बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के दौरे पर दिग्गज नेता और ममता बनर्जी सरकार के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में शामिल कराया था. टीएमसी में रहने के दौरान शुभेंदु अधिकारी एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कैमरे में घूस लेते हुए क़ैद हुए थे और भाजपा ने तब इस मामले को ज़ोर-शोर से उछाला था.
नई दिल्ली: बीते शनिवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य की यात्रा के दौरान दिग्गज नेता और ममता बनर्जी सरकार के पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी को भाजपा में शामिल कराया था और इसे ममता बनर्जी को जोरदार झटके के रूप में पेश किया था.
हालांकि, अब भाजपा को कुछ असहज सवालों का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि टीएमसी में रहने के दौरान शुभेंदु अधिकारी एक स्टिंग ऑपरेशन के दौरान कैमरे में घूस लेते हुए कैद हुए थे और भाजपा ने तब इस मामले को जोर-शोर से उछाला था.
दरअसल, मार्च 2016 में नारद न्यूज चैनल के पत्रकार मैथ्यू सैमुअल ने एक स्टिंग ऑपरेशन किया था, जिसमें टीएमसी के कई बड़े नेता और वरिष्ठ पर तैनात अधिकारी एक कंपनी को अनाधिकारिक लाभ पहुंचाने के बदले में घूस लेते कैद किए गए थे.
इस स्टिंग ऑपरेशन में टीएमसी के जो दो बड़े नेता कैमरे में कैद हुए थे उनमें से एक मुकुल रॉय थे, जिन्होंने साल 2017 में भाजपा का दामन थाम लिया था और दूसरे बड़े नेता शुभेंदु अधिकारी थे.
Video of Suvendhu Adhikari (TMC leader who recently joined BJP in presence of home minister on stage), taking bribe was posted on BJP's official youtube channel. Washing machine me dhulai k baad ab sb changa c. 😂😂@saurabhtop @Arun2981 @rohini_sgh pic.twitter.com/LvMJM3dMH3
— Vikas Chaudhary (@vikasnvb) December 21, 2020
हालांकि, खुद अमित शाह की उपस्थिति में शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया पर भाजपा के यूट्यूब पेज के वे स्क्रीनशॉट सामने आने लगे, जिनमें उसने शुभेंदु अधिकारी और मुकुल रॉय के साथ अन्य टीएमसी नेताओं के घूस लेने वाले स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो पोस्ट किया था.
हालांकि, द वायर ने जब 21 दिसंबर को भाजपा के यूट्यूब पेज पर जाकर उस वीडियो को देखना चाहा तो वीडियो उपलब्ध नहीं है, बता रहा था. इसका मतलब है कि उस वीडियो को पेज से हटा दिया गया.
लेकिन भाजपा के पश्चिम बंगाल के फेसबुक पेज बीजेपी वेस्ट बंगाल पर अभी भी इस स्टिंग ऑपरेशन से जुड़े दो पोस्ट पड़े हुए हैं. एक पोस्ट में नारद न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन का 23 मिनट 48 सेकेंड का पूरा वीडियो डाला गया है. हालांकि खबर प्रकाशित होने के दौरान ही इन्हें भी हटा दिया गया.
वहीं, दूसरे पोस्ट में मुकुल रॉय और शुभेंदु अधिकारी सहित स्टिंग ऑपरेशन में कैद हुए सभी टीएमसी नेताओं के नाम और उनका पद बताया गया है. इसमें टीएमसी सांसद प्रसून बनर्जी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सौगत रॉय, पूर्व केंद्रीय सुल्तान अहमद का नाम शामिल है.
यही नहीं, भाजपा के यूट्यूब चैनल पर अमित शाह का अप्रैल, 2017 में आज तक चैनल को दिया गया एक इंटरव्यू भी मौजूद है जिसमें वह इस स्टिंग ऑपरेशन के बहाने टीएमसी पर निशाना साध रहे हैं.
शाह खुद कई इंटरव्यू में इस स्टिंग ऑपरेशन के बारे में बात कर चुके हैं. अप्रैल, 2017 में आज तक को दिए गए एक इंटरव्यू में उन्होंने ममता बनर्जी के स्टिंग ऑपरेशन फिक्स होने के आरोपों को खारिज कर दिया था.
