बीते सोमवार से एम्स के करीब पांच हज़ार नर्स अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे. छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा लागू करना और अनुबंध आधारित भर्ती ख़त्म करना नर्सों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं.
नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एम्स की नर्सों के संघ को अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने पर रोक लगा दी है. एम्स का नर्स संघ अपनी मांगों को लेकर सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चला गया है.
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस नवीन चावला की एकल पीठ ने यह देखते हुए कि नर्सों के संघ की मांगों पर प्रशासन द्वारा विचार किया जा रहा है, यह आदेश पारित किया.
अदालत ने कहा, ‘अगले आदेश तक हड़ताल जारी रखने पर रोक लगाई जाती है.’
दिल्ली हाईकोर्ट ने यह आदेश भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की ओर से दायर याचिका पर दिया. इसके साथ ही अदालत ने याचिका पर संघ से जवाब मांगा है.
एम्स ने कहा था कि हड़ताल गैरकानूनी थी और औद्योगिक विवाद अधिनियम के उल्लंघन था, क्योंकि उसकी धारा 22 के तहत छह सप्ताह का कोई नोटिस नहीं दिया गया था.
वकील वीएसआर कृष्णा के माध्यम से पेश होते हुए एम्स ने कहा कि हड़ताल ने एम्स के कर्मचारियों द्वारा ऐसी किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाने वाली (दिल्ली हाईकोर्ट के) एक डिवीजन बेंच के आदेश का भी उल्लंघन किया. आदेश के अनुसार, यह कहा गया था कि एम्स परिसर में कोई नारेबाजी, धरना नहीं हो सकता है.
एम्स ने यह भी कहा था कि एम्स एक पब्लिक यूटिलिटी है, इसकी नर्सों द्वारा जारी हड़ताल सार्वजनिक हित के खिलाफ थी.
वकील कृष्णा ने कहा, ‘नर्सों ने अपनी नौकरी छोड़ दी. एम्स एक कोविड अस्पताल है.’
अदालत को यह भी बताया गया कि नर्सों द्वारा उठाई गईं सभी शिकायतों को सहानुभूतिपूर्वक देखा जा रहा था.
एम्स ने अदालत को बताया कि छठे वेतन आयोग से संबंधित नर्सों की मांग को पूरी करने में उसकी कोई भूमिका नहीं है और हड़ताल दबाव बनाने का तरीका है. मामले की अगली सुनवाई 18 जनवरी, 2021 को होगी.
वहीं, एम्स के दिल्ली हाईकोर्ट जाने पर एम्स नर्सेस यूनियन ने ट्वीट कर कहा, ‘नर्सिंग यूनियन से बात करने के बजाय एम्स प्रशासन एम्स की नर्सों के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट चला गया.’
Latest update (15/12/2020, 4 pm) on AIIMS NURSES #IndefiniteStrike @aiims_newdelhi @NCI_JHAJJAR.
Rather than talking to Nursing Union, AIIMS administration has moved to Delhi HC against AIIMS NURSES. @drharshvardhan @ndtvindia @PMOIndia pic.twitter.com/kfc4HI0iBt— AIIMS NURSES UNION (@nsgunionaiims) December 15, 2020
बता दें कि नर्सों की मांगों में छठे केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसा को लागू करना और अनुबंध पर भर्ती खत्म करना आदि शामिल है. करीब पांच हजार नर्स सोमवार दोपहर से हड़ताल पर चले गए, जिससे इस प्रतिष्ठित अस्पताल में रोगी देखभाल सेवाएं बाधित हुईं.
संघ ने एम्स पर मरीजों के साथ क्रूरता का आरोप लगाया
बीते सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर गए एम्स नर्सेस यूनियन ने मंगलवार को अस्पताल प्रशासन पर मरीजों की परेशानियों के लिए आरोप लगाया. सोमवार से ही एम्स के एक वार्ड का वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा था जिसमें बेड पर पड़े मरीजों को देखने के लिए कोई मौजूद नहीं था.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के वार्ड के अंदर मरीजों को देखने के लिए किसी के मौजूद न होने पर नर्सों ने आश्चर्य जताया और एक बयान जारी कर कहा कि अस्पताल अधिकारी अनुबंध पर नर्सों को भर्ती करने की अपनी योजना के साथ रोगियों को जोखिम में डाल रहे हैं जो अकुशल और अनुभवहीन हैं.
#IndefiniteStrike @aiims_newdelhi @NCI_JHAJJAR 🙏🙏✌️✌️ pic.twitter.com/usY1ihK18Y
— AIIMS NURSES UNION (@nsgunionaiims) December 15, 2020
क्रूरता और लापरवाहीपूर्ण व्यवहार का अस्पताल पर आरोप लगाते हुए नर्स संघ ने कहा कि योजना श्रमिक विरोधी है, क्योंकि संविदा कर्मचारियों को हमेशा कम वेतन मिलता है.
बयान में कहा गया, ‘यदि वे वास्तव में रोगियों के लिए चिंतित हैं तो वे हमें चर्चा या बातचीत के लिए बुला सकते हैं. हमें हड़ताल का नोटिस भेजे हुए एक महीना हो गया है, लेकिन हमें किसी ने भी चर्चा के लिए नहीं बुलाया है.’
बता दें कि नर्सिंग कर्मचारियों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के बाद ठेके पर बाहर के कर्मचारियों को बुलाया गया है. मरीजों को चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए दिल्ली एम्स ने अस्थायी तौर पर इन नर्सिंग कर्मचारियों को तैनात किया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)