आयकर विभाग के नोटिस को केंद्र सरकार की दबाव बनाने की रणनीति क़रार देते हुए हरियाणा के बाकी आढ़तिये पानीपत संगठन प्रमुख के समर्थन में आ गए हैं. उनका आरोप है कि नोटिस इसलिए भेजा गया है, क्योंकि उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया है.
चंडीगढ़: पंजाब में 14 आढ़तियों के बाद हरियाणा के पानीपत स्थित आढ़तिया संघ के अध्यक्ष को भी आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है.
आयकर विभाग के नोटिस को केंद्र सरकार की दबाव बनाने की रणनीति करार देते हुए हरियाणा के बाकी आढ़तिये पानीपत संगठन प्रमुख के समर्थन में आ गए हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को आयकर विभाग का नोटिस पाने वाले पानीपत आढ़तिया संघ प्रमुख धरमबीर सिंह मलिक ने कहा, ‘यह हमारी आवाज दबाने की कोशिश है, लेकिन केंद्र सरकार यह नहीं समझ रही है कि केवल किसानों के कारण आढ़तियों का वजूद है.’
उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें नोटिस इसलिए भेजा गया क्योंकि उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया.
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं खुल कर अपनी बात रख रहा हूं लेकिन अन्य आढ़तियों को भी ऐसा नोटिस भेजा गया होगा. हमें नोटिसों का जवाब देना चाहिए.’
वहीं जींद आढ़तिया संघ के अध्यक्ष राजपाल सिंह ने कहा, ‘आप इस सरकार से और क्या उम्मीद कर सकते हैं? आंदोलन को तोड़ने के लिए वे अपनी पूरी कोशिश करेंगे, लेकिन हमें आंदोलन का समर्थन करते रहना होगा ताकि उसका नतीजा किसानों के पक्ष में आए.’
बता दें कि इससे पहले पंजाब के पटियाला में आढ़तियों के ठिकानों पर आयकर विभाग ने 19 दिसंबर को छापेमारी की थी. आढ़तियों ने आरोप लगाया था कि आयकर विभाग की छापेमारी राजनीति से प्रेरित है क्योंकि कई आढ़तिये किसान आंदोलन को खुले तौर पर अपना समर्थन दे रहे हैं.
इस छापेमारी के विरोध में आढ़तियों ने 21 दिसंबर से अनिश्चितकाल तक मंडियों को बंद करने का फैसला किया है. पंजाब आढ़तिया संघ के अध्यक्ष रविंदर सिंह चीमा ने कहा था कि हमने आयकर छापों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का भी फैसला किया है.
पंजाब के आढ़तियों पर आयकर की छापेमारी का मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और विभिन्न किसान संगठनों ने भी विरोध किया था और इसे राजनीति से प्रेरित करार दिया था.
बता दें कि विभिन्न किसान संगठन कड़कड़ाती ठंड के मौसम में बीते चार सप्ताह से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन नए और विवादित कानूनों को विरोध कर रहे हैं.