भाजपा की ओर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी जीत दर्ज की.
गुजरात में तीन राज्यसभा सीटों के लिए हुए चुनाव में आख़िरकार वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने बाज़ी मार ली है.
मंगलवार को दिन भर चले सियासी घमासान के बाद देर रात घोषित चुनावी नतीजों में अहमद पटेल विजयी रहे. उन्हें कुल 44 वोट मिले. भाजपा की ओर से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी जीत दर्ज की. दोनों को 46-46 वोट मिले हैं.
सियासी गलियारों में अहमद पटेल की जीत को भाजपा के लिए झटका माना जा रहा है. भाजपा ने कांग्रेस से आए नेता बलवंत सिंह राजपूत को अहमद पटेल के ख़िलाफ़ उम्मीदवार बनाया गया था. बलवंत सिंह राजपूत को कुल 38 वोटों से संतोष करना पड़ा.
बता दें कि अहमद पटेल की जीत से कांग्रेस का नई शक्ति और बल मिला है. भाजपा की जोड़ तोड़ की राजनीति से देश के विभिन्न हिस्सों में सिमटती जा रही कांग्रेस के लिए यह जीत बेहद ज़रूरी थी.
हाल ही कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए शंकर सिंह वाघेला ने तो यहां तक कह दिया था कि कांग्रेस के 44 में से तीन-चार विधायक टूटेंगे और पटेल चुनाव हार जाएंगे. उन्होंने कहा था कि मैं अपना वोट बर्बाद नहीं करना चाहता इसलिए मैंने अहमद पटेल को वोट नहीं दिया.
EC asks Returning Officer to start counting of votes after segregating the votes in question #GujaratRSPolls
— ANI (@ANI) August 8, 2017
चुनाव आयोग ने देर रात कांग्रेस के दो बागी विधायकों राघवभाई पटेल और भोलाभाई गोहिल के वोट रद्द कर दिए जिसके बाद अहमद पटेल ने जीत दर्ज की.
गुजरात से अमित शाह और स्मृति ईरानी की जीत पक्की मानी जा रही थी लेकिन भाजपा की चुनाव रणनीतियों को देखते हुए अहमद पटेल की जीत को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थीं.
दरअसल कांग्रेस के दो बागी विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी को वोट देने के बाद उसे कथित तौर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिखा दिया था, जबकि राज्यसभा चुनाव में मत्रपत्र अधिकृत एजेंट को दिखाया जाता है.
बहरहाल कांग्रेस ने इस मुद्द पर दिल्ली चुनाव आयोग के दफ्तर में अपने दिग्गज नेताओं को भेजकर दोनों बागियों के वोट रद्द करने की मांग की थी. इसके जवाब में तमाम भाजपा नेताओं ने आयोग के दफ्तर पहुंचे थे और मतगणना कराने की मांग की थी.
दोनों दलों के बीच मचे सियासी घमासान के बाद रात तकरीबन 11:30 बजे चुनाव आयोग ने कांग्रेस के दोनो बागी विधायकों के वोट रद्द करते हुए मतगणना शुरू करने के आदेश दिए.
बता दें कि राज्यसभा चुनाव में मतदान गोपनीय किन्तु खुला हुआ होता है. यानी वोट देने के बाद मतदाता को पार्टी के अधिकृत एजेंट को अपना मतपत्र दिखाया जाता है.
आरोप था कि कांग्रेस विधायक राघवभाई पटेल और भोलाभाई गोहिल ने अपने मतपत्र कथित तौर पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को दिखाया, जिसे चुनाव आयोग ने सही मानते हुए दोनों बागियों के वोट रद्द कर दिए.
कांग्रेस के दोनों बागियों के वोट रद्द होने के बाद 176 विधायकों के वोटों की संख्या 174 हो गई. यानी हर प्रत्याशी को जीतने के लिए सिर्फ 44 वोटों की ज़रूरत थी. 176 विधायकों पर जीत के लिए कुल 45 वोट चाहिए थे.
This is not just my victory. It is a defeat of the most blatant use of money power,muscle power and abuse of state machinery
— Ahmed Patel Memorial (@ahmedpatel) August 8, 2017
जीत के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘सत्यमेव जयते’. ट्विटर पर पटेल की जीत की घोषणा कांग्रेस के आधिकारिक पेज से भी की गई.
एक अन्य ट्वीट में कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने लिखा, ‘यह सिर्फ मेरी जीत नहीं है. यह धनबल, बाहुबल और राज्य सरकार की मशीनरी के दुरुपयोग की करारी हार है.’
राजनीतिक गलियारों में अहमद पटेल को कांग्रेस का ‘चाणक्य’ कहा जाता है. कहा जाता है कि सोनिया गांधी को राजनीति में स्थापित करने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. 2004 और 2009 के आम चुनावों में पटेल को कांग्रेस की जीत का अहम रणनीतिकार माना जाता है.
अहमद पटेल 1993 से राज्यसभा सांसद हैं और पांचवीं बार अपनी किस्मत आज़मा रहे थे.