बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी से एक विकास वित्त संस्थान यानी डीएफआई स्थापित करेगी. साथ ही सरकार अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी.
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि मुफ्त रसोई गैस एलपीजी योजना (उज्ज्वला) का विस्तार किया जाएगा तथा एक करोड़ और लाभार्थियों को इसके दायरे में लाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने सोमवार को इसकी घोषणा की.
वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए आम बजट पेश करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान ईंधन की आपूर्ति जारी रखी गई .
उन्होंने कहा कि घरों में पाइप के जरिए गैस पहुंचाने और वाहनों को सीएनजी मुहैया कराने के सिटी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार कर 100 और जिलों को इसके दायरे में लाया जाएगा.
FM @nsitharaman announces key initiatives in the Petroleum & Natural Gas Sector
▪️ Ujjwala Scheme will be extended to cover 1 crore more beneficiaries
▪️ Gas pipeline project will be taken up in the Union Territory of J&K#AatmanirbharBharatKaBudgethttps://t.co/an0rHjHbi9 pic.twitter.com/EFPbQJ0KA6
— PIB India (@PIB_India) February 1, 2021
उन्होंने गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वहन क्षमता के नियमन की खातिर परिवहन प्रणाली आपरेटर (टीएसओ) की भी घोषणा की.
सरकार का बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) की सीमा को बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इस कदम का उद्देश्य विदेशी कंपनियों को निवेश के लिए आकर्षित करना है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सभी वित्तीय उत्पादों के लिए निवेशक चार्टर पेश किया जाएगा. यह सभी वित्तीय निवेशकों का अधिकार होगा.
उन्होंने बीमा क्षेत्र में एफडीआई की सीमा को 49 प्रतिशत से बढ़ाकर 74 प्रतिशत करने तथा रक्षोपाय के साथ विदेशी भागीदारी तथा नियंत्रण की अनुमति के लिए बीमा अधिनियम-1938 में संशोधन का प्रस्ताव किया.
बीमा अधिनियम 1938 में संशोधन किया जाएगा, बीमा कंपनियों में 49% से 74% तक अनुमेय एफडीआई सीमा बढ़ाई जाएगी और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति#Budget2021 #AatmanirbharBharatKaBudget https://t.co/9NFsx0cu7z
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आम बजट 2021-22 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि नए ढांचे के तहत ज्यादातर निदेशक और बोर्ड तथा प्रबंधन स्तर के अधिकारी निवासी भारतीय होंगे. कम से कम 50 प्रतिशत निदेशक स्वतंत्र निदेशक होंगे. इसके अलावा मुनाफे का एक निश्चित प्रतिशत सामान्य आरक्षित निधि के रूप में रखा जाएगा.
नया विकास वित्त संस्थान स्थापित करेगी सरकार, 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी का प्रस्ताव
सीतारमण ने कहा कि सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी से एक विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) स्थापित करेगी.
उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक कर्ज देने वाला यह नया वित्तीय संस्थान राष्ट्रीय अवसंरचना विकास कार्यक्रम के लिए 2025 तक अनुमानित 111 लाख करोड़ रुपये की वित्तीय जरूरतों को देखते हुए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
वर्ष 2021-22 का केंद्रीय बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि पेशेवरों द्वारा संचालित डीएफआई का गठन किया जायेगा जो अवसंरचना परियोजाओं के लिए कर्ज प्रदान करने के साथ दूसरी संस्थाओं को भी इसके लिए प्रेरित करेगा.
Government to step up funding for national infrastructure pipeline
▪️Development financial institution (DFI) proposed to be set up#AatmanirbharBharatKaBudget
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वित्त मंत्री ने 2019-20 के अपने बजट भाषण में अवसंरचना वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए कुछ डीएफआई की स्थापना के संबंध में अध्ययन का प्रस्ताव भी रखा था.
राष्ट्रीय अवसंरचना विकास कार्यक्रम एनआईपी (नेशनल इंफ्रास्टक्चर पाइपलाइन) के लिए करीब 7000 परियोजनायें चिन्हित की गई हैं जिनमें 2020 से 2025 के बीच 111 लाख करोड़ रुपये निवेश की योजना है.
मोदी सरकार का दावा है कि एनआईपी एक अनूठी पहल है जिसके तहत देश भर में विश्व स्तरीय आधारभूत ढांचा तैयार किया जायेगा जिससे सभी नागरिकों की जीवनशैली सुधरेगी.
यह 2025 वित्त वर्ष तक पांच खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य पाने की दिशा में काफी महत्वपूर्ण है.
मालूम हो कि साल 2021 का बजट छह स्तंभों पर आधारित है, जिसमें स्वास्थ्य एवं कल्याण, भौतिक एवं वित्तीय पूंजी तथा बुनियादी ढांचा, समावेशी भारत के लिए समावेशी विकास, मानव पूंजी को मजबूत बनाना, नवाचार एवं आर एंड डी और न्यूनतम सरकार-अधिकतम शासन शामिल हैं.
सरकार अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि सरकार अगले वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी. पूंजी के मिलने से इन बैंकों को पूंजी संबंधी नियामकीय शर्तों को पूरा करनें में आसानी होगी.
चालू वित्त वर्ष में भी सरकार ने बैंकों के पुन:पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया था.
सीतारमण ने लोकसभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया है.
वित्त वर्ष 2019-20 में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने का प्रस्ताव किया था. हालांकि, चालू वित्त वर्ष के बजट में सरकार ने इस तरह का कोई प्रस्ताव नहीं किया था. सरकार को उम्मीद थी कि बैंक अपनी जरूरत के हिसाब से बाजार से धन जुटा लेंगे.
हालांकि सितंबर, 2020 में संसद ने 2020-21 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले चरण के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए 20,000 करोड़ रुपये के पूंजी निवेश को मंजूरी दी थी.
इसमें से 5,500 करोड़ रुपये की राशि नवंबर, 2020 में पंजाब एंड सिंध बैंक को नियामकीय पूंजी की जरूरत को पूरा करने के लिए उपलब्ध कराई गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)