मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे जब उनसे बीते दिनों पटना में निजी विमान सेवा इंडिगो के स्टेशन मैनेजर की हत्या और राज्य में क़ानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल पूछे गए, जिस पर मुख्यमंत्री ने तल्ख़ होते हुए कहा कि ऐसी बातों से पुलिस हतोत्साहित होगी.
पटना: बिहार में एक के बाद एक हो रही हत्याओं और बलात्कार की घटनाओं के बीच एक निजी विमान सेवा इंडिगो के स्टेशन मैनेजर रूपेश कुमार सिंह की हत्या के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासन में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठने लगे हैं.
यही कारण है कि सुशासन बाबू के नाम चर्चित नीतीश कुमार जब एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करने के लिए पहुंचे तब पत्रकारों ने कार्यक्रम के बजाय राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर मुख्यमंत्री को घेर लिया और दोनों तरफ से जोरदार बहस हुई.
मुख्यमंत्री राजधानी पटना के एक बड़े हिस्से में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए 379.57 करोड़ रुपये की लागत से बनाए गए ‘अटल पथ’ के पहले चरण का लोकार्पण करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे.
करीब डेढ़ दशक पहले सत्ता में आने के बाद ढांचागत सुधार के बारे में मुख्यमंत्री ने जैसे ही बोलना शुरू किया, पत्रकारों ने उन्हें गिरती कानून-व्यवस्था को लेकर टोका और नगर में मंगलवार की शाम को हुई इंडिगो एयरलाइन के रूपेश कुमार सिंह की हत्या पर सवाल उठाए.
बता दें कि छपरा निवासी रूपेश मंगलवार देर शाम अपनी कार से पुनाईचक मोहल्ले स्थित घर के गेट के नजदीक ही पहुंचे थे जब अपराधियों ने उन पर अंधाधुन्ध गोलीबारी की थी. सीसीटीवी फुटेज में मोटरसाइकिल सवार दो लोगों को वारदात स्थल के पास से जाते हुए देखा गया था.
इस पर कुमार ने कहा, ‘कृपया विकास और अपराध के मामलों को मत मिलाइए.’
हालांकि, संवाददाताओं द्वारा बार-बार पूछने पर उन्होंने कहा, ‘आपकी बातों से राज्य पुलिस हतोत्साहित होगी, जो अपना काम कर रही है. मैंने खुद ही डीजीपी को समन किया और आवश्यक निर्देश दिए.’
संवाददाताओं ने जब कहा कि पुलिस अपराध रोकने में सक्षम नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘क्या कोई हत्यारा अपराध करने से पहले अनुमति लेता है? क्या आपके पास साझा करने के लिए कोई सूचना है, अगर है तो कीजिए.’
पत्रकारों के सवालों से क्षुब्ध मुख्यमंत्री ने कहा, ‘देश में सबसे कम अपराध वाले राज्यों में बिहार भी शामिल है. खराब तस्वीर पेश करने से पहले दूसरे राज्यों को भी देखें. और क्या आपको याद है कि डेढ़ दशक पहले जब पति-पत्नी की सरकार थी तो चीजें कितनी खराब थीं.’
On being questioned by @manishndtv on a spate of crimes in Bihar including a horrific gang rape of a 15 year old and a brazen murder in Patna, chief minister @NitishKumar first accused journalists of demoralising the police and then demanded they question previous regimes. pic.twitter.com/TUoYfyWPyA
— Rohini Singh (@rohini_sgh) January 15, 2021
पति-पत्नी कहने से कुमार का इशारा राजद नेता लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी की ओर था.
कुछ वरिष्ठ पत्रकारों ने कहा कि वे भी पुलिस के साथ कुछ जानकारी साझा करना चाहते हैं लेकिन डीजीपी फोन ही नहीं उठाते हैं और जो व्यक्ति फोन उठाता है वह ब्यौरा लिखकर कहता है कि अधिकारी वापस फोन कर लेंगे, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता.
इसके बाद मुख्यमंत्री ने डीजीपी एसके सिंघल को खुद फोन किया और उन्हें निर्देश दिया कि पत्रकारों के साथ बातचीत की व्यवस्था बनाएं.
https://twitter.com/patthanjaseem/status/1350304770817359874
राज्य पुलिस प्रमुख ने तुरंत इस बारे में आदेश के साथ साथ मोबाइल एवं लैंडलाइन नंबर जारी किए जिस पर मीडियाकर्मी उनसे संपर्क कर सकते हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, इस समाचार चैनल के रिपोर्टर ने जब डीजीपी द्वारा जारी लैंडलाइन और मोबाइल नंबर पर फोन मिलाया गया तो कई बार स्टेनो ने उठाया. जब डीजीपी ने स्वयं फोन उठाया तो उन्होंने कहा कि मीडिया को अगर कोई जानकारी साझा करनी हो तो वे इन नंबरों पर फोन कर सकते हैं. लेकिन अगर उन्हें कोई जानकारी चाहिए तो वे एडीजी से संपर्क कर सकते हैं.
वहीं, रूपेश सिंह के भाई का नंदेश्वर सिंह का कहना है कि राज्य के सीएम ने 48 घंटे अपराधियों को पकड़ने का अल्टीमेटम दिया है लेकिन अभी तक एक भी अपराधी नहीं पकड़ा गया है. हमें लगता है बिहार सरकार आरोपियों को पकड़ने में नाकाम रही है. यह केस सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए.
उन्होंने रूपेश की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी की भी मांग की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)