बीते अक्टूबर में 50 से 90 वर्ष आयु वर्ग के 27 प्रतिष्ठित हस्तियों, जिनमें कलाकार, नर्तक और संगीतकार शामिल हैं, को आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक दिल्ली में आवंटित सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस भेजा था, जिसे बिरजू महाराज ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रख्यात कथक गुरु पंडित बिरजू महाराज को राहत देते हुए यहां आवंटित सरकारी आवास को खाली करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिस पर रोक लगा दी है.
जस्टिस विभू बाखरा की अवकाश पीठ ने कथक गुरु की याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.
पद्म विभूषण पंडित बिरजू महाराज ने अपनी याचिका में केंद्र के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उनके सरकारी आवास का आवंटन रद्द कर दिया गया है और 31 दिसंबर तक मकान खाली करने को कहा गया है.
अदालत द्वारा बुधवार को पारित आदेश में कहा गया, ‘उपरोक्त तथ्यों को देखते हुए नौ अक्टूबर 2020 को जारी नोटिस के अमल पर अगली सुनवाई तक रोक लगाई जाती है.’
इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी, 2021 को संबंधित रोस्टर पीठ के समक्ष सूचीबद्ध की है जिसके समक्ष पहले ही पद्मश्री से सम्मानित मोहनीअट्टम कलाकार भारती शिवाजी की इसी तरह की याचिका लंबित है, उन्हें भी सरकारी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता बिरजू महाराज एक प्रसिद्ध कथक कलाकार हैं और उनकी उपलब्धियों के कारण उन्हें सरकारी आवास आवंटित किया गया था.
नोटिस के आधार पर उन्हें सूचित किया गया था कि आवंटन रद्द कर दिया गया है और उनसे 31 दिसंबर तक परिसर खाली करने के लिए कहा गया है.
बिरजू महाराज की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अखिल सिब्बल ने कहा कि अन्य प्रमुख हस्तियों को भी इसी तरह के नोटिस जारी किए गए थे, जिन्हें सरकारी आवास आवंटित किए गए थे और इस अदालत के समक्ष दायर याचिकाओं का विषय है.
उन्होंने भारती शिवाजी के मामले में उच्च न्यायालय द्वारा पारित 23 दिसंबर के आदेश का भी हवाला दिया जिसमें एक निष्कासन नोटिस पर रोक लगा दी गई थी.
बता दें कि बीते अक्टूबर महीने में 50 से 90 वर्ष आयु वर्ग के 27 प्रतिष्ठित हस्तियों, जिनमें कलाकार, नर्तक और संगीतकार शामिल थे को, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने 31 दिसंबर तक दिल्ली में आवंटित सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस भेजा था.
साथ ही कहा था कि ऐसा न करने पर सार्वजनिक परिसर (अवैध कब्जा धारकों से संपत्ति मुक्त करना) कानून के तहत सारे आवासों को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.
अन्य प्रमुख हस्तियों, जिन्हें ये नोटिस भेजे गए हैं, वे हैं – कलाकार जतिन दास, पं. भजन सोपोरी, रीता गांगुली, ध्रुपद गायक उस्ताद एफ. वासिफुद्दीन डागर, कथक विशेषज्ञ गीतांजलि लाल और कुचिपुड़ी नृत्यांगना गुरु जयराम राव.
कलाकारों ने कहा था कि सरकार के इस रवैये से वे ‘प्रताड़ित’, ‘अपमानित’ और ‘दुखी’ महसूस कर रहे हैं. सभी कलाकारों ने नोटिस भेजे जाने के समय पर भी चिंता जाहिर की थी.
कलाकारों का कहना था कि वे सभी लोग 65 साल की उम्र पार कर चुके हैं. कोरोना वायरस के समय में बिना कोई विकल्प दिए उनसे उनके रहने की जगह को खाली करने के लिए कहा जा रहा है, जो अनुचित है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)