उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ीपुर ज़िले का मामला. आरोपी नाबालिग को गिरफ़्तार करने के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे संरक्षण गृह भेज दिया गया है. उसके ख़िलाफ़ साज़िश रचने, अपहरण और शादी के लिए दबाव डालने समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है.
लखनऊः उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में 17 साल के एक नाबालिग लड़के को धर्मांतरण विरोधी कानून और अपहरण के आरोप में हिरासत में लिया गया है.
उस पर इस हफ्ते की शुरुआत में 15 साल की एक लड़की को अगवा करने का आरोप है. आरोप है कि इस हफ्ते की शुरुआत में लड़की को उस समय अगवा किया गया, जब वह दवाइयां खरीदने बाजार गई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत यह पहला मामला है, जिसमें एक नाबालिग के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने बीते 22 जनवरी को लड़के को हिरासत में लिया, उस समय लड़की भी उसके साथ ही थी.
जिस इलाके की यह घटना है, उस इलाके के सर्किल अधिकारी ने कहा, ‘लड़के को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष पेश किया गया, जहां से उसे संरक्षण गृह भेज दिया गया है. अभी मजिस्ट्रेट के समक्ष लड़की के बयान की जांच की जानी बाकी है.’
अधिकारी का कहना है कि लड़की की चिकित्सकीय जांच की गई और कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उसे उसके परिवार को सौंपा जाएगा.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में लड़की के एक पड़ोसी ने बताया, ‘लड़की मंगलवार (19 जनवरी) को दवाइयां खरीदने गई थी. दोपहर में एक स्थानीय शख्स ने उसे पड़ोस के एक लड़के के साथ कार में बैठते देखा. उस शख्स ने तुरंत लड़की के परिवार को इसकी सूचना दी, जिसके बाद लड़की की तलाश शुरू की गई.’
लड़की के पिता लखनऊ में एक निजी कंपनी में काम करते हैं. घटना की जानकारी होने के बाद वह गांव लौट आए हैं. घटना के अगले दिन लड़की की मां पुलिस स्टेशन गईं और पुलिस को बताया कि पड़ोस के गांव के एक लड़के ने शादी के बहाने उनकी बेटी को अगवा किया है.
लड़की की मां का कहना है कि लड़का उनकी बेटी का धर्म परिवर्तन करा सकता है.
लड़की की मां ने आरोपी लड़के और उसके दो दोस्तों, जिनकी उम्र 17 साल है, के खिलाफ साजिश रचने, अपहरण और शादी के लिए लड़की पर दबाव डालने समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कराया है.
लड़के के दोस्तों पर कथित तौर पर लड़की को अगवा करने में मदद करने के लिए मामला दर्ज कराया गया है. अभी तक उनमें से किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
पुलिस ने स्थानीय लोगों और लड़की की एक दोस्त से बात कर जुटाई गई जानकारी के आधार पर दोनों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
लड़की की मां का कहना है कि उनकी बेटी ने कभी भी आरोपी लड़के के बारे में उन्हें नहीं बताया. मां ने कहा, ‘मुझे पता चला है कि लड़के का घर मेरी बेटी के स्कूल के पास है.’
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून के लागू होने के बाद 17 जिलों में अब तक 19 मामले दर्ज किए गए हैं.
मालूम हो कि बीते साल 24 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार तथाकथित ‘लव जिहाद’ को रोकने के लिए शादी के लिए धर्म परिवर्तन पर लगाम लगाने के लिए ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपविर्तन प्रतिषेध अध्यादेश, 2020’ ले आई थी.
इसमें विवाह के लिए छल-कपट, प्रलोभन देने या बलपूर्वक धर्मांतरण कराए जाने पर विभिन्न श्रेणियों के तहत अधिकतम 10 वर्ष कारावास और 50 हजार तक जुर्माने का प्रावधान किया गया है.
उत्तर प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जहां लव जिहाद को लेकर इस तरह का कानून लाया गया.