शाह कहते हैं, ‘आपने शायद नारद स्टिंग देखा है या नहीं देखा है मुझे नहीं पता. कोर्ट सीबीआई जांच इन सभी चीजों को साइड (किनारे) पर रख दीजिए. जब आप कैमरे के सामने घूस ले रहे हो तो किसी का दोष क्यों निकालना. आपके (ममता बनर्जी) नेता कैमरे के सामने घूस ले रहे हैं, इसका क्या जवाब है आपके पास. और नारद की सीबीआई जांच का निर्णय भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने नहीं किया है. पहले कलकत्ता (कोलकाता) हाईकोर्ट ने किया और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट, देश की सर्वोच्च अदालत ने किया है. तो सीबीआई को कारण क्यों दे रहे हैं. ये कोई गलत प्रकार के केस नहीं हैं. आप स्पष्ट रूप से घूस लेते हुए दिखाई देते हैं.’
नारद स्टिंग ऑपरेशन की सीडी फिक्स्ड होने और साजिश के ममता बनर्जी के आरोपों पर शाह आगे कहते हैं, ‘लेकिन वे नेता उनके हैं या नहीं हैं. और घूस ले रहे हैं या नहीं ले रहे हैं. तो किसी ने साजिश करी या नहीं करी, लेकिन कैमरे के बिना घूस लेना ठीक है और कैमरे के सामने कोई घूस लेते पकड़ा जाए तो ये साजिश है. मेरी तो समझ में नहीं आया कि किस प्रकार का तर्क यह दे रही हैं.’
वहीं, नेताओं पर दबाव डालकर उन्हें तोड़ने के ममता बनर्जी के आरोपों में शाह कहते हैं, ‘कितने समय से शारदा का जांच चल रहा है, कम से कम ढाई साल से. शारदा कांड में लिप्त एक भी व्यक्ति ने भारतीय जनता पार्टी को जॉइन नहीं किया है और न ही हमारा यह मकसद है.’
हालांकि, नारद से पहले 2013 के शारदा चिटफंड घोटाले में भी मुकुल रॉय का नाम सामने आया था और शाह के इस इंटरव्यू के कुछ महीने बाद नवंबर, 2017 में रॉय भाजपा में शामिल हो गए थे.
वहीं, असम सरकार में मंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का भी नाम शारदा घोटाले में आया था और वह 2016 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे और अब पूर्वोत्तर में भाजपा के कद्दावर नेता बन गए हैं.
अप्रैल, 2017 में दिए गए शाह के इस इंटरव्यू से पहले सीबीआई को मामले की जांच की मंजूरी मिल चुकी थी. लेकिन द प्रिंट की 21 अक्टूबर, 2020 की रिपोर्ट के अनुसार अभी तक शुभेंदु अधिकारी और तीन अन्य टीएमसी सांसदों के खिलाफ केस चलाने के लिए लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने मंजूरी नहीं दी है.
भाजपा का सफाई अभियान बता विपक्ष ने कसा तंज
शुभेंदु अधिकारी के भाजपा में शामिल होने और उसके साथ ही स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो भाजपा के यूट्यूब पेज से डिलीट होने की खबर सामने आने के बाद विपक्ष ने भाजपा को भ्रष्टाचार की धुलाई करने की मशीन बताते हुए उस पर तंज कसना शुरू कर दिया.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने खबर को शेयर करते हुए लिखा, ‘वाशिंग पाउडर बीजेपी.’
So @BJP allegedly removes Narada sting video from its YouTube channel
Amit Shah’s magical laundry drive continues through WB- join the BJP- emerge freshly washed & spanking clean! pic.twitter.com/iAV4Dgq3C0
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) December 21, 2020
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर कहा, ‘तो भाजपा ने कथित तौर पर अपने यूट्यूब चैनल से नारद स्टिंग वीडियो हटा दिया. अमित शाह का जादुई कपड़े धोने का अभियान पश्चिम बंगाल में जारी है. भाजपा में शामिल हो जाइए और साफ-सुधरा होकर निकलिए.’