मध्य प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत पहला मामला बड़वानी ज़िले में दर्ज

मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के पलसूद तालुका का मामला. युवक पर अपनी धार्मिक पहचान छिपाने का आरोप है. बलात्कार और धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के पलसूद तालुका का मामला. युवक पर अपनी धार्मिक पहचान छिपाने का आरोप है. बलात्कार और धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)
(इलस्ट्रेशन: परिप्लब चक्रवर्ती/द वायर)

बड़वानी: मध्य प्रदेश में धर्मांतरण विरोधी कानून लागू होने के बाद पुलिस ने इसके तहत पहला मामला बड़वानी जिले में दर्ज किया है. पुलिस ने 22 वर्षीय युवती की शिकायत पर 25 वर्षीय एक विवाहित पुरुष के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया है.

बड़वानी कोतवाली थाने में इस मामले की युवती ने शिकायत दर्ज कराई है. और इंस्पेक्टर इंचार्ज राजेश यादव द्वारा उनका बयान दर्ज किया गया है.

यादव ने मंगलवार को बताया कि पीड़ित महिला की शिकायत पर बीते 17 जनवरी की रात को पलसूद तालुका के 25 वर्षीय निवासी सोहेल मंसूरी के खिलाफ बलात्कार और धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इस संबंध में दर्ज शिकायत में आरोप लगाया गया है कि सोहेल मंसूरी ड्राइवर का काम करने हैं और उन्होंने सनी बनकर युवती के साथ दोस्ती की और शादी करने का वादा किया था.

शिकायत के अनुसार, युवती आरोपी की वास्तवित पहचान जानने के बाद जब उनसे परहेज करने लगीं तब आरोपी ने जहां वह काम करती थीं, वहां तक पीछा किया, उन्हें गालियां और धमकी दी.

इस माह के शुरुआत में लागू इस कानून के तहत शादी के लिए लोगों के साथ धोखाधड़ी कर धर्मांतरण कराने वालों को दंडित करने का प्रावधान हैं.

यादव ने बताया कि मामला पलसूद थाना क्षेत्र का है, इसलिए आगे कार्रवाई के लिए वहां भेजा जा रहा है.

थाना प्रभारी ने बताया कि महिला ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने खुद को सनी नाम से एक हिंदू के तौर पर पेश किया और बाद में उसे पता चला कि वह शादीशुदा मुस्लिम पुरुष है.

उन्होंने कहा कि पीड़िता के अनुसार उसने आरोपी से दूरी बनानी शुरू कर दी, लेकिन वह शादी और धर्मांतरण के लिए महिला पर दबाव बनाता रहा.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पलसूद थाने की प्रभारी रंजना ठाकुर ने कहा कि युवक-युवती की दोस्ती 2016 में हुई थी. आरोपी ने कथित तौर पर युवती को अपनी पहचान नहीं बताई थी. आरोपी से शादी करने की सहमति जताने के बाद हाल ही में युवती को जानकारी हुई कि वह एक मुस्लिम है और पहले से शादीशुदा है. उसके दो बच्चे भी हैं. यह जानने के बाद युवती आरोपी को टालने लगी थीं.

युवती एक साल पहले पलसूद छोड़कर बड़वानी रहने लगी थीं, लेकिन सोहेल उनका पीछा कर उन्हें प्रताड़ित और कथित तौर पर ब्लैकमेल करता रहा.

मामला दर्ज होने के बाद शिकायत कर्ता महिला ने पत्रकारों से कहा, ‘यह लव जिहाद का मुद्दा है, इसलिये मैंने शिकायत कराई. लड़का मुस्लिम था और हिंदू बनकर मेरे साथ संबंध बनाता रहा. उसने मेरे साथ मारपीट भी की और चार साल तक मेरा शारिक शोषण किया.’

युवक के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 294 (अश्लील कृत्य), 323 (जान-बूझकर किसी को चोट पहुंचाना), 506 (धमकी देना) और धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 की धारा तीन और पांच के खिलाफ दर्ज किया गया है, जिसे बीते नौ जनवरी का लागू किया गया है.

इस कानून के जरिये शादी तथा किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है.

मध्य प्रदेश के इस कानून में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 की तरह एक और समानता है कि इस कानून का उल्लंघन करने वाली किसी भी शादी को शून्य माना जाएगा.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)