अखिलेश के मंत्री गायत्री के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज़ करने का आदेश

एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई होगी.

एक महिला से सामूहिक बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ करने का आरोप है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई होगी.

Gayatri Prajapati Mulayam Singh Yadav Shivpal
एक कार्यक्रम के दौरान मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के साथ गायत्री प्रसाद प्रजापति (फाइल फोटो: पीटीआई)

एक महिला से बलात्कार और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ मामले में उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार में मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. अदालत ने राज्य सरकार को जांच रिपोर्ट दाख़िल करने के लिए दो महीने का समय दिया है.

गायत्री प्रजापति उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान अमेठी सीट से सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं.

मामले पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी प्रभावशाली है, तो इसका मतलब यह नहीं हो सकता कि पुलिस एफआईआर भी दर्ज न करे. हालांकि इससे पहले, राज्य सरकार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मामले की जांच में कोई अपराध सामने नहीं आया है. वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट उक्त महिला की याचिका को खारिज कर चुका है.

बताया जाता है कि गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाली महिला चित्रकूट की रहने वाली हैं. उनका आरोप है कि प्रजापति ने समाजवादी पार्टी में अच्छा पद दिलाने का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसाया और पिछले दो साल में कई बार उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया.

इसके अलावा उनकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ भी की. महिला का यह भी आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की.

लगातार विवादों में रहे हैं गायत्री

गायत्री प्रजापति पर आय से अधिक संपत्ति रखने, अवैध कब्जे, अवैध खनन सहित कई संगीन आरोप लग चुके हैं. एक बार तो अखिलेश ने प्रजापति को खनन घोटाले में कथित संलिप्ता के कारण उन्हें खनन मंत्री के पद से हटा दिया था लेकिन बाद में पिता मुलायम सिंह यादव के हस्तक्षेप के बाद उन्हें मंत्रिमंडल में वापस ले लिया गया.

पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ एक कार्यक्रम के दौरान अखिलेश ने मंच से कहा भी था कि उन्होंने मुलायम के कहने पर गायत्री को वापस कैबिनेट में लिया.

अखिलेश का जब पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव के साथ पार्टी का अंदरूनी सत्ता संघर्ष चल रहा था उस समय प्रजापति भी मुद्दा बनते रहे. जानकारों का कहना है कि कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति को अमेठी से विधानसभा का टिकट भी मुलायम सिंह यादव के दबाव में मिला था. अखिलेश इसके लिए तैयार नहीं थे.

पांच साल में छह गुना हुए अमीर

भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले प्रजापति पांच सालों मे छह गुना अमीर हो गए हैं. चुनाव आयोग में दाखिल किए गए हलफनामे में गायत्री ने इस बात की जानकारी दी है. गायत्री के पास कुल 10.02 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति है. 2012 में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक तब उनके पास 1.72 करोड़ रुपये की संपत्ति थी.

प्रजापति ने अपने राजनीतिक करिअर की शुरुआत अमेठी विधानसभा सीट से 1993 में बहुजन क्रांति दल के प्रत्याशी के तौर पर की. हालांकि जीत के लिए उन्हें करीब दो दशक का इंतजार करना पड़ा. अमेठी विधानसभा से प्रजापति ने 1996 और 2002 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़ा. 2007 में उन्हें टिकट नहीं मिला.

गायत्री प्रजापति 2012 में पहली बार विधायक बने. फरवरी 2013 में अखिलेश यादव सरकार में राज्यमंत्री, जुलाई 2013 में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और जनवरी 2014 में उन्हें कैबिनेट मंत्री बना दिया गया.