असम के कछार ज़िले में बजरंग दल के प्रभारी मिथुन नाथ आरोप है कि उन्होंने संगठन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा था कि क्रिसमस के दौरान किसी भी हिंदू को चर्च में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसका पालन नहीं करने वालों को ख़ामियाजा भुगतना होगा.
सिलचरः असम के कछार जिला प्रशासन ने पुलिस से कहा है कि वह बजरंग दल के एक स्थानीय नेता के कथित भड़काऊ भाषण की जांच करे जिसमें क्रिसमस समारोह के दौरान चर्च जाने वाले हिंदुओं को पीटने की धमकी दी गई है.
हिंदूवादी संगठन बजरंग दल के एक नेता के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो पर लेते हुए कछार की उपायुक्त कीर्ति जल्ली ने रविवार को कहा कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक से मामले की जांच करने और आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमें फिलहाल अभी तक इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है. हालांकि, हम वीडियो देखने के बाद घटना की जांच कर रहे हैं.’
बजरंग दल के कछार के प्रभारी मिथुन नाथ पर आरोप है कि उन्होंने तीन दिसंबर को संगठन के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा था कि क्रिसमस के दौरान किसी भी हिंदू को चर्च में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
वीडियो में नाथ को कथित तौर पर यह कहते सुना जा सकता है, ‘हिंदुओं को पीटा जाएगा. ईसाई हमारे मंदिरों को बंद कर देंगे और हम उनके चर्चों में मस्ती करने जाएंगे. मैं ऐसे हिंदुओं की निंदा करता हूं. उन्हें सबक सिखाने की जरूरत है.’
मिथुन नाथ ने कथित तौर पर कहा, ‘हम आज यह घोषणा करते हैं कि क्रिसमस पर किसी भी हिंदू को चर्च में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. अगर कोई जाता है तो बजरंग दल अपना जवाब देगा.’
उन्होंने मेघालय के ईसाई बाहुल्य शिलॉन्ग में रामकृष्ण मिशन से जुड़े विवेकानंद सेंटर को कथित तौर पर बंद किए जाने का उल्लेख किया.
नाथ ने कहा, ‘मीडिया के दोस्त हमें असहिष्णु और गुंडा दल कहेंगे. ठीक है, हम स्वीकार करते हैं. अगर कोई हमारी मां और बहन से बदतमीजी करेगा और हम उसका जवाब देंगे तो हम गुंडे हैं. हम उसे स्वीकार करते हैं, लेकिन फिर भी हम किसी को हमारी मांओं और बहनों का अनादर नहीं करने देंगे.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे पता है कि अगले दिन 26 दिसंबर को अखबारों में क्या हेडलाइंस होगी. यह असहिष्णु बजरंग दल होगा, जिसने ओरिएंटल स्कूल में तोड़फोड़ की.’
उन्होंने कटाक्ष करते हुए बजरंग दल के सदस्यों से कानून के अनुरूप काम करने की अपील करते हुए कहा कि कानून सिर्फ हिंदुओं के लिए है और उन्हें कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.
नाथ ने कहा, ‘आप मंदिर खोलो, हम चर्च को भी मंजूरी देंगे. हम स्वागत करते हैं लेकिन अगर आप मंदिर बंद कर देंगे तो हम यहां चर्च को मंजूरी नहीं देंगे.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)