हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल में बर्ड फ्लू के मामलों की पुष्टि के बाद विभिन्न राज्यों को इस संबंध में एलर्ट जारी कर दिया गया है. बर्ड फ्लू के नए मामले इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि अभी कुछ महीने पहले 30 सितंबर 2020 को भारत ने ख़ुद को इस बीमारी से मुक्त घोषित किया था.
नई दिल्ली: देश के विभिन्न राज्यों को बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मंगलवार को अलर्ट कर नमूनों को जांच के लिए भेज दिया गया, जबकि केरल में मुर्गों और बत्तखों को मारना शुरू कर दिया गया है. अब तक पांच राज्यों में पक्षियों से बर्ड फ्लू के वायरस की पुष्टि हो चुकी है.
गुरुवार को केंद्रीय कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री संजीव बालयान ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, ‘ए1 एनफ्लूएंजा की रिपोर्ट पांच राज्यों- हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और केरल से हमें मिली हैं. हरियाणा में इसका प्रसार पोल्ट्री में हो गया है, उसके अलावा यह वायरस अब तक जंगली और प्रवासी पक्षियों में मिला है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘वायरस का प्रसार इंसानों में भी हो सकता है, लेकिन भारत में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है. इसका कोई इलाज नहीं है. सभी राज्य सरकारों से पक्षियों की आवाजाही और उनके निपटान के अलावा रोकथाम से संबंधित जरूरी उपाय करने को कहा गया है.’
It can be transmitted to humans but so far no such case has been reported in India. There is no treatment for it, all state governments are told to exercise preventive measures including restriction of movement of birds & proper disposal of birds: Union Minister Sanjiv Balyan https://t.co/1vy363e9ks
— ANI (@ANI) January 6, 2021
केंद्र ने बुधवार को कहा कि कुक्कुट, बत्तखों, कौओं एवं प्रवासी पक्षियों में बीमारी के और प्रसार को रोकने के लिए परामर्श जारी किया गया है तथा अन्य राज्यों से पक्षियों की किसी भी असामान्य मौत पर नजर रखने को कहा गया है.
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि अन्य राज्यों से पक्षियों की असामान्य मौत पर नजर रखने को कहा गया है.
बर्ड फ्लू के नए मामले इसलिए भी चिंताजनक हैं, क्योंकि अभी कुछ महीने पहले 30 सितंबर 2020 को भारत ने खुद को इस बीमारी से मुक्त घोषित किया था.
भारत में बर्ड फ्लू का पहला मामला 2006 में सामने आया था.
इधर, अधिकारियों ने कहा कि हरियाणा के पंचकूला जिले की फर्म में बीते 10 दिन के दौरान चार लाख से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है.
उन्होंने कहा कि जालंधर की स्थानीय रोग जांच प्रयोगशाला की एक टीम ने पक्षियों के नमूने एकत्रित कर लिए हैं.
वहीं, केरल में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) को नियंत्रित करने के लिए मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मंगलवार को मारना शुरू कर दिया गया, जबकि हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश में फ्लू के मामले रिपोर्ट होने के बाद जम्मू कश्मीर ने अलर्ट घोषित कर दिया है और प्रवासी पक्षियों के नमूने लेने शुरू कर दिए गए हैं.
केरल में पक्षियों के संक्रामक रोग के प्रकोप के बाद पड़ोसी कर्नाटक और तमिलनाडु ने निगरानी बढ़ा दी है और दिशा-निर्देश जारी किए हैं. केरल में फ्लू के कारण करीब 1700 बत्तखों की मौत हो गई है.
मध्य प्रदेश के अधिकारियों ने बताया कि इंदौर के रेसीडेंसी क्षेत्र में आठ दिन पहले मृत कौओं में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस की पुष्टि होने के बाद अब तक शहर में इसी प्रजाति के 155 पक्षी मरे पाए गए हैं.
गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ‘प्रभावित क्षेत्रों के किसी भी पॉल्ट्री फॉर्म में बर्ड फ्लू नहीं मिला है. हमने अस्थायी तौर पर केरल और दूसरे प्रभावित राज्यों से पोल्ट्री पक्षियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं.’
