डीडीसी चुनाव नतीजे आने के एक दिन पहले जम्मू कश्मीर में अधिकारियों ने बताया कि कम से कम 20 राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिया है. इनमें महबूबा मुफ़्ती की पार्टी पीडीपी के तीन वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं. मुफ़्ती ने आरोप लगाया कि भाजपा पर चुनाव नतीजों से छेड़छाड़ करने की कोशिश कर रही है.
श्रीनगर: जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव की मतगणना से एक दिन पहले सोमवार को अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर कम से कम 20 राजनीतिक नेताओं को हिरासत में लिया है. इसमें पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के भी तीन वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं.
पीडीपी की अध्यक्ष और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी नेताओं को हिरासत में लिए जाने को ‘गुंडा राज’ बताते हुए भाजपा पर ‘परिणामों के साथ छेड़छाड़ करने का’ षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया.
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने 20 नेताओं को एहतियात के तौर पर दिन में हिरासत में लिया है, जिनमें पीडीपी के महबूबा मुफ्ती के अंकल सरताज मदनी, मुफ्ती के पूर्व राजनीतिक सलाहकार पीरजादा मंसूर हुसैन और पूर्व मंत्री और वरिष्ठ नेता नईम अख्तर शामिल हैं.
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर घाटी के अन्य जिलों में भी मुख्यधारा के नेताओं के खिलाफ ऐसे ही कदम उठाए जा रहे हैं.
जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) की 280 सीटों पर हुए चुनाव की मतगणना मंगलवार को शुरू हो चुकी है.
Total lawlessness as PDPs Sartaj Madni & Mansoor Hussain have been arbitrarily detained today on the eve of DDC election results. Every senior police officer here is clueless as it is ‘upar say order’. No rule of law in J&K anymore. It is out & out Gunda Raj.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 21, 2020
महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में कहा, ‘पूरी तरह से कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और पीडीपी के सरताज मदनी, मंसूर हुसैन को डीडीसी चुनाव परिणाम की पूर्व संध्या पर मनमाने तरीके से आज हिरासत में लिया गया. यहां का हर वरिष्ठ अधिकारी इस बारे में अनजान है, क्योंकि यह तो ‘ऊपर से आया ऑर्डर’ है. जम्मू कश्मीर में कानून का तो शासन रह नहीं गया. यह पूरी तरह से गुंडा राज है.’
J&K admin is on an arrest spree today. PDPs Nayeem Akhtar too has been abducted by J&K police & is being taken to MLA hostel. Looks like BJP is planning to manipulate DDC results tomorrow & don’t want any resistance. Democracy is being murdered in J&K.@manojsinha_ @JmuKmrPolice
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 21, 2020
वहीं एक अन्य ट्वीट में मुफ्ती ने शाम को कहा, ‘अख्तर का अपहरण जम्मू कश्मीर की पुलिस ने किया और उन्हें एमएलए अतिथिगृह ले जा रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि भाजपा कल आने वाले डीडीसी चुनाव के नतीजों को प्रभावित करना चाहती है और कोई विरोध नहीं चाहती है. जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र की हत्या की जा रही है.’
पीडीपी नेता नईम अख्तर की बेटी शहरयार खानम ने बीते 21 दिसंबर को रात करीब 10:30 बजे ट्वीट कर कहा है, ‘मेरे पिता को इस समय हिरासत में ले लिया गया है. हमें कोई भी आदेश या सरकारी निर्देश नहीं दिखाया गया है. हम उन्हें हिरासत में लिए जाने का कारण नहीं जानते. हम हमेशा उनके साथ खड़ा रहेंगे.’
My father @shangpal has been detained at this unearthly hour. There was no order or govt instruction shown to us. We don’t know the ground of detention or the duration. Cannot relive through the horror of last year but will stand by him always. @MehboobaMufti @jkpdp
— Shehryar Khanum (@shehryar_khanum) December 21, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सरताज मदनी के बेटे अरूम मदनी ने बताया कि उन्हें अनंतनाग जिले के खानबल स्थित उनके आधिकारिक आवास से हिरासत में लिया गया. पीरजादा मंसूर हुसैन भी अनंतनाग से हैं. वहीं नईम अख्तर को श्रीनगर स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया है.
