वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की पुरानी परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण कार्यक्रम शुरू करेगी. इसके तहत गैस पाइपलाइन, राजमार्ग आदि जैसी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र के साथ साझा या किराये पर चढ़ाकर पैसे जुटाने का प्रस्ताव है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार बुनियादी अवसंरचना क्षेत्र की ऐसी पुरानी परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण कार्यक्रम शुरू करेगी जहां इसकी संभावना दिखेगी. सीतारमण ने लोकसभा में 2021-22 का बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की.
उन्होंने कहा, ‘बुनियादी संरचना क्षेत्र की संभावित पुरानी परियोजनाओं के लिए एक राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन (कार्यक्रम) की शुरुआत की जायेगी.’
इस योजना के तहत गैस पाइपलाइन, राजमार्ग आदि जैसी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र के साथ साझा करने या किराये पर चढ़ाकर आय सृजन करने का प्रस्ताव है.
SUITABLE AMENDMENTS IN RELEVANT LEGISLATIONS FOR DEBT FINANCING OF InVITs AND REITs BY FOREIGN PORTFOLIO INVESTORS
LAUNCH OF NATIONAL MONETIZATION PIPELINE FOR MONETIZING OPERATING PUBLIC INFRASTRUCTURE ASSETS@FinMinIndia @Anurag_Office @PIB_India https://t.co/Q8e1XkvNB8 pic.twitter.com/ZXS9xBE6ud
— PIB in Tripura (@PIBAgartala) February 1, 2021
केंद्रीय सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं एमसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले महीने कहा था कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की अगले पांच साल में टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) के माध्यम से राजमार्गों का मौद्रिकरण कर एक लाख करोड़ रुपये जुटाने की योजना है.
गडकरी ने कहा था, ‘एनएचएआई अगले पांच साल में टीओटी के मार्फत राजमार्गों का मौद्रिकरण कर एक लाख करोड़ रुपये जुटाना चाह रहा है. हमें शानदार प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं. हमें विदेश के निवेशकों के साथ ही पेंशन कोषों से भी पेशकश प्राप्त हुई हैं.’
बजट में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव
केंद्र सरकार ने देश के नवाचार को बढ़ावा देने के लिए अगले पांच वर्षों में राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के लिए 50,000 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रस्ताव किया है .
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केन्द्रीय बजट पेश करते हुए डिजिटल भुगतान, अंतरिक्ष क्षेत्र और गहरे महासागर में अन्वेषणों एवं नवाचार के लिए कई महत्वपूर्ण पहल का प्रस्ताव दिया.
वित्त मंत्री ने अगले पांच वर्षों के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन हेतु 50,000 करोड़ रूपए के परिव्यय का प्रस्ताव दिया.
उन्होंने कहा, ‘यह चिन्हित राष्ट्रीय-प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए देश में एक समग्र अनुसंधान तंत्र को मज़बूत बनाने के मार्ग को सुनिश्चित करेगा.’
सीमारमण ने राष्ट्रीय भाषा अनुवाद अभियान (एनटीएलएम) नामक एक नई पहल का प्रस्ताव किया जिससे इंटरनेट पर शासन और नीति संबंधित ज्ञान भंडार का डिजिटलीकरण करने के साथ-साथ इसे प्रमुख भारतीय भाषाओं में उपलब्ध भी कराया जाएगा.
National research foundation outlay to be RS 50,000 crore, over 5 years
▪️RS 1,500 crore proposed for scheme to promote digital modes of payment#AatmanirbharBharatKaBudget
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— PIB India (@PIB_India) February 1, 2021
वित्त मंत्री ने बताया कि पिछले समय में डिजिटल भुगतानों में कई गुना वृद्धि हुई है और इसी गति को आगे भी बनाए रखने की आवश्यकता थी. इसके लिए एक योजना के तहत 1,500 करोड़ रूपए का प्रस्ताव दिया गया है जिसके माध्यम से भुगतान के डिजिटल माध्यमों और आगामी डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहन देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.
अंतरिक्ष क्षेत्र से जुड़े बजटीय प्रावधानों का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत एक सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) कुछ भारतीय छोटे उपग्रहों के साथ ब्राजील के उपग्रह अमेज़ोनिया को पीएसएलवी-सीएस51 के माध्यम से प्रक्षेपित करेगी.
उन्होंने कहा कि गगनयान मिशन के लिए रूस में अंतरिक्ष उड़ान आयामों के लिए चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को भी प्रशिक्षित किया जा रहा है, इसके प्रक्षेपण की योजना दिसंबर 2021 में बनाई गयी है.
सीतारमण ने महासागर क्षमता को बेहतर रूप से समझने के लिए अगले पांच वर्षों के लिए 4,000 करोड़ रूपए से अधिक के बजट परिव्यय के साथ एक गहरे महासागर मिशन के शुभारंभ का प्रस्ताव दिया है.
इस अभियान के तहत गहरे महासागर में सर्वेक्षण अन्वेषण और गरहे महासागर की जैव-विविधता के संरक्षण की परियोजनाओं को शामिल किया जाएगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)