Bird flu not found in any poultry farm in the affected area. We will temporarily restrict trafficking of poultry from Kerala and other affected states. We are keeping a watch on the situation: Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan pic.twitter.com/KUK2hErFr2
— ANI (@ANI) January 6, 2021
मध्य प्रदेश सरकार के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, ‘बर्ड फ्लू की स्थितियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री की अध्यक्षता एक समीक्षा बैठक की गई है. जिला स्तर पर स्थिति पर निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है. वायरस का पता लगाने के लिए जिला स्तर पर पॉल्ट्री फॉर्म के पक्षियों को चेक करने के लिए कहा गया है.’
राजस्थान में झालावाड़ के बाद कोटा और बारां के पक्षियों में भी संक्रमण पाया गया है. झालावाड़ में एनिमल हसबैंडी विभाग के संयुक्त निदेशक विक्रम सिंह ने कहा, ‘वायरस के केंद्र पर तकरीबन 100 कौओं की मौत हुई है. इसके अलावा मोर, कबूतर और कोयलों की भी मौत हुई है. मंगलवार को 53 पक्षी मृत पाए गए थे. इसका संदिग्ध कारण बर्ड फ्लू है, क्योंकि दूसरी किसी वजह का पता नहीं चला है.’
At the epicentre, about 100 crows died. Other than this, peacocks, pigeons, and koyals have died. Yesterday, about 53 birds have died. The suspected reason is bird flu as no other plausible reason is there: Vikram Singh, Joint Director, Animal Husbandry Dept, Jhalawar, Rajasthan pic.twitter.com/krUCameq70
— ANI (@ANI) January 6, 2021
महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू का कोई मामला अब तक सामने नहीं आया है. महाराष्ट्र की सीमा मध्य प्रदेश से लगती है.
हिमाचल प्रदेश के अधिकारियों ने प्रदेश में पोल्ट्री पक्षियों में संक्रमण फैलने से रोकने के लिए मंगलवार को कांगड़ा जिले के पोंग डैम लेक अभयारण्य के आसपास के इलाकों का सर्वेक्षण किया. इससे एक दिन पहले मृत प्रवासी पक्षियों के नमूनों में एच5एन8 पाया गया था.
हिमाचल प्रदेश के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इलाके में अबतक 2700 प्रवासी पक्षी मृत मिले हैं. उनके नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं.
केरल में अलप्पुझा और कोट्टायम में प्रभावित क्षेत्रों के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का अभियान शुरू किया गया. दोनों जिलों से भोपाल की प्रयोगशाला में भेजे गए नमूनों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के एक दिन बाद यह अभियान शुरू किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन द्वारा गठित त्वरित प्रतिक्रिया दल ने सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के तहत मंगलवार सुबह से दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्र के एक किलोमीटर की परिधि में बत्तखों, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने की कार्रवाई शुरू कर दी.
अलप्पुझा जिला प्रशासन ने कहा कि कुट्टनाड क्षेत्र की चार पंचायतों नेदुमुदी, तकाजी, पल्लिप्पद और करुवत्ता में अभियान शुरू किया गया, जिसके बुधवार शाम तक पूरा होने की संभावना है. इन्हीं इलाकों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं.
एक अधिकारी ने कहा कि अकेले करुवत्ता पंचायत क्षेत्र में ही करीब 12,000 पक्षियों को मारा जाएगा.
प्रशासन के मुताबिक, कोट्टायम जिले की प्रभावित नींदूर पंचायत में अब तक करीब 3,000 पक्षियों को मारा जा चुका है. कोट्टायम की जिला कलेक्टर एम. अंजना ने कहा है, ‘नींदूर पंचायत के एक किसान के यहां बत्तख के बच्चों में बर्ड फ्लू पाया गया है. इस क्षेत्र के 10 हजार पक्षियों को मारा जाएगा. इंसानों में इसके लक्षण का पता लगाने के लिए जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.’
Bird flu has been detected in the ducklings of one of the farmers in the Neendoor panchayat. All 10,000 birds in the area will be culled. The process to test humans to detect symptoms in them has also been started: M Anjana, DC, Kottayam, Kerala, on bird flu cases pic.twitter.com/ZkGZilQIys
— ANI (@ANI) January 6, 2021
नींदूर के एक बत्तख पालन केंद्र में बर्ड फ्लू के कारण करीब 1,700 बत्तखों की मौत हो गई है.
