राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के सर्वे से पता चला है कि आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में 15 वर्ष से 19 वर्ष की आयुवर्ग में सबसे ज़्यादा संख्या में महिलाएं या तो मां बन चुकी थीं या गर्भवती थीं.
नयी दिल्ली: देश में बाल विवाह की घटनाएं सबसे अधिक बिहार, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में देखी जा रही हैं. इन राज्यों में 40 फीसदी से अधिक लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र में हुईं.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) के सर्वेक्षण में यह खुलासा हुआ. यह सर्वे देश के 22 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में हुआ.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के दौरान आंध्र प्रदेश (12.6 फीसदी), असम (11.7 फीसदी), बिहार (11 फीसदी), त्रिपुरा (21.9 फीसदी), पश्चिम बंगाल (16.4 फीसदी) में 15 वर्ष से 19 वर्ष की आयुवर्ग में सबसे ज्यादा संख्या में महिलाएं या तो मां बन चुकी थीं या गर्भवती थीं.
एनएफएचएस-5 के तहत सर्वेक्षण 6.1 लाख घरों में हो रहा है, जिसमें साक्षात्कार के माध्यम से जनसंख्या, स्वास्थ्य, परिवार नियोजन और पोषण से संबंधित कारकों पर सूचनाएं जुटाई जा रही हैं.
बिहार (40.8 फीसदी), त्रिपुरा (40.1 फीसदी) और पश्चिम बंगाल (41.6 फीसदी) उन राज्यों में शामिल हैं, जहां सर्वेक्षण में शामिल 20 से 24 वर्ष की महिलाओं में से अधिकतर का विवाह 18 वर्ष की उम्र से पहले हो गया था.
सर्वेक्षण में बताया गया कि असम में 20 से 24 वर्ष उम्र वर्ग की महिलाओं में से 31.8 फीसदी की शादी 18 साल से कम उम्र में हुई.
आंध्र प्रदेश में ऐसी महिलाओं की संख्या 29.3 फीसदी, गुजरात में 21.8 फीसदी, कर्नाटक में 21.3 फीसदी, महाराष्ट्र में 21.9 फीसदी, तेलंगाना में 23.5 फीसदी और दादरा एवं नागर हवेली तथा दमन एवं दीव में ऐसी महिलाओं की संख्या 26.4 फीसदी पाई गई.
जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सर्वेक्षण किया गया, वहां शादी की कानूनी उम्र 21 वर्ष से पहले पुरुषों की शादी की संख्या महिलाओं की तुलना में काफी कम है.
सर्वे के मुताबिक, असम (21.8 फीसदी), बिहार (30.5 फीसदी), गुजरात (27.7 फीसदी), त्रिपुरा (20.4 फीसदी), पश्चिम बगाल (20 फीसदी) और लद्दाख (20.2 फीसदी) वे राज्य और केंद्रशासित प्रदेश हैं, जहां तुलनात्मक रूप से 25-29 साल के आयुवर्ग के पुरुषों की शादियां 21 साल की उम्र से पहले ही हो गईं.
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि 17 राज्यों और पांच केंद्रशासित प्रदेशों में एनएफएचएस के परिणाम पहले चरण के तहत जारी कर दिए गए हैं और दूसरे चरण में जिन राज्यों में सर्वेक्षण हो रहा है उनके परिणाम अगले वर्ष जारी किए जाएंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)