि सार्वजनिक क्षेत्र की 38 कंपनियों ने अपने सीएसआर फंड से 2,105 करोड़ रुपये की राशि दान की थी.
अखबार ने कहा कि 4 दिसंबर तक उसे 121 पीएसयू से जवाब मिले. इनमें से 71 ने कहा कि उन्होंने पीएम-केयर्स फंड में कर्मचारियों के वेतन और सीएसआर फंड्स दोनों से दान दिए.
रिपोर्ट में कहा गया, ‘इन सभी में से 101 पीएसयू ने 154.70 करोड़ रुपये अपने कर्मचारियों के वेतन से दान दिए और 98 कंपनियों ने 2422.87 करोड़ रुपये सीएसआर फंड से दान किए.’
गठन के बाद से ही यह फंड अपने कामकाज में अत्यधिक गोपनीयनता बरतने को लेकर आलोचनाओं को घेरे में है.
जहां कुछ लोग प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) के होते हुए दूसरा फंड गठित करने पर सवाल उठा रहे हैं तो वहीं कुछ लोग फंड की जानकारी सार्वजनिक न किए जाने पर भी आपत्ति जता रहे हैं.
फंड को कानूनी चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएनआरएफ में पीएम-केयर्स से पैसे ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया था.