कश्मीर के आईजी पुलिस विजय कुमार, डीआईजी दक्षिण कश्मीर अतुल गोयल और अनंतनाग एसएसपी संदीप चौधरी ने इस बारे में किसी भी फोन कॉल या मैसेज का जवाब नहीं दिया. इसके अलावा किसी केंद्रीय एजेंसी द्वारा भी कथित हिरासत को लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है.
रिपोर्ट के अनुसार, पीडीपी के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि महबूबा मुफ्ती पर दबाव बनाने के नेताओं को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, ‘पहले उन्होंने (वाहिद उर रहमान पारा) का हिरासत में लिया. वे महबूबा के करीबियों को उठा रहे हैं और इसका संदेश स्पष्ट है. वे चाहते हैं कि महबूबा मुफ्ती सक्रिय राजनीति छोड़ दें.’
मालूम हो कि वाहिद पारा पुलवामा में पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष हैं. वाहिद ने डीडीसी चुनाव में नामांकन दाख़िल किया था. इस दौरान आतंक से संबंधित एक मामले में एनआईए ने बीते 25 नवंबर को उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था.
Couldn’t be prouder of PDPs @parawahid who won his maiden election by a huge margin of votes. Despite being arrested on baseless charges right after filing his nomination people have shown their love & trust for Waheed. Hope justice prevails. pic.twitter.com/MOU8gNUOic
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) December 22, 2020
मंगलवार को एक अन्य ट्वीट में महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘वाहिद पारा ने अपना पहला चुनाव एक बड़े अंतर से जीता है. नामांकन दाखिल करने के ठीक बाद आधारहीन आरोपों में गिरफ्तार होने के बावजूद लोगों ने वाहिद के प्रति अपना प्यार और विश्वास दिखाया है. आशा है कि न्याय होगा.’
बहरहाल, जम्मू संभाग में पूंछ पुलिस ने दावा किया था कि डीडीसी चुनाव परिणाम से पहले उन्होंने शांति भंग करने की एक बड़ी योजना को असफल कर दिया गया है. पुलिस ने सोमवार को 1800 लोहे के रॉड, लड़की की छड़ियां और बैट जब्त करने की बात कही थी.
पूंछ के एसएसपी रमेश अंग्राल ने कहा कि मेंढर से अधिकांश वस्तुएं बरामद की गई हैं, इसके बाद सीमावर्ती इलाके में स्थित सुरनकोट तहसील से वस्तुएं बरामद हुईं और तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, डीडीसी के आठवें चरण के चुनाव में मेंढर में विभिन्न जगहों पर हुई झड़प में एक दर्जन लोग घायल हो गए थे.
जिला विकास परिषद की 280 सीटों के लिए मतगणना जारी
जम्मू कश्मीर में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनाव के लिए मतगणना मंगलवार को जारी है. इस चुनाव में 2,178 उम्मीदवार मैदान में हैं.
डीडीसी की 280 सीटों के लिए आठ चरण में चुनाव कराए गए. केंद्र शासित प्रदेश के 20 जिलों में प्रत्येक में 14 सीटें हैं.
डीडीसी चुनाव को क्षेत्र में भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है. पिछले साल अगस्त में अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला चुनाव होगा.
पहले चरण का मतदान 28 नवंबर को हुआ था और आठवें एवं अंतिम चरण का मतदान 19 दिसंबर को हुआ. कुल मिलाकर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए इन चुनावों में 57 लाख पात्र मतदाताओं में से 51 प्रतिशत ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
कश्मीर केंद्रित मुख्य धारा की सात राजनीतिक पार्टियों ने गुपकर घोषणा पत्र गठबंधन (पीएजीडी) के बैनर तले चुनाव लड़ा था. इन पार्टियों में नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी भी शामिल हैं.
शुरुआत में कांग्रेस भी पीएजीडी का हिस्सा थी, लेकिन बाद में उसने गठबंधन से दूरी बना ली. वहीं भाजपा गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों को ‘गुपकर गैंग’ कहते हुए निशाना साध रही थीं.
पिछले सात चरण में कांग्रेस अकेले ही चुनाव में उतरी लेकिन ऐसा समझा जाता है कि पीएजीडी के साथ उसकी सहमति थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)