मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है. पुलिस के अनुसार, गोरखपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चेहरे से छेड़छाड़ की थी और इसे आपत्तिजनक बना दिया था.
गोरखपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ सोशल मीडिया पर अशोभनीय पोस्ट डालने के आरोप में गोरखपुर विश्वविद्यालय के कानून के एक छात्र को गिरफ्तार किया गया है.
गोरखपुर छावनी के पुलिस क्षेत्राधिकारी सुमित शुक्ला ने सोमवार को बताया कि गोरखपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र अरुण यादव ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र और अशोभनीय टिप्पणी की थी. बाद में उसने वह टिप्पणी ‘डिलीट’ भी कर दी थी.
उन्होंने बताया कि पुलिस ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए 17 जनवरी को मामला दर्ज कर यादव को गिरफ्तार किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने कहा कि उन्हें पोस्ट के बारे में दो दिन पहले पता चला और पूछताछ में पाया गया कि वह वीडियो अरुण यादव के फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किया गया था.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हमने पाया कि आरोपी ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चेहरे से छेड़छाड़ की थी और इसे आपत्तिजनक बना दिया. उन्हें जिले के चौरीचौरा इलाके के एक गांव से गिरफ्तार किया गया था.’
यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और सद्भाव के रखरखाव के लिए पूर्वाग्रहपूर्ण कार्य करना) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से जालसाजी) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने उनके खिलाफ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम भी लागू किया है.
छावनी पुलिस स्टेशन के एसएचओ अनिल उपाध्याय ने कहा, ‘अरुण यादव को गोरखपुर की एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया गया और उन्हें 17 जनवरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.’
इस बीच गोरखपुर विश्वविद्यालय के मीडिया प्रकोष्ठ से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी विधि छात्र यादव को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए समिति गठित की गई है जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट देगी.
गोरखपुर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी महेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ने इस घटना को गंभीरता से लिया और यादव को विश्वविद्यालय के अधिनियम और अध्यादेश का उल्लंघन करने के लिए निलंबित कर दिया.
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘विश्वविद्यालय ने अरुण यादव के परिसर में प्रवेश पर रोक लगा दी है और इस मामले की जांच के लिए एक अनुशासनात्मक समिति का गठन किया है. समिति ने अरुण से संपर्क करने का प्रयास किया और उनके सेलफोन पर कॉल किया, लेकिन यह बंद पाया गया. समिति ने अरुण यादव को उनका पक्ष रखने के लिए पत्र लिखा है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)