पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन के ख्याला स्थित फैक्ट्री की छत ढही. फैक्ट्री में मोटर वाइंडिंग का काम होता था. बताया जा रहा है कि ज्यादा वजन की वजह से छत ढह गई. फैक्ट्री के मालिक को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
नई दिल्लीः पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन स्थित ख्याला में एक फैक्ट्री की छत ढहने से चार मजदूरों की मौत हो गई जबकि दो घायल हो गए.
बीते शनिवार को हुई घटना के समय फैक्ट्री में छह ही मजदूर थे. फैक्ट्री में मोटर वाइंडिंग का काम होता था.
पुलिस का कहना है कि उन्होंने फैक्ट्री मालिक महेंद्र पाल को गिरफ्तार कर लिया है, जो उत्तर नगर के रहने वाले हैं.
डीसीपी (पश्चिम) दीपक पुरोहित ने कहा, ‘सुबह लगभग दस बजे पीसीआर कॉल आई थी कि एक फैक्ट्री की छत गिर गई है, जिसमें कुछ मजदूर दब गए हैं.’
उन्होंने कहा, ‘पुलिस मौके पर पहुंची और पता चला कि हादसे वाली जगह मोटर वाइंडिंग की फैक्ट्री चल रही थी. पहली मंजिल और ग्राउंड फ्लोर को कवर करने वाली छत ढह गई थी. घायलों को तुरंत गुरु गोविंद सिंह सरकारी अस्पताल और दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया.’
दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, ‘अग्निशमन विभाग को घटना की जानकारी सुबह लगभग 10 बजे मिली जिसके बाद दमकल की चार गाड़ियों को मौके पर रवाना किया गया.’
गर्ग ने कहा कि इमारत धातु और अन्य कच्चे माल के टुकड़ों से बनी थी और माल से भरी हुई थी, जिस वजह से छत ढह गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़ितों में से एक गुड्डी बेगम (45) उस दिन दस मिनट पहले ही काम के लिए निकल गई थीं, जबकि उनका बेटा रिजवान उनके लगभग आधे घंटे बाद पहुंचा था.
उनके पति मुमताज शाह (50) का कहना है, ‘जिस समय रिजवान फैक्ट्री पहुंचा. एक मंजिल ढह चुकी थी. पड़ोसियों ने मुझे घटना के बारे में बताया और मैं देखने के लिए दौड़ा. मेरी पत्नी छत के नीचे दब गई थी. मैंने उसकी साड़ी पहचानी. मुझे उसे खींचकर बाहर निकालना पड़ा.’
गुड्डी के दो बेटे और एक बेटी हैं.
वह उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली थीं और पिछले आठ साल से इस फैक्ट्री में काम कर रही थीं. फैक्ट्री में पंखों के पार्ट्स बनाए जाते हैं.
पीड़ित परिवार का कहना है कि घटना के बाद वे फैक्ट्री के मालिक महेंद्र पाल से संपर्क नहीं कर सके थे.
वहीं, शनिवार सुबह नौ बजे चाय पीकर काम के लिए रवाना हुईं चैना देवी (35) के पति नंदराम (38) का कहना है, ‘हमारा किराये का मकान फैक्ट्री से कुछ ही दूरी पर है. सुबह लगभग 9:30 बजे मैंने तेज आवाज सुनी. लोग मौके पर पहुंचे. मैं भी सब कुछ छोड़कर भागा. मुझे एहसास हुआ कि अब वह नहीं रही.’
चैना बीते दो सालों से फैक्ट्री में काम कर रही थीं. वह लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के सहारनपुर स्थित अपने गांव गई थीं और तीन महीने पहले ही काम पर लौटी थीं.
उनके तीनों बच्चे और पति को चिंता है कि अब वे सिर्फ 7,000 रुपये में किस तरह घर चलाएंगे. चैना महीने के 6,500 रुपये कमाती थीं.
दोनों लोगों का कहना है कि वे अंतिम संस्कार के लिए शवों को उत्तर प्रदेश ले जाएंगे. इसके अलावा दो अन्य मृतकों की पहचान रमेश (35) और ट्विंकल (25) के रूप में हुई है. दोनों ही बिहार के रहने वाले थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)