पुदुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गठबंधन का निर्वाचित सरकार की विकास योजनाओं तथा कल्याणकारी क़दमों को बाधित करने के ख़िलाफ़ उपराज्यपाल किरण बेदी को पद से हटाने की मांग की जा रही है. यह प्रदर्शन ऐसे समय हो रहा है जब क़रीब तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
पुदुचेरी: पुदुचेरी में सत्तारूढ़ कांग्रेस नीत धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गठबंधन (एसडीए) का ‘निर्वाचित सरकार की विकास योजनाओं तथा कल्याणकारी कदमों को बाधित करने’ के खिलाफ उपराज्यपाल किरण बेदी को पद से हटाने की मांग को लेकर पिछले तीन दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
बता दें कि यह प्रदर्शन ऐसे समय में हो रहा है जब करीब तीन महीने बाद मई में राज्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.
मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी, पीसीसी अध्यक्ष एवी सुब्रमणियन, मंत्रियों, कांग्रेस विधायकों, कार्यकर्ताओं और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तथा वीसीके की विभिन्न इकाइयां इस प्रदर्शन में भाग ले रहे हैं.
रविवार को मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा, वह (उपराज्यपाल) चुनी हुई सरकार को काम करने की अनुमति नहीं दे रही हैं और हर दिन राज्य प्रशासन में हस्तक्षेप करती हैं.
Puducherry CM V Narayanasamy continues his sit-in protest near Raj Nivas for the third day, demanding the Centre to call back Lieutenant Governor Kiran Bedi.
"She isn't allowing elected govt to function & is interfering in day to day administration", says CM V Narayanasamy. pic.twitter.com/7IKIrlzTiU
— ANI (@ANI) January 10, 2021
विरोध प्रदर्शन के दूसरे दिन शनिवार को वीसीके नेता टी. तिरुमावलावन और भाकपा की तमिलनाडु इकाई के सचिव मुथारसन ने धरने पर बैठे लोगों को संबोधित किया और ‘उपराज्यपाल की अलोकतांत्रिक कार्यशैली’ की आलोचना की.
मुथारसन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यदि लोकतंत्र और लोगों के कल्याण में भरोसा करते हैं तो उन्हें हस्तक्षेप कर बेदी को हटाना चाहिए.
उन्होंने केंद्र सरकार पर दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के प्रयासों के तहत फासीवादी और निरंकुश रवैया अपनाने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किरण बेदी ने ‘पुदुचेरी को तमिलनाडु में मिलाकर इसका अलग दर्जा खत्म करने का षड्यंत्र रचा है.’
उन्होंने प्रधानमंत्री और बेदी पर पुदुचेरी की जनता को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिये प्रयासरत होने का भी आरोप लगाया.
हालांकि, कांग्रेस की सहयोगी डीएमके की अनुपस्थिति शनिवार को चर्चा का विषय रही थी.
इससे पहले पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी ने फरवरी, 2019 में उपराज्यपाल किरण बेदी पर राज्य के कार्यों में गतिरोध पैदा करने का आरोप लगाया था.
इसके बाद वह विरोध प्रदर्शन करते हुए राजभवन के सामने धरने पर बैठे थे. विरोध प्रदर्शन में उनकी सरकार के सभी पांचों मंत्री, कांग्रेस और द्रमुक के विधायक भी शामिल थे.
उस दौरान उन्होंने बेदी पर चुनी हुई सरकार की अनेक कल्याणकारी कार्यक्रमों को रोकने का आरोप लगाया था.
इन कार्यक्रमों में राशनकार्ड धारकों को मुफ्त चावल और पोंगल बोनस दिया जाना और कॉरपोरेशन, सोसायटी और सरकार द्वारा वित्त पोषित निजी स्कूलों के लिए योजनाएंं लागू किया जाना शामिल था.
इस गतिरोध को लेकर अप्रैल, 2019 में एक याचिका की सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने कहा था कि पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के पास केंद्र शासित प्रदेश की दैनिक गतिविधियों में दखल देने का अधिकार नहीं है.
कांग्रेस विधायक के. लक्ष्मीनारायणन की याचिका की सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै पीठ ने फैसला दिया था कि निर्वाचित सरकार के पास सेवा मामलों पर अधिकार है.
साथ ही कोर्ट ने उपराज्यपाल की शक्तियों पर 2017 में केंद्र द्वारा दिए गए दो स्पष्टीकरण आदेशों को रद्द कर दिया था. मद्रास हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ बेदी और केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)