कर्नाटक गोहत्या क़ानून से गोवा में मांस की कमी, भाजपा नेतृत्व वाली सरकार ने कहा- रास्ता तलाशेंगे

चार साल पहले महाराष्ट्र द्वारा गोहत्या विरोधी क़ानून बनाने के बाद गोवा पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हो गया था. अब कर्नाटक में भी ऐसा ही क़ानून लागू हो गया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बीफ़ की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह भी गोमाता को पूजते हैं, लेकिन वहां की 30 फ़ीसदी अल्पसंख्यक जनता की देखभाल की ज़िम्मेदारी भी उनकी है.

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New Delhi: Goa Chief Minister Pramod Sawant arrives at Goa Niwas in New Delhi, Thursday, July 11, 2019. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI7_11_2019_000043B)
New Delhi: Goa Chief Minister Pramod Sawant arrives at Goa Niwas in New Delhi, Thursday, July 11, 2019. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI7_11_2019_000043B)

चार साल पहले महाराष्ट्र द्वारा गोहत्या विरोधी क़ानून बनाने के बाद गोवा पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हो गया था. अब कर्नाटक में भी ऐसा ही क़ानून लागू हो गया है. गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने राज्य में बीफ़ की आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह भी गोमाता को पूजते हैं, लेकिन वहां की 30 फ़ीसदी अल्पसंख्यक जनता की देखभाल की ज़िम्मेदारी भी उनकी है.

New Delhi: Goa Chief Minister Pramod Sawant arrives at Goa Niwas in New Delhi, Thursday, July 11, 2019. (PTI Photo/Kamal Kishore) (PTI7_11_2019_000043B)
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंद. (फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: हाल ही में कर्नाटक सरकार द्वारा गोहत्या के खिलाफ पारित किए गए कठोर कानून के चलते गोवा की भाजपा सरकार को राज्य में इसकी भरपाई के लिए वैकल्पिक रास्ता तलाशना पड़ रहा है.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रमोद सावंत की अगुवाई वाली सरकार ने कर्नाटक के पशु व्यापारी और गोवा के मांस व्यापारियों के साथ बैठक कर राज्य में पशुओं की आपूर्ति के लिए वैकल्पिक रास्ता निकालने को कहा है.

ऐसा इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि गोवा प्रमुख रूप से पर्यटन पर निर्भर है, जिसके लिए मांग आधारित भोजन की आपूर्ति करना जरूरी है. अब कर्नाटक में नया कानून आ जाने के बाद से पिछले कुछ दिनों में राज्य बीफ की कमी महसूस कर रहा है.

चार साल पहले महाराष्ट्र द्वारा गोहत्या विरोधी कानून बनाने के बाद गोवा पूरी तरह से कर्नाटक पर निर्भर हो गया था. हालांकि अब कर्नाटक में इससे भी कठोर कानून पारित होने के लिए राज्य को क्रिसमस और नववर्ष के लिए बीफ की व्यवस्था को लेकर सोचना पड़ रहा है.

गोवा शैक एसोसिएशन के अध्यक्ष क्रूज कार्डोजा ने कहा, ‘पिछले हफ्ते पर्यटकों को बीफ नहीं मिल पाया. इसका पर्यटन पर प्रभाव होगा. इसके साथ ही पोर्क वाले क्षेत्र में भी दबाव पड़ेगा.’

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा, ‘महाराष्ट्र के साथ-साथ कर्नाटक हमारे लिए पशुओं एवं मांस का स्रोत था. मैंने पशुपालन विभाग के निदेशक से इस स्थिति से निपटने के लिए रास्ते तलाशने को कहा है.’ इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राज्य अन्य राज्यों से भी पशुओं एवं बीफ मांस मंगा रहा है.

सावंत ने कहा, ‘मैं भी गोमाता को पूजता हूं. लेकिन हमारे यहां 30 फीसदी अल्पसंख्यक जनता है. उनकी देखभाल करना मेरी जिम्मेदारी है. हम अन्य राज्यों से जानवर और बीफ की आपूर्ति कर रहे हैं.’

गोवा चर्च की एक शाखा- सामाजिक न्याय और शांति परिषद (सीएसजेपी) ने भी मुख्यमंत्री सावंत से आग्रह किया है कि वे पड़ोसी राज्य के साथ बीफ की कमी के मुद्दे को हल करें. बीते 15 दिसंबर को सावंत को सौंपे गए एक ज्ञापन में सीएसजेपी ने गोवा में सैकड़ों मांस व्यापारियों की आजीविका की रक्षा के लिए पड़ोसी राज्य कर्नाटक के साथ इस मुद्दे को उठाने की मांग की है.

बीते नौ दिसंबर को पारित ‘कर्नाटक मवेशी वध रोकथाम एवं संरक्षण विधेयक-2020’ के तहत राज्य में गोहत्या पर पूर्ण रोक का प्रावधान है. साथ ही गाय की तस्करी, अवैध ढुलाई, अत्याचार एवं गोहत्या में लिप्त पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी प्रावधान किया गया है. यह साल 2010 में भाजपा सरकार द्वारा लाए गए कानून का संशोधित संस्करण है.

गाय और बछड़ों के अलावा विधेयक में भैंस एवं उनके बच्चों के संरक्षण का भी प्रावधान है. आरोपी व्यक्ति के खिलाफ तेज कार्यवाही के लिए विशेष अदालत गठित करने का भी प्रावधान है. विधेयक में गोशाला स्थापित करने का भी प्रावधान किया गया है. साथ ही पुलिस को जांच करने संबंधी शक्ति प्रदान की गई है.

नए कानून में मवेशियों को ले जाने, मांस बेचने एवं खरीदने या मांग के लिए मवेशियों की सप्लाई करने पर तीन से पांच साल तक की सजा और 50,000 से पांच लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है. कर्नाटक में विपक्ष एवं अन्य समूहों द्वारा इस कानून के खूब आलोचना की जा रही है.

गोवा राज्य के मांस व्यापारियों ने कहा है कि प्रशासन ने इस कानून के चलते खड़ी हुईं समस्याओं का जल्द समाधान करने का आश्वासन दिया है.