दिल्ली पुलिस ने तबलीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ वीज़ा शर्तों के उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों को लेकर चार्जशीट दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने ठोस सबूत नहीं मिलने पर सभी को बरी कर दिया.
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने देश में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हुए कथित तौर पर तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए आरोपों का सामना कर रहे 36 विदेशियों को मंगलवार को बरी कर दिया.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुण कुमार गर्ग ने 14 देशों के इन विदेशियों को सभी आरोपों से बरी कर दिया.
अदालत ने 24 अगस्त को भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (सरकारी सेवक द्वारा लागू आदेश का पालन नहीं करना), 269 (संक्रमण फैलाने के लिए लापरवाही भरा कृत्य करना) और महामारी कानून की धारा तीन (नियमों को नहीं मानना) के तहत विदेशियों के खिलाफ आरोप तय किए थे.
आपदा प्रबंधन कानून, 2005 की धारा 51 के तहत भी उनके खिलाफ आरोप तय किए गए थे.
36 foreign nationals belonging to #TablighiJamat who had chosen to contest the charges against them have been acquitted by a Delhi court today. They were earlier discharged of charges under Section 14 Foreigners Act in August this year.
— The Leaflet (@TheLeaflet_in) December 15, 2020
इन्हें अगस्त महीने में विदेशी कानून की धारा 14 (एक)(बी)(वीजा नियमों का उल्लंघन), आईपीसी की धारा 270 (संक्रमण फैलाने के लिए लापरवाही भरा कृत्य करना) और 271 (पृथकवास के नियमों को नहीं मानना) के तहत आरोपों से मुक्त कर दिया गया था.
इससे पहले साकेत अदालत ने ठोस सबूत नहीं मिलने पर छह देशों के आठ विदेशी नागरिकों को भी आरोपमुक्त कर दिया था. उनके खिलाफ भी आरोप-पत्र दाखिल किए गए थे.
अदालत ने इन लोगों को आरोपमुक्त करते हुए कहा था कि पूरे आरोप-पत्र और अन्य दस्तावेजों को देखने के बाद पता चलता है कि ये लोग उस अवधि में मरकज के कार्यक्रम में मौजूद ही नहीं थे.
वीजा नियमों का कथित तौर पर उल्लंघन करते हुए मिशनरी गतिविधियों में हिस्सा लेने, कोविड-19 के मद्देनजर सरकारी निर्देशों का पालन नहीं करते हुए निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए विदेशियों के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल किया गया था.
हालांकि दिल्ली पुलिस ने इन सभी 44 लोगों पर से आरोप हटाए जाने का विरोध किया था. अदालत में चार्जशीट और अन्य दस्तावेजों को जमा करते हुए उन्होंने कहा था कि सभी के खिलाफ ‘प्रथमदृष्टया पर्याप्त सबूत’ हैं.
पुलिस ने इनके साथ गृह मंत्रालय द्वारा जारी सर्कुलर भी जमा किया था, जिसके अनुसार आरोपी भारत में टूरिस्ट वीजा पर आए थे, लेकिन वीजा नियमों का उल्लंघन करते हुए ‘तबलीगी जमात के कामों में संलिप्त’ थे.
बता दें कि जमात के लोग तब चर्चा में आए थे, जब मार्च में दिल्ली का निजामुद्दीन मरकज कोरोना हॉटस्पॉट बनकर उभरा था.
दिल्ली पुलिस ने वीजा शर्तों के कथित उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों में करीब 955 विदेशियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी.
हालांकि मामला दर्ज होने के बाद जमात के अधिकतर सदस्यों ने याचिका पर समझौता कर लिया था और अपने देश वापस लौट गए थे, वहीं 44 ने दिल्ली में मुकदमा लड़ने का फैसला किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)