लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को भाजपा नेतृत्व वाली राजग की बैठक के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से न्योता मिलना काफ़ी मायने रखता है, क्योंकि इससे यह साफ़ हो गया है कि पिछले साल के आख़िर में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजग गठबंधन से लोजपा के बाहर चले जाने के बावजूद भी वह इसका हिस्सा बनी हुई है.
नई दिल्ली: लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान को संसद के बजट सत्र के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के एजेंडे पर चर्चा के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन की शनिवार की बैठक में भाजपा ने आमंत्रित किया था, लेकिन इस कदम का जदयू के विरोध के करने के चलते ही संभवत: वह कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए.
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) सूत्रों ने बताया कि पासवान स्वास्थ्य संबंधी कारणों के चलते डिजिटल बैठक में शामिल नहीं हुए.
उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि इससे पहले दिन में हुई सर्वदलीय बैठक में भी वह शामिल नहीं हुए.
पासवान को भाजपा नीत राजग की बैठक के लिए संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से न्योता मिलना काफी मायने रखता है, क्योंकि इससे यह स्पष्ट हो गया है कि पिछले साल के आखिर में हुए बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन (राजग) से लोजपा के बाहर चले जाने के बावजूद भी वह (लोजपा) इसका हिस्सा बनी हुई है.
इस बीच, जदयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने लोजपा के खिलाफ अपनी पार्टी का स्पष्ट रूप से रुख जाहिर करते हुए कहा कि वह पासवान की पार्टी को राजग (एनडीए) का हिस्सा नहीं मानती है.
लोजपा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विरोध में राज्य में राजग से अलग होकर अकेले राज्य विधानसभा चुनाव लड़ा था.
त्यागी ने कहा, ‘लोजपा ने विधानसभा चुनाव में राजग के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ काम किया था. इससे न सिर्फ जदयू को नुकसान पहुंचा था, बल्कि यह भाजपा और दो अन्य सहयोगी दलों-विकासशील इंसान पार्टी और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर)- के भी खिलाफ गया था. इससे राजग को भारी नुकसान पहुंचा था.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा था (चुनाव के दौरान) कि बिहार में राजग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में काम कर रहा है और इसमें ‘वीआईपी’ तथा ‘हम’ शामिल हैं. इसलिए, हम लोजपा को राजग का हिस्सा नहीं मानते हैं.’
सूत्रों ने बताया कि पासवान को आमंत्रित करने के फैसले को लेकर राजग में असहमति के चलते इसके शीर्ष नेताओं को उन्हें बैठक में शामिल होने के लिए मनाना पड़ा.
वहीं, जदयू के एक नेता ने दावा किया कि ‘न्योता’ वापस ले लिया गया था, लेकिन इसकी भाजपा से पुष्टि नहीं हो पाई है.
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी नीत ‘हम’ ने राजग की बैठक में शामिल होने के लिए लोजपा को न्योता देने की निंदा की है.
पार्टी प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा, ‘यह कहीं से भी उपयुक्त नहीं है. लोजपा ने चुनाव के दौरान राजग की पीठ में छुरा घोंपा था. मांझी जी अब यह फैसला करेंगे कि राजग में बने रहना है या नहीं.’
लोजपा बिहार चुनाव में केवल एक सीट जीत पाई थी, लेकिन उसने जदयू को नुकसान पहुंचाया था.
जदयू की सीटों की संख्या 71 से घटकर 43 रह गई, जिसके कारण जदयू ने पासवान की आलोचना की थी और इसके कुछ नेताओं ने सवाल किए थे कि क्या पासवान को, केंद्र में राजग का अब भी हिस्सा बनाए रखना चाहिए.
विधानसभा चुनाव में लोजपा रहित एनडीए को बहुमत मिलने के बाद पहली बार संवाददाताओं से बातचीत में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि लोजपा के एनडीए में बने रहने पर भाजपा फैसला करेगी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक चिराग पासवान ने कई बार कहा है कि वह केंद्र में भाजपा के सहयोगी हैं.
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने भी बिहार चुनाव में जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े करने के लिए पासवान की निंदा की थी.
पासवान को बैठक के लिए आमंत्रित किया जाना, इस बात का इशारा करता है कि अपने कुछ अहम सहयोगियों को खो चुकी भाजपा लोजपा को अपना सहयोगी समझती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)