तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बागपत ज़िले के बड़ौत थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पिछले साल 19 दिसंबर से धरना दे रहे थे. किसानों का आरोप है कि पुलिस ने देर रात लाठी चार्ज कर उन्हें हटा दिया, जबकि पुलिस इससे इनकार कर रही है.
![New Delhi: Farmers gathered at the Kundli border during their ongoing Delhi Chalo protest against Centres new farm laws, in New Delhi, Monday, Nov 30, 2020. (PTI Photo/ Shahbaz Khan) (PTI30-11-2020 000015B)](https://hindi.thewire.in/wp-content/uploads/2020/11/Farmers-Protest-Delhi-Chalo-B-PTI-1.jpg)
बागपत: गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत इलाके में पुलिस ने कृषि कानूनों के खिलाफ धरना दे रहे किसानों को कथित तौर पर जबरन हटा दिया है.
किसान 19 दिसंबर 2020 से वहां धरने पर बैठे थे.
पुलिस ने हालांकि धरना जबरन समाप्त कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों ने स्वेच्छा से अपना प्रदर्शन खत्म किया है.
Police has unleashed brutal indiscriminate lathicharge on protesting farmers at Baghpat, Delhi-Sahranpur Highway. Farmer leaders on site arrested and taken to undisclosed location. #BoycottBJP pic.twitter.com/LxaLnrBAaw
— Saral Patel (@SaralPatel) January 27, 2021
धरने में शामिल किसान थांबा चौधरी और ब्रजपाल सिंह ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों को बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में बड़ौत थाना क्षेत्र स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे पिछली 19 दिसंबर से किसानों का धरना चल रहा था. देर रात बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी धरना स्थल पर बने तंबुओं में घुस गए और वहां सो रहे किसानों पर लाठियां चलाईं और उन्हें खदेड़ दिया.
किसानों ने इसे पुलिस की ज्यादती करार देते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने तंबू भी हटा दिए हैं.
बड़ौत पुलिस क्षेत्राधिकारी आलोक सिंह ने किसानों पर ज्यादती के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि किसानों से बातचीत के बाद ही धरने को समाप्त कराया गया है और कोई लाठीचार्ज नहीं किया गया. जो हुआ वह सबकी सहमति से हुआ और किसान स्वेच्छा से अपने घर गए हैं.
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, आलोक सिंह ने कहा, ‘किसान एक हाईवे पर विरोध कर रहे थे, जहां निर्माण कार्य किया जाना था. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण का काम लंबित है, उनकी परियोजना लागत में वृद्धि हो रही है.’ क्या किसानों को विरोध करने के लिए शहर में कोई वैकल्पिक जगह दी गई है, इस पर उन्होंने कहा कि कोई अन्य विरोध स्थल नहीं है.
मालूम हो कि गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में किसानों द्वारा निकाले गए ट्रैक्टर परेड के दौरान भड़की हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश की बागपत पुलिस की ओर से यह कार्रवाई की गई है.
हालांकि बड़ौत क्षेत्राधिकारी सिंह ने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या को लेकर ऐसा नहीं किया गया है. उन्होंने कहा, ‘कोई भी परेशान नहीं हुआ था. कल (बुधवार) मौसम ठीक था. सबकुछ शांतिपूर्ण है.’
अपर जिलाधिकारी अमित कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक संजय मिश्रा ने पत्र लिख दिल्ली-सहारनपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में कुछ अराजक तत्वों द्वारा बाधा पहुंचाए जाने के कारण निर्माण कार्य पूरा न होने की शिकायत की थी. शिकायत के बाद ही धरना दे रहे लोगों को हटा कर घर भेज दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)