मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और केरल के प्रभावित इलाकों को संक्रमण मुक्त करने का अभियान जारी है. भारत द्वारा 30 सितंबर, 2020 को बर्ड फ्लू से देश को मुक्त घोषित करने के कुछ महीने बाद यह बीमारी फिर से सामने आई है.
नई दिल्ली: केंद्र ने शनिवार को कहा कि अब तक नौ राज्यों- केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब में पॉल्ट्री फार्म के पक्षियों में बर्ड फ्लू (एवियन इंफ्लूएंजा) की पुष्टि हुई है.
वहीं, देश के 12 राज्यों में कौआ, प्रवासी पक्षियों और जंगली पक्षियों में एवियन इंफ्लूएंजा की पुष्टि हुई है.
मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘23 जनवरी 2021 तक नौ राज्यों (केरल, हरियाणा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, गुजरात, उत्तर प्रदेश और पंजाब) में पॉल्ट्री फार्म के पक्षियों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है.’
कौआ, प्रवासी पक्षियों और जंगली पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि 12 राज्यों- मध्य प्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, राजस्थान, जम्मू कश्मीर और पंजाब में हुई है.
बयान में बताया गया, ‘बहरहाल, उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग, लैंसडाउन वन क्षेत्र और पौड़ी वन क्षेत्र से कौए, कबूतर के नमूने; राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से कबूतर के नमूने और उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले से कौए एवं मोर के नमूनों में एवियन इंफ्लूएंजा की पुष्टि नहीं हुई है.’
मंत्रालय ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तर प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड और केरल के प्रभावित इलाकों को संक्रमण मुक्त करने का अभियान जारी है.
बयान में कहा गया है, ‘जिन किसानों के पॉल्ट्री फार्म के पक्षियों, अंडे आदि का नुकसान हुआ है, उन्हें कार्य योजना के मुताबिक राज्य सरकार ने मुआवजा दिया है.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक डिपार्टमेंट ऑफ एनिमल हसबैंड्री एंड डेयरिंग (डीएएचडी) राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों को 50ः50 के अनुपात के आधार पर अनुदान मुहैया कराता है. सभी राज्य ‘एवियन इन्फ्लुएंजा 2021 की रोकथाम और नियंत्रण की संशोधित कार्ययोजना’ की दैनिक आधार पर इस विभाग को रिपोर्ट दे रहे हैं.
भारत द्वारा 30 सितंबर, 2020 को बर्ड फ्लू से देश को मुक्त घोषित करने के कुछ महीने बाद यह बीमारी फिर से सामने आई है. भारत ने 2006 में एवियन इन्फ्लूएंजा के पहले प्रकोप को अधिसूचित किया.
इस हफ्ते की शुरुआत में खाद्य निगरानी नियामक भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने बर्ड फ्लू के डर को देखते हुए एक विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया था. इसमें उपभोक्ताओं को आधे उबले अंडे और अधपका चिकन न खाने की सलाह दी गई थी और चिकन को पूरी तरह से पकाकर ही खाने को सुनिश्चित करने को कहा गया था.
एफएसएसएआई ने उपभोक्ताओं और खाद्य व्यवसायों से परेशान न होने और चिकन और अंडे की पूरी तरह से पकाकर खाने को सुनिश्चित करने का आग्रह किया है.
नियामक ने यह भी उल्लेख किया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि चिकन और अंडे का सेवन करना सुरक्षित है और इस बात का अभी कोई तथ्य सामने नहीं आया है जिससे पता चले कि पके हुए भोजन ने यह बीमारी मनुष्यों तक पहुंच सकती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)