साल 2010 में उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर ज़िले के बखिरा थाने में मेहदावल से भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के ख़िलाफ़ एक केस दर्ज हुआ था. विधायक के अदालत में हाज़िर न होने से बीते नौ सालों से यह मामला लंबित था. इस बार अदालत ने जब उन्हें हाज़िर होने को कहा, तब उन्होंने सीएमओ की मदद से कोरोना संक्रमित होने के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ ज़मा करवा दिए.
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले की स्थानीय अदालत के आदेश पर मेहदावल के भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल और मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरगोविंद सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला शनिवार को दर्ज किया गया.
सांसद-विधायक अदालत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपकांत मणि के आदेश के अनुसार विधायक को जब एक मामले में पेश होने के लिए कहा गया तो उन्होंने अदालत में फर्जी कोविड-19 जांच रिपोर्ट पेश की.
अदालत के आदेश के अनुसार, अदालत अपनी कार्यवाही नहीं पूरी कर पा रही थी, क्योंकि विधायक पिछले चार वर्षों से उपस्थित नहीं हो रहे थे और जब अदालत ने उनको पेश होने का आदेश दिया, तो उन्होंने फ़र्ज़ी कोविड-19 जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरगोविंद सिंह ने अदालत को बताया कि विधायक निजी प्रयोगशाला की कोविड-19 जांच रिपोर्ट के बाद वह अपने होम आइसोलेशन में चले गए थे.
हालांकि, होम आइसोलेशन के दौरान विधायक की देखभाल करने वाली टीम के सदस्य डॉ. विवेक कुमार श्रीवास्तव ने अदालत को बताया कि होम आइसोलेशन की अवधि के दौरान विधायक घर पर मौजूद नहीं थे और उनसे मोबाइल फोन पर भी संपर्क नहीं किया जा सका था.
खलीलाबाद (संत कबीर नगर जिला मुख्यालय) कोतवाली प्रभारी कोतवाल मनोज कुमार पांडे ने कहा कि अदालत के आदेश पर विधायक राकेश सिंह बघेल और मुख्य चिकित्साधिकारी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, लोक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम व अन्य गंभीर धाराओं में पहली बार 2010 में संत कबीर नगर जिले के बखिरा थाना में भाजपा विधायक राकेश सिंह बघेल के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने आरोप-पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया था.
न्यायालय में विचाराधीन केस में विधायक बघेल उपस्थित नहीं हो रहे थे. इस कारण लगभग नौ वर्ष से मुकदमे में कार्यवाही आगे नही बढ़ पा रही थी. कोर्ट के द्वारा व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के आदेश करने पर भी न्यायालय में विधायक उपस्थित नहीं हुए और स्वयं के कोरोना संक्रमित होने की बात कही थी.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल किया गया कि विधायक ने कोविड-19 का टेस्ट कराया था और वह पॉजिटिव पाए गए थे और होम आइसोलेशन पर हैं.
मालूम हो कि राकेश सिंह बघेल मार्च 2019 में उस वक्त चर्चा में आए थे जब संत कबीर नगर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक के दौरान भाजपा सांसद शरद त्रिपाठी से उनकी मारपीट हो गई थी. दोनों नेताओं में सड़क निर्माण का श्रेय लेने को लेकर कहासुनी हो गई और फिर मारपीट हो गई थी. घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)