झारखंड: टीका न लगवाने पर सरकारी कर्मचारियों का वेतन रोकने को कहा, विवाद के बाद आदेश वापस

कोडरमा ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ के 16 जनवरी के एक आदेश में सरकारी कर्मचारियों के टीका न लगवाने पर उनका वेतन रोकने की बात कही गई थी, जिसका काफ़ी विरोध हुआ.

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(फोटो: पीटीआई)

कोडरमा ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ के 16 जनवरी के एक आदेश में सरकारी कर्मचारियों के टीका न लगवाने पर उनका वेतन रोकने की बात कही गई थी, जिसका काफ़ी विरोध हुआ.

(फोटो: पीटीआई)
(फोटो: पीटीआई)

कोडरमा: झारखंड के कोडरमा जिले के स्वास्थ्य अधिकारियों के कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए टीका लगवाने के संबंध में जारी एक आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद रविवार को आदेश वापस ले लिया गया है.

आदेश में सरकारी कर्मचारियों को चेतावनी दी गई थी कि अगर उन्होंने टीका नहीं लगवाया तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा.

झारखंड के कोडरमा जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी पार्वती कुमारी नाग और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ डा. अभय भूषण प्रसाद की ओर से 16 जनवरी को एक आदेश जारी हुआ था.

आदेश में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों को जिसमें चेतावनी देते हुए लिखा था, ‘कार्यालय आदेश ज्ञापांक 90, कोडरमा दिनांक 15-01-2021 के निर्देशानुसार जो सरकारी सेवक कोविड-19 का टीका नहीं लगाए हैं, वे शीघ्र कोविड-19 टीका लगाएं. कोविड-19 का टीकाकरण नहीं लेने की स्थिति में अगले आदेश तक संबंधित सरकारी सेवकों का वेतन अवरुद्ध रहेगा. लिए गए टीकाकरण का प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के पश्चात ही वेतन भुगतान किया जायेगा.’

इस सरकारी आदेश के जारी होते ही इसका विरोध प्रारंभ हो गया और जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो इसे वापस ले लिया गया.

इस संबंध में कोडरमा स्वास्थ्य विभाग के अनेक कर्मियों ने आदेश की पुष्टि करते हुए बताया कि उन्हें यह आदेश प्राप्त हुआ है जिससे कर्मियों में भारी रोष है.

झारखंड के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य नितिन मदन कुलकर्णी ने बताया कि इस तरह का आदेश निकाला गया था लेकिन इसे वापस ले लिया गया है.

यह पूछे जाने पर कि इस संबंध में विभाग ने संबद्ध लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की है, स्वास्थ्य सचिव ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

सूत्रों ने बताया कि टीकाकरण के पहले दिन कोडरमा जिले के दोनों केंद्रों पर सौ-सौ लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य था लेकिन जब लोग कम संख्या में पहुंचे तो दबाव डालने के लिए यह आदेश जारी किया गया लेकिन इस आदेश के बाद भी 200 के स्थान पर सिर्फ 139 लोगों ने ही टीकाकरण करवाया.

झारखंड में शनिवार को पहले दिन कुल 48 केंद्रों पर कोविड-19 टीकाकरण के दौरान कुल 3,200 स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया गया था.

कुलकर्णी ने बताया था कि अब सोमवार को टीकाकरण का सत्र एक बार फिर प्रारंभ किया जाएगा और सप्ताह में चार दिनों तक टीकाकरण अभियान राज्य में सभी टीकाकरण केंद्रों पर चलाया जाएगा.

हालांकि, पहले राज्य में इस उद्देश्य से 129 टीकाकरण केंद्र बनाए गए थे लेकिन केंद्र सरकार ने वहां उपयुक्त आधारभूत संरचना को देखते हुए फिलहाल सिर्फ 48 केंद्रों की ही अनुमति दी है.

कुलकर्णी ने बताया था कि वर्तमान में राज्य में लगभग एक लाख, चालीस हजार स्वास्थ्यकर्मियों (निजी एवं सरकारी) का पंजीकरण ‘कोविन’ पोर्टल पर किया जा चुका है और कोविन पोर्टल पर पंजीकृत स्वास्थ्यकर्मियों को ही टीका लगाया जाएगा.

बता दें कि केंद्र सरकार के मुताबिक, सबसे पहले एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों, अग्रिम मोर्चे पर काम करने वाले करीब दो करोड़ कर्मियों और फिर 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को टीके की खुराक दी जाएगी. बाद के चरण में गंभीर रूप से बीमार 50 साल से कम उम्र के लोगों का टीकाकरण होगा.

स्वास्थ्यकर्मियों और अग्रिम मोर्चे पर तैनात कर्मियों पर टीकाकरण का खर्च सरकार वहन करेगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)