बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने भाजपा नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री टिकशान सूद के घर में गोबर इसलिए फेंका, क्योंकि वे उनके उस बयान से नाराज थे, जिसमें उन्होंने कथित तौर कहा था कि सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे अधिकांश किसान कृषि क़ानूनों से परिचित नहीं हैं और वे वहां पिकनिक पर जा रहे हैं.
चंडीगढ़: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में भाजपा नेता और पंजाब के पूर्व मंत्री टिकशान सूद के घर के बाहर गोबर फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों के खिलाफ होशियारपुर शहर में हत्या का प्रयास और अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके साथ ही मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है.
शिकायतकर्ता भाजपा के जिला सचिव सुरिंदर पाल भट्टी की ओर से दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि जब वह एक जनवरी को सूद के घर उनसे मिलने जा रहे थे तो उन्होंने देखा कि उनके साथ एक ट्रैक्टर-ट्रॉली भी आ रही है. इस दौरान हाइड्रोलिक सिस्टम के माध्यम से ट्रॉली उठाकर कुछ प्रदर्शनकारियों ने सूद के घर के अंदर गोबर फेंक दिया गया.
भट्टी ने दावा किया कि कि उन लोगों ने सूद पर हमले की भी कोशिश की, लेकिन सूद के लोगों ने उन्हें बचा लिया. उन्होंने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि ट्रैक्टर ड्राइवर ने उन्हें और उनके दोस्त को ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश भी की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने सूद के घर में गोबर इसलिए फेंका क्योंकि वे उनके एक बयान से नाराज थे, जिसमें उन्होंने कथित तौर कहा था कि सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे अधिकांश किसान कृषि कानूनों से परिचित नहीं हैं और वे वहां पिकनिक पर जा रहे हैं.
एक जनवरी को घटना के बाद होशियारपुर एसएसपी नवजोत सिंह महल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 452 (बिना अनुमति घर में घुसना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत केस दर्ज किया गया है.
हालांकि एफआईआर की एक कॉपी देखने से पता चलता है कि आईपीसी की छह धाराओं- धारा 307 (हत्या की कोशिश), 452 (बिना अनुमति घर में घुसना), 506 (आपराधिक धमकी), 323 (जान-बूझकर किसी को चोट पहुंचाना), 148 (दंगा) और धारा 149 (गैरकानूनी तरीके से जमा होना) के तहत केस दर्ज किया गया है.
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ट्रॉली सूद के घर में नहीं घुसी थी, लेकिन उन लोगों ने इसे उठाकर गोबर घर के अंदर फेंक दिया था. इसे लेकर सूद के लोग नाराज थे. हालांकि किसी तरह की कोई हाथापाई नहीं हुई और किसी ने किसी पर कोई हमला नहीं किया.
बहरहाल भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) के जालंधर जिले के अध्यक्ष मंदीप सिंह ने कहा कि पुलिस भाजपा के इशारे पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘जब कोई हमला नही हुआ और किसी को चोट नहीं पहुंची, तो किसानों पर हत्या का प्रयास और दंगे की धाराओं पर मामला क्यों दर्ज किया गया. अगर इस मामले को निरस्त नहीं किया गया तो हम सात जनवरी से जालंधर में सड़कों को जाम कर देंगे.’