झारखंड: धनबाद में जलती खदान में ज़मीन धंसने से महिला की मौत

घटना धनबाद के झरिया टाउन स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की कोयला खदान में हुई. यहां की कोयला खदानों में वर्षों से आग लगी हुई है, जो बुझाई जा सकी है. यहां सभी बस्तियों को हटाने का आदेश हो चुका है, लेकिन लोग इलाके को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

धनबाद के झरिया में जलता हुआ एक खदान. (फोटो: रॉयटर्स)

घटना धनबाद के झरिया टाउन स्थित भारत कोकिंग कोल लिमिटेड की कोयला खदान में हुई. यहां की कोयला खदानों में वर्षों से आग लगी हुई है, जो बुझाई जा सकी है. यहां सभी बस्तियों को हटाने का आदेश हो चुका है, लेकिन लोग इलाके को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

धनबाद के झरिया में जलता हुआ एक खदान. (फोटो: रॉयटर्स)
धनबाद के झरिया में जलता हुआ एक खदान. (प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

धनबाद: झारखंड के धनबाद में झरिया की जलती कोयला खदान में बीते शुक्रवार को उस समय एक बड़ा हादसा हो गया जब सुबह शौच के लिए गईं एक 35 वर्षीय महिला के पैर के नीचे की पूरी जमीन ही धंस गई और वह गड्ढे में वह समा गई. महिला की मौके पर ही मौत हो गई.

शुक्रवार को सिंदरी क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक अजीत कुमार सिंह ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सुबह साढ़े सात बजे कल्याणी देवी नामक यह महिला शौच होने के लिए खुली खदान की ओर गईं, जहां एकाएक उनके पैरों के नीचे की जमीन धंस गई और वह तपती खदान के भीतर समा गईं. मृतक कल्याणी के तीन बच्चे हैं.

सूचना पाकर पहुंचे भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के अधिकारियों एवं स्थानीय पुलिस ने बड़ी मशक्कत कर लगभग बारह बजे महिला को मशीनों की सहायता से बस्ताकोला इंडस्ट्री कोइलरी के जलते गड्ढे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उनकी जलने और जहरीली गैसों के चलते दम घुटने से मौत हो चुकी थी.

प्रभात खबर के मुताबिक महिला जमीन के अंदर 20 फीट नीचे चली गई थीं, पोकलेन से जमीन खोदकर शव को बाहर निकाला गया. मृतक महिला के पति दिलीप बाउरी दिहाड़ी मजदूर हैं.

घटना की सूचना पाकर वहां पहुंचे बस्ती के लोगों ने महिला के परिवार के लिए बीसीसीएल से दस लाख रुपये का हर्जाना मांगा और अपनी मांग के समर्थन में धनबाद-झरिया मार्ग को जाम कर दिया.

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड के क्षेत्र के परियोजना अधिकारी शैलेंद्र सिंह और स्थानीय पुलिस अधिकारी ने लोगों को काफी समझाया लेकिन लोग अभी अपनी मांग पर अड़े रहे.

अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में यह इस तरह की दूसरी घटना है. इससे पूर्व 23 मई, 2017 को एक पिता-पुत्र की झरिया टाउन में जमीन धंसने से मौत हो गई थी.

अधिकारियों ने बताया कि यह पूरा क्षेत्र बीसीसीएल की कोयला खदानों का है और वर्षों से यहां आग लगी हुई है जो तमाम कोशिशों के बावजूद नहीं बुझाई जा सकी है. यहां सभी बस्तियों को हटाने का आदेश हो चुका है और लोगों को अन्यत्र बसने के लिए भूमि भी आवंटित हो चुकी है लेकिन लोग इलाके को छोड़ने को तैयार नहीं हैं.

बीसीसीएल के अधिकारियों ने बताया कि यह दुर्घटना यहां अवैध रूप से रह रहे लोगों के लिए एक और चेतावनी है कि वह इस क्षेत्र को खाली कर दें अन्यथा कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)