गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड के बाद ग़ाज़ियाबाद प्रशासन ने दिल्ली-उत्तर प्रदेश सीमा पर स्थित ग़ाज़ीपुर में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटने का अल्टीमेटम दिया था. हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत यह कहते हुए डटे रहे कि वह ख़ुदकुशी कर लेंगे, लेकिन आंदोलन ख़त्म नहीं करेंगे.
नई दिल्ली/बिजनौर: नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर जमे भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के सदस्यों का साथ देने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश से करीब 1000 किसान शुक्रवार को गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे. वहीं, हरियाणा से कई किसानों ने आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली से लगी सीमा की ओर बढ़ने का फैसला किया है.
यूपी गेट प्रदर्शन स्थल खाली करने के संबंध में गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) प्रशासन के अल्टीमेटम से सहमत नहीं होते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ, बागपत, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद तथा बुलंदशहर से और भी किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए शुक्रवार सुबह यूपी गेट पहुंचे. बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने इस संबंध में किसानों से एक भावुक अपील की थी.
गाजीपुर बॉर्डर से आज सुबह का दृश्य pic.twitter.com/SzSpke2Ixq
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 29, 2021
बृहस्पतिवार की रात प्रदर्शनकारियों की संख्या घटकर करीब 500 रह गई थी, जो अब लगभग 1000 किसानों के आने के बाद से बढ़ गई है.
समर्थकों के साथ टिकैत दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन स्थल पर डटे हुए हैं, जिसके दोनों ओर अवरोधक लगा दिए गए हैं. हालांकि, प्रदर्शन स्थल पर तैनात किए गए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को वापस भेज दिया गया है.
हरियाणा के विभिन्न हिस्सों से कई किसानों ने भी केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं की ओर बढ़ने का फैसला किया और उन्होंने किसान नेताओं को लुकआउट नोटिस जारी किए जाने तथा प्रदर्शन स्थल खाली करने के गाजियबाद प्रशासन के अल्टीमेटम के खिलाफ प्रदर्शन किया.
किसानों ने दावा किया कि लुकआउट नोटिस जारी किए जाने और किसानों के प्रदर्शन स्थल खाली करने को कहे जाने से यह आंदोलन कमजोर नहीं पड़ने जा रहा है.
मुजफ्फरनगर – जीआईसी ग्राउंड किसान महापंचायत @OfficialBKU pic.twitter.com/gVrQ2TN0fF
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) January 29, 2021
हरियाणा के किसान नेताओं ने दावा किया कि जींद, कैथल, हिसार, भिवानी और सोनीपत से काफी संख्या में किसान टीकरी, सिंघू और गाजीपुर बॉर्डरों की ओर बढ़ रहे हैं.
प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करते हुए राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) प्रमुख अजीत सिंह ने बीकेयू का समर्थन करने की घोषणा की है. रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने बताया कि पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बीकेयू प्रमुख नरेश टिकैत और प्रवक्ता राकेश टिकैत से बात की है.
रालोद उपाध्यक्ष ने एक ट्वीट में कहा, ‘चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है. सबको एक होना है, साथ रहना है- यह संदेश दिया है चौधरी साहब (अजीत सिंह) ने!’
अभी चौधरी अजित सिंह जी ने BKU के अध्यक्ष और प्रवक्ता, नरेश टिकैत जी और राकेश टिकैत जी से बात की है।
“चिंता मत करो, किसान के लिए जीवन मरण का प्रश्न है। सबको एक होना है, साथ रहना है” – ये संदेश दिया है चौधरी साहब ने!
— Jayant Singh (@jayantrld) January 28, 2021
जयंत ने गाजीपुर प्रदर्शन स्थल का भी दौरा किया.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आंदोलनरत किसानों की मांगों को वाजिब तथा उन्हें बदनाम करने की कोशिश को पूरी तरह गलत करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनकी आम आदमी पार्टी (आप) किसानों के जारी प्रदर्शन का पूरा समर्थन करती है.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए आप सरकार द्वारा किए गए इंतजामों का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को गाजीपुर बार्डर का दौरा किया.
सिसोदिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘आम आदमी पार्टी (आप) प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करती है और मैं दिल्ली सरकार द्वारा उनके लिए किए गए इंतजामों का जायजा लेने यहां आया हूं. मैंने किसानों के लिए पीने के पानी, शौचालय और अन्य सुविधाओं को लेकर किए गए इंतजामों का निरीक्षण किया है.’
उन्होंने कहा कि किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बातचीत की थी और मूलभूत सुविधाएं मांगी थीं.
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री के आदेश पर रात में इंतजाम किए गए.’
गाजियाबाद प्रशासन ने बृहस्पतिवार रात को प्रदर्शनकारी किसानों को यूपी गेट प्रदर्शन स्थल खाली करने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन टिकैत यह कहते हुए डटे रहे कि वह खुदकुशी कर लेंगे लेकिन आंदोलन खत्म नहीं करेंगे.
प्रशासन का यह आदेश 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसानों के ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली और उसकी सीमाओं के कई स्थानों पर लाठीचार्ज किए जाने, आंसू गैस के गोले छोड़े जाने और बैरीकेड तोड़े जाने के बाद आया था.
इस हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस ने किसानों और किसान संगठनों के नेताओं पर कई एफआईआर दर्ज की हैं. वहीं, इस दौरान एक युवक की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
गाजियाबाद प्रशासन के अल्टीमेटम के बाद भी शुक्रवार को दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर भारतीय किसान यूनियन के सैकड़ों सदस्य डटे हुए हैं. टिकैत की अपील के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा से और किसान वहां पहुंच रहे है.
गाजियाबाद जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी बृहस्पतिवार आधी रात को प्रदर्शनस्थल पहुंचे और वहां हालात का जायजा लिया. यहां पर बृहस्पतिवार से सैकड़ों सुरक्षाकर्मी तैनात हैं.
आधिकारिक निर्देशों के बाद पीएसी और आएएफ के जवानों समेत कई सुरक्षाकर्मी आधी रात को प्रदर्शन स्थल से चले गए थे.
रात को एक बजे टिकैत के समर्थक प्रदर्शन स्थल दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर उमड़े. इस स्थान को दोनों ओर से बंद किया गया है तथा यहां सामान्य यातायात बाधित हो गया है.
यूपी गेट पर करीब 500 प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से रात में यहां और किसान आए.
गाजियाबाद के एक पुलिस अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘प्रदर्शन स्थल से अतिरिक्त सुरक्षा बल को हटा लिया गया है और वहां पर बहुत कम संख्या में जवान तैनात हैं.’
कृषक नेता महेंद्र सिंह टिकैत के दोनों बेटे राकेश और नरेश टिकैत बीकेयू की अगुवाई कर रहे हैं जिसके सदस्य केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले दो महीने से यूपी गेट (गाजीपुर बार्डर) पर डेरा डाले हुए हैं. केंद्र सरकार पिछले साल सितंबर में ये कृषि कानून लेकर आई थी.
शुक्रवार को मुजफ्फरपुर में नरेश टिकैत ने आंदोलन के समर्थन में महापंचायत बुलाई थी, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया है.
बिजनौर में धारा 144 लागू कर प्रशासन ने सीमाएं सील कीं
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में धारा 144 लागू कर सीमाएं सील कर दी गई हैं.
एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि गाजीपुर-दिल्ली सीमा पर धरना को गैरकानूनी घोषित किए जाने के कारण वहां किसी को भी जाने की इजाजत नहीं होगी.
बिजनौर के पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने बताया, ‘गाजीपुर-दिल्ली सीमा पर किसानों के धरना स्थल को अवैध घोषित कर दिया गया है, इसलिए जिले में धारा 144 लागू कर सीमाएं सील कर दी गई हैं.’
उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर समेत दोपहिया और चार पहिया वाहनों को जनपद की सीमा से गाजीपुर की ओर जाने की इजाजत नहीं है. आदेश का पालन नहीं करने पर पुलिस को सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत की अगुवाई में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने आस-पास के किसानों से गाजीपुर सीमा के पास पहुंचने का आह्वान किया था, जिसके बाद किसानों को रोकने के लिए प्रशासन ने यह कदम उठाया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)