केरल में सोमवार को ख़त्म हुए निकाय चुनावों के बीच मुख्यमंत्री पिनराई विजयन द्वारा पिछले सप्ताह राज्य में बिना किसी शुल्क के कोविड-19 टीका उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी. कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ और भाजपा ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताते हुए राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की थी.
तिरुवनंतपुरम: राज्य चुनाव आयोग ने सोमवार को केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन से लोगों के बीच कोविड-19 का टीका मुफ्त में वितरित करने की घोषणा के बारे में जवाब मांगा है.
विजयन ने स्थानीय निकाय चुनावों के तीसरे चरण का प्रचार समाप्त होने से ठीक पहले शनिवार को यह घोषणा की थी.
चार जिलों मलाप्पुरम, कोझिकोड, कन्नूर और कसारगोड में चुनाव सोमवार को हुआ. इसके साथ ही तीन चरण के स्थानीय निकाय चुनाव सोमवार को समाप्त हो गए. मतगणना के नतीजे बुधवार को आएंगे.
राज्य चुनाव आयोग के सूत्रों ने कहा कि मुख्यमंत्री को एक पत्र भेजकर मामले में उनसे जवाब मांगा गया है और पूछा गया है कि किन परिस्थितियों में उन्होंने ऐसी घोषणा की.
विजयन ने सोमवार को कन्नूर में मतदान करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने राज्य के लोगों के लिए टीका मुफ्त में उपलब्ध कराने की घोषणा कर किसी तरह से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया.
बता दें कि बीते शनिवार को विजयन ने कहा था, ‘यह ज्ञात नहीं है कि राज्य में वितरण के लिए वैक्सीन की कितनी डोज़ उपलब्ध होगी, लेकिन राज्य सरकार इसे मुफ्त में वितरित करेगी. किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा.’
हालांकि, कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ और भाजपा ने विजयन की घोषणा के खिलाफ रविवार को राज्य चुनाव आयोग से शिकायत की और कहा कि इससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है.
विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का बयान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है क्योंकि चार उत्तरी जिलों में 14 दिसंबर को स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं. वहीं, सत्तारूढ़ माकपा ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘बचकाना’ करार दिया था.
केरल से पहले तमिलनाडु और मध्य प्रदेश की सरकारों द्वारा भी इसी तरह की घोषणा की जा चुकी है.
बिहार चुनाव में भाजपा ने की थी मुफ्त टीके की घोषणा, चुनाव आयोग ने नहीं माना था उल्लंघन
हालांकि, केरल में निकाय चुनावों के दौरान मुफ्त कोविड-19 टीके की घोषणा को आचार संहिता का उल्लंघन बताने वाली भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान अपने प्रमुख वादों के रूप में कोविड-19 टीके को उपलब्ध कराना बताया था.
भाजपा के घोषणापत्र को जारी करते हुए खुद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था, जब तक कोरोना वायरस का टीका नहीं आता है, तब तक मास्क ही टीका है, लेकिन जैसे ही टीका आ जाएगा तो भारत में उसका उत्पादन बड़े स्तर पर किया जाएगा. हमारा संकल्प है कि जब टीका तैयार हो जाएगा तब हर बिहारवासी को कोरोना वायरस का टीका निशुल्क उपलब्ध कराया जाएगा.
भाजपा के इस घोषणा की विपक्षी दलों ने तीखी आलोचना की थी. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था कि अब वैक्सीन के लिए जनता को अपने राज्य में चुनाव का इंतजार करना पड़ेगा वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि वैक्सीन भाजपा का नहीं बल्कि देश का है.
इसके बाद आरटीआई कार्यकर्ता साकेत गोखले की शिकायत पर भाजपा को क्लीन चिट देते हुए चुनाव आयोग ने कहा था कि मुफ्त कोविड-19 वैक्सीन देने का भाजपा द्वारा घोषणापत्र में किया गया वादा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)