अधिकारियों के मुताबिक, वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए कुट्टनाड क्षेत्र में ही करीब 40,000 पक्षियों को मारा जाएगा.
हालात काबू में होने के बावजूद प्रशासन ने जिलों में हाई अलर्ट जारी किया है, क्योंकि यह वायरस मनुष्य को भी संक्रमित करने की क्षमता रखता है.
अलप्पुझा के जिलाधिकारी ने कुट्टनाड और कार्थिकपल्ली तालुकाओं में मुर्गी और बत्तख समेत अन्य घरेलू पक्षियों के मांस, अंडों आदि की बिक्री और कारोबार पर रोक लगा दी है.
मध्य प्रदेश के इंदौर में बर्ड फ्लू की आहट 29 दिसंबर को सुनाई पड़ी थी, जब रेसीडेंसी क्षेत्र के डेली कॉलेज परिसर में करीब 50 कौए मृत पाए गए थे. इनमें से दो कौओं के नमूने की भोपाल की एक प्रयोगशाला में जांच कराई गई तो इनमें एच5एन8 की पुष्टि हुई थी.
मध्य प्रदेश के पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक प्रमोद शर्मा ने मंगलवार को बताया, ‘पिछले आठ दिन के दौरान हमें रेसीडेंसी क्षेत्र के आसपास कुल 155 कौए मरे मिले हैं. हमें लगता है कि इनकी मौत भी बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस से हुई है, क्योंकि इस इलाके के मरे कौओं में इस बीमारी की पुष्टि पहले ही हो चुकी है.’
उन्होंने बताया, ‘शहर में अब तक कौओं के अलावा किसी भी अन्य प्रजाति के पक्षी में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है.’
शर्मा ने बताया कि शहर के अलग-अलग इलाकों से 120 जीवित मुर्गे-मुर्गियों और सिरपुर तालाब क्षेत्र के 30 प्रवासी पक्षियों की बीट के नमूने लेकर इन्हें बर्ड फ्लू की जांच के लिए भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजा गया है. इनकी जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है.
मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रेसीडेंसी क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में सर्दी, खांसी और बुखार के लक्षणों वाले मरीजों को खोजने के लिए सर्वेक्षण जारी है, लेकिन अब तक किसी भी मनुष्य में बर्ड फ्लू के एच5एन8 वायरस का संक्रमण नहीं मिला है.
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आने के बीच जम्मू कश्मीर ने भी अलर्ट जारी किया है.
साथ ही सर्दियों के मौसम में केंद्र शासित प्रदेश में आए मेहमान पक्षियों की जांच के लिए नमूने एकत्र करने शुरू कर दिए हैं.
जम्मू कश्मीर में अधिकारियों ने बताया कि पशुपालन एवं वन्यजीव विभाग के संयुक्त दलों ने मंगलवार को जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर स्थित घराना वेटलैंड (आर्द्रभूमि) का दौरा किया और जांच के वास्ते 25 पक्षियों के नमूने एकत्र किए ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं कोई पक्षी घातक वायरस की चपेट में तो नहीं है?
तमिलनाडु सरकार ने पड़ोसी राज्य केरल में बर्ड फ्लू का प्रकोप होने के बाद मंगलवार को अंतरराज्यीय सीमाओं पर निगरानी बढ़ा दी है तथा इससे मनुष्यों के प्रभावित होने के संभावित मामलों से निपटने के लिए आकस्मिक योजना की घोषणा की है.
तमिलनाडु के स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन ने कहा, ‘एवियन इन्फ्लुएंजा तेजी से फैलता है और मनुष्यों के भी इससे प्रभावित होने की आशंका होती है. इसलिए एहतियात के तौर पर स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने आकस्मिक योजना तैयार की है.’
कर्नाटक सरकार ने महाराष्ट्र से लगने वाली सीमा पर स्थित जिलों में सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.
