हरियाणा के करनाल ज़िले का मामला. हादसे में आठ अन्य किसान भी घायल हुए हैं. मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले 15 से भी ज़्यादा दिन से दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है.
नई दिल्ली: हरियाणा के करनाल जिले में मंगलवार को सुबह दिल्ली की सीमाओं के पास विरोध स्थल से पटियाला लौट रहे पंजाब के दो किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉली को एक ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे उनकी मौत हो गई. पुलिस ने यह जानकारी दी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, तरावड़ी फ्लाईओवर पर हुई इस घटना में आठ अन्य किसान को चोटें आई हैं, वहीं ट्रॉली पर बैठे अन्य लोगों को मामूली चोटें आईं.
मृतकों की पहचान गुरप्रीत सिंह (22) और लाभ सिंह (62) के रूप में हुई है. वे पटियाला के साफेरल गांव के रहने वाले थे. पीड़ितों को राजिंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल और करनाल समेत पटियाला में तीन अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
Two #farmers died, eight injured in the intervening night of Dec14 / 15 in a road accident between tractor-trolley and truck near Trawari tehsil of #Karnal district of #Haryana. All farmers in trolley were from Safera village of #Patiala . @IndianExpress @iepunjab
— raakhijagga (@raakhijagga) December 15, 2020
तरावड़ी थाने के एसएचओ इंस्पेक्टर सचिन ने बताया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली में सफर कर रहे किसानों में से एक द्वारा पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार संभवत: ट्रक चालक गाड़ी चलाते समय सो गया होगा, जिसके कारण यह हादसा हुआ.
उन्होंने कहा कि ट्रक चालक मौके से भागने में कामयाब रहा. घटना के संबंध में कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है .
उन्होंने कहा, ‘किसान दिल्ली से लौट रहे थे. वे पटियाला में सदर पुलिस थाने के तहत आने वाले साढेरा के थे.’
इसके अलावा टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे भारतीय किसान यूनियन (उग्रहण) के जिला अध्यक्ष पूरन सिंह डोडा को एक कार ने टक्कर मार दी, जिसके चलते उन्हें पीजीआई, रोहतक में भर्ती कराया गया है. 75 वर्षीय डोडा गंभीर स्थिति में हैं.
He is district president of BKU Ugrahan from #Muktsar district of #Punjab @IndianExpress @iepunjab
— raakhijagga (@raakhijagga) December 15, 2020
रिपोर्ट के मुताबिक, जब वे शौचालय जाने के लिए सड़क पार कर रहे थे, तभी एक कार ने उन्हें टक्कर मार दी.
बता दें कि इससे पहले किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग कारणों से कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है.
केंद्र द्वारा तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा और अन्य जगहों के हजारों किसान बीते 26 नवंबर से अधिक समय से सिंघू और टिकरी सहित दिल्ली के विभिन्न बार्डरों के पास विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
उनका मानना है कि नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा, जिससे वे कॉरपोरेट घरानों की ‘दया’ पर रह जाएंगे.
किसानों का कहना है कि वे निर्णायक लड़ाई के लिए दिल्ली आए हैं और जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, तब तक उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
बता दें कि बीते 9 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक के बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा विवादित कानूनों के संबंध में भेजे गए मसौदा प्रस्ताव को कृषि संगठनों ने सर्वसम्मति से खारिज कर दिया था.
तीन नए और विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले 20 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीते सोमवार को दिनभर भूख हड़ताल भी की. इसके साथ ही देश के अन्य हिस्सों में भी किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)