किसान आंदोलनः हिंसक प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के आईटीओ पर युवक की मौत

युवक की पहचान 27 वर्षीय नवरीत सिंह के रूप में हुई है. नवरीत ऑस्ट्रलिया में स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे और हाल ही में भारत लौटे थे. वह उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के बिलासपुर तहसील के तहत आने वाले डिबडिबा गांव के रहने वाले थे.

New Delhi: Farmers stand next to an overturned tractor at ITO during their Kisan Gantantra Parade to protest against Centres farm reform laws, on the occasion of 72nd Republic Day, in New Delhi, Tuesday, Jan. 26, 2021. A protesting farmer died after his tractor overturned at Central Delhis ITO. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI01 26 2021 000323B)

युवक की पहचान 27 वर्षीय नवरीत सिंह के रूप में हुई है. नवरीत ऑस्ट्रलिया में स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे और हाल ही में भारत लौटे थे. वह उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले के बिलासपुर तहसील के तहत आने वाले डिबडिबा गांव के रहने वाले थे.

New Delhi: Farmers stand next to an overturned tractor at ITO during their Kisan Gantantra Parade to protest against Centres farm reform laws, on the occasion of 72nd Republic Day, in New Delhi, Tuesday, Jan. 26, 2021. A protesting farmer died after his tractor overturned at Central Delhis ITO. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI01 26 2021 000323B)
दिल्ली के आईटीओ पर मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान ट्रैक्टर पलटने से युवक की मौत हो गई. (फोटोः पीटीआई)

नई दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीते 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाला था, जो हिंसक हो गया. हिंसा के दौरान एक युवक की मौत होने की सूचना मिली है.

मंगलवार को आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से उसमें सवार युवक की मौत हो गई.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, युवक की पहचान 27 वर्षीय नवरीत सिंह के रूप में हुई है. नवरीत ऑस्ट्रलिया में पढ़ाई कर रहे थे और हाल ही में भारत लौटे थे.

वह उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर तहसील के तहत आने वाले डिबडिबा गांव के रहने वाले थे. बिलासपुर क्षेत्र के तमाम किसान दिल्ली में हो रहे किसान आंदोलन में शामिल हुए थे. रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि नवरीत तीन दिन पहले किसान आंदोलन में शामिल हुए थे.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हमें टक्कर मारने की कोशिश में कुछ किसान हड़बड़ी में गाड़ी चला रहे थे. हमने ट्रैक्टर को बैरिकेड से टकराते हुए देखा. हमारे कर्मचारी उसे (युवक) बचाने गए, लेकिन आंदोलनकारी किसानों के एक समूह ने उन्हें रोक दिया. ऐसा संदेह है कि इस दुर्घटना के कारण उनकी मृत्यु हो गई.’

पुलिस ने बताया कि पुलिस को शव का पोस्टमाॅर्टम कराने से इनकार करते हुए आंदोलनकारी किसान युवक के शव को तिरंगे में लपेट कर आईटीओ क्रॉसिंग पर बैठे रहे.

रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि बिलासपुर क्षेत्र के एक किसान मनिदेव चतुर्वेदी ने पुलिस के इस बयान को खारिज किया है. उन्होंने दावा किया, ‘पुलिस ने नवरीत पर आंसू गैस का गोला छोड़ा. इसका एक टुकड़ा नवरीत के सिर पर लगा और उन्होंने स्टीयरिंग ह्वील पर नियंत्रण खो दिया. पुलिस ने उनकी कोई मदद नहीं की.’

अधिकारियों ने दावा किया कि मंगलवार को गाजीपुर और सिंघु बाॅर्डर से बड़ी संख्या में किसान आईटीओ पर जमा हो गए थे और नई दिल्ली जिले की ओर बढ़ रहे थे. जब इन्हें रोका गया तो इनमें से एक समूह हिंसक हो गया और बैरिकेड तोड़ दी. लोहे की ग्रिल और डिवाइडर को क्षतिग्रस्त किया तथा पुलिस पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की.

नवरीत की मौत के बाद मंगलवार शाम को रामपुर जिला प्रशासन और पुलिस की एक टीम उनके परिवार से मिली है. रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि प्रशासन ने अभी उनकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है.

नवरीत ने दो साल पहले शादी की थी और उनकी पत्नी भी ऑस्ट्रलिया में पढ़ाई करती हैं.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘नवरीत के पिता साहब सिंह ने हमें बताया कि स्थानीय किसान, जो दिल्ली में हो रहे आंदोलन का हिस्सा थे, ने उन्हें बताया है कि उनके बेटे की मौत हो गई है.’

अधिकारी ने बताया, ‘परिवार ने हमें बताया कि नवरीत के दिल्ली में होने और किसानों के आंदोलन में शामिल होने की जानकारी उन्हें नहीं थी. परिवार ने बताया कि वह एक रिश्तेदार से मिलने बाजपुर (उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में) गए थे.’

रामपुर के जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि परिवार को संदेह है कि वह बाजपुर से दिल्ली गए होंगे. उन्होंने यह भी कहा कि नवरीत की मौत की आधिकारिक सूचना पाने के बाद वह आगे की कार्रवाई करेंगे.

बिलासपुर के सर्किल अधिकारी ने कहा, ‘परिवार ने हमें बताया कि नवरीत ऑस्ट्रलिया से स्नातक की पढ़ाई कर रहे थे और कुछ कारणों से वापस लौट आए थे. अभी कारण का सत्यापन करना बाकी है.’

उल्लेखनीय है कि प्रदर्शनकारी किसानों की राष्ट्रीय राजधानी के कई स्थानों पर पुलिस के साथ झड़प हुई और सैकड़ों किसान पूर्व निर्धारित मार्ग से हटकर ऐतिहासिक लाल किले के परिसर एवं शहर के केंद्र आईटीओ पहुंच गए, जिससे सुरक्षाकर्मियों को लाठी चार्ज करना पड़ा एवं आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

आईटीओ पर उस समय अराजकता का माहौल देखने को मिला जब डंडों से लैस सैकड़ों प्रदर्शनकारी पुलिसकर्मियों को दौड़ाते नजर आए और वहां पुलिस द्वारा खड़ी की गई बसों को ट्रैक्टर से धकेलते दिखे.

मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में पिछले दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.

इसे लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांग पर पहले की तरह डटे हुए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)