संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा को लेकर कहा, ‘मुझे लगता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन, एकत्रित होने की स्वतंत्रता और अहिंसा का सम्मान करना आवश्यक है.’
संयुक्त राष्ट्र: भारत में किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच हुई हिंसक झड़प को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता ने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन, एकत्रित होने की स्वतंत्रता और अहिंसा का सम्मान करना जरूरी है.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की किसान संगठनों की मांग के पक्ष में मंगलवार को हजारों की संख्या में किसानों ने दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाली थी. इस दौरान कई जगह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के अवरोधकों को तोड़ दिया और पुलिस के साथ झड़प की, वाहनों में तोड़-फोड़ की और लाल किले पर सिखों का धार्मिक झंडा लगा दिया था.
दिल्ली पुलिस ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के संबंध में अभी तक 20 से अधिक प्राथमिकियां दर्ज की हैं. हिंसा में करीब 400 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.
महासचिव गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने नई दिल्ली में हुई हिंसा के सवाल पर मंगलवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जैसा हम ऐसे कई मामलों में कहते हैं, मुझे लगता है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन, एकत्रित होने की स्वतंत्रता और अहिंसा का सम्मान करना आवश्यक है.’
ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के एक दिन बाद बुधवार को किसान संगठनों ने एक फरवरी का प्रस्तावित संसद मार्च रद्द कर दिया है. उसी दिन संसद में बजट पेश किया जाना है.
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की अगुवाई में दिल्ली से लगी सीमाओं पर हजारों किसान केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. एसकेएम 41 किसान संगठनों की शीर्ष इकाई है.
किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा करने वाले लोगों से खुद को अलग करते हुए आरोप लगाया है कि कुछ असमाजिक तत्व इस प्रदर्शन में घुस आए वरना प्रदर्शन शांतिपूर्ण था.
संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा पर चर्चा करने के लिए बुधवार दोपहर बाद बैठक बुलाई है.
गौरतलब है कि हजारों किसान पिछले साल 28 नवंबर से दिल्ली से लगी सीमाओं पर केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने और उनकी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्यों की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं. इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं.
मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में पिछले दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
इसे लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है. किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांग पर पहले की तरह डटे हुए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)