मामला नौपाड़ा ज़िले का है. सोमवार को एक 27 वर्षीय सिक्योरिटी गार्ड को जी मिचलाने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अगले दिन उन्होंने दम तोड़ दिया. उन्होंने बीमार होने के तीन दिन पहले कोविड-19 टीकाकरण अभियान के तहत टीका लगवाया था.
भुवनेश्वर/नई दिल्ली: कोविड-19 वैक्सीन लगाने के तीन दिन बाद ही बीते मंगलवार को ओडिशा के नौपाड़ा जिला मुख्यालय अस्पताल में एक सिक्योरिटी गार्ड की मौत हो गई.
हालांकि, स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि उनकी मौत का टीकाकरण से कोई संबंध नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कुल 9 मौतें हुई हैं. इनमें से कोई भी मौत कोविड-19 टीकाकरण के कारण नहीं हुई है. पिछले 24 घंटों में ओडिशा के निवासी 23 वर्षीय एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
27 वर्षीय नानिकाराम कींट के परिवार ने कहा कि उन्होंने ड्यूटी पर रहते हुए सोमवार को मितली (जी मिचलाना) की शिकायत की और उसी शाम उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्हें तबीयत बिगड़ने पर संबलपुर के एक अस्पताल में रेफर किया गया था. उनका मंगलवार रात निधन हो गया.
कींट के भाई ने कहा, ‘उसने हमें सूचित किया था कि टीकाकरण के बाद वह थोड़ा असहज महसूस कर रहा था. देर शाम हमें सूचित किया गया कि वह अस्वस्थ था और उसे संबलपुर रेफर कर दिया गया था. वह किसी बीमारी से पीड़ित नहीं था और वैक्सीन से पहले स्वस्थ था. हम मांग करते हैं कि उनकी मौत की उचित जांच की जाए.’
ओडिशा स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि टीकाकरण का मौत से कोई संबंध नहीं है.
उसने कहा, ‘नौपाड़ा जिले के एक 27 वर्षीय पुरुष की बुरला के वीआईएमएसएआर में गंभीर एनीमिया और इंट्रासेरेब्रल रक्तस्राव (जानलेवा आघात का एक प्रकार जो मस्तिष्क के ऊतकों के भीतर रक्तस्त्राव से होता है) के कारण रक्तस्राव विकार से मृत्यु हो गई. हालांकि, चिकित्सा जांच के अनुसार, मौत का कारण कोविड टीकाकरण से संबंधित नहीं है.’
नौपाड़ा मुख्य जिला मेडिकल अधिकारी कालीप्रसाद बहेरा ने भी मौत का कारण टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव (एईएफआई) से होने से इनकार किया.
बहेरा ने कहा, ‘जब उन्हें भर्ती कराया गया था, तब उनका व्हाइट ब्लड सेल काउंट गिर गया था और प्लेटलेट्स काउंट अधिक था. हम अभी भी उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन प्रारंभिक जांच के अनुसार, इंट्रासेरेब्रल रक्तस्राव के कारण उनकी मृत्यु हो गई.’
राज्य में टीकाकरण अभियान शुरू होने के बाद से अभी तक ओडिशा में एईएफआई के चार मामले सामने आए हैं. फिलहाल सभी की हालत स्थिर है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पिछले 24 घंटों में बैक्टीरिया सेप्सिस से पीड़ित एक व्यक्ति को चेन्नई के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अभी तक टीकाकरण के बाद गंभीर/अतिगंभीर एईएफआई/मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है.