राजस्थान के अधिकारियों ने बताया कि कोटा और बांरा जिलों के पक्षियों के नमूनों के जांच परिणामों में भी एवियन इंफ्लूएंजा पाया गया है.
राज्य के कृषि और पशुपालन विभाग के मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य के तीन जिलों- झालावाड़, कोटा और बारां- में एवियन इंफ्लूएंजा (बर्ड फ्लू) संक्रमण पाया गया है और वायरस अन्य जगहों पर भी फैल रहा है जो चिंता का विषय है.
अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान के 33 जिलों में से 16 जिलों में मंगलवार सुबह तक पक्षियों की मौत का आंकड़ा 625 पहुंच गया. 11 जिलों के 86 नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है.
उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी
पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में दस्तक दे चुके बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड ने भी मंगलवार को अलर्ट जारी किया है.
प्रदेश के मुख्य वन्यजीव सरंक्षक जेएस सुहाग ने बताया कि हालांकि, राज्य में अब तक किसी पक्षी की मौत का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है, लेकिन प्रदेश के सभी वन प्रभागों को बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट रहने और सतर्कता बरतने के लिए कहा गया है.
उन्होंने बताया कि अधिकारियों को आसन रिजर्व, झिलमिल झील, नानक सागर बांध और अन्य जगहों पर सतर्कता बरतने को कहा गया है .
हर साल सर्दियों में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी मध्य एशिया से उत्तराखंड आते हैं और यहां मार्च तक रहते हैं.
मध्य प्रदेश: इंदौर के बाद मंदसौर और आगर मालवा जिलों में भी पुष्टि
मध्य प्रदेश के इंदौर में कौवों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद मंदसौर और आगर मालवा जिलों के कौओं के नमूनों में भी एच5एन8 संक्रमण पाया गया है.
इनके अलावा, प्रदेश के सात अन्य जिलों में मरे कौओं के नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है. मध्य प्रदेश के 52 जिलों में से 10 जिलों में 23 दिसंबर से अब तक कौवों की मौत का आंकड़ा लगभग 400 पहुंच गया है.
हालांकि, प्रदेश सरकार का कहना है कि मुर्गा और अंडे खाने से मानव स्वास्थ्य को खतरा नहीं है.
मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग की मंगलवार रात को जारी विज्ञप्ति में कहा गया, ‘प्रदेश के इंदौर, मंदसौर और आगर मालवा जिलों में कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है.’
इन तीन जिलों के अलावा उज्जैन, सीहोर, देवास, गुना, शाजापुर, खरगोन और नीमच जिलों में भी कौओं की मृत्यु होने पर नमूने एकत्र करके रोकथाम की कार्यवाही की गई है. इन जिलों से नमूने भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला, भोपाल भेजे गए हैं और परिणाम का इंतजार है.
विज्ञप्ति के अनुसार, ‘प्रदेश में अब तक लगभग 400 कौओं की मृत्यु की सूचना मिली है.’
इसमें कहा गया, ‘मध्य प्रदेश पशुपालन विभाग के अनुसार मुर्गियों में बर्ड फ्लू वायरस एच5एन8 अभी तक नहीं पाया गया है. चिकन तथा अंडों आदि को अच्छी तरह पकाकर उपयोग किया जा सकता है. इनसे मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है.’
पशुपालन विभाग द्वारा बर्ड फ्लू वाले जिलों में जिलाधिकारियों के मार्गदर्शन में पशुपालन, वन, स्वास्थ्य विभाग एवं स्थानीय निकायों के समन्वित प्रयासों से तत्काल रोग नियंत्रण, सैम्पल नमूना एकत्रीकरण समेत संक्रमणरोधी कार्यवाही की गई है. सभी जिलों को भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यवाही करने और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
राज्य पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल के माध्यम से जिलों से समन्वय कर तकनीकी मार्गदर्शन दिया जा रहा है. संदिग्ध नमूने भोपाल स्थित भारतीय उच्च सुरक्षा रोग अनुसंधान प्रयोगशाला को नियमित भेजे जा रहे हैं.
पशुपालन विभाग द्वारा जन-जागरूकता के लिए मुर्गा-पालकों और संबंधित कारोबारियों को बर्ड फ्लू से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी दी जा रही है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)