पिछले हफ़्ते में महाराष्ट्र के पुणे में एल्गार परिषद के कार्यक्रम में एक भाषण के संबंध में पुणे में केस दर्ज होने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र शरजील उस्मानी के ख़िलाफ़ यूपी पुलिस ने लखनऊ में केस दर्ज किया है. उन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ नफ़रत फैलाने का भी आरोप लगा है.
नई दिल्ली: पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के पुणे में आयोजित एल्गार परिषद के कार्यक्रम में एक भाषण देने को लेकर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र नेता शरजील उस्मानी के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस थाने में राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है.
इससे पहले इसी भाषण के संबंध में कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में पुणे में उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक उस्मानी के वीडियो को ऑनलाइन देखने के बाद अनुराज सिंह नाम के एक शख्स की शिकायत के आधार पर यूपी पुलिस ये मामला दर्ज किया है. सिंह ने कहा है कि उस्मानी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं.
पुलिस ने आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह), 153ए (धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों में द्वेष पैदा करना), 298 (धार्मिक भावनाएं आहत करने के लिए जान-बूझकर टिप्पणी करना) और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है.
इससे पहले पुणे पुलिस ने उस्मानी के खिलाफ बीते दो फरवरी को भारतीय दंड संहिता की धारा- 153ए (धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों में द्वेष पैदा करना) के तहत मामला दर्ज किया था. भाजपा युवा मोर्चा के स्थानीय नेता प्रदीप गवडे ने उस्मानी के खिलाफ पुणे के स्वरगेट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.
महाराष्ट्र में मुख्य विपक्षी भाजपा ने अपने भाषण के जरिये कथित तौर पर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोपी उस्मानी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उस्मानी की गिरफ्तारी करने में मदद मांगी है.
मीडिया में जारी पत्र में पाटिल ने आदित्यनाथ से मांग की थी कि वह अपने राज्य के अधिकारियों को पूर्व एएमयू छात्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दें.
अपनी बर्बर पुलिसिया कार्रवाई के लिए चौतरफा आलोचनाएं झेल रही योगी सरकार के अलावा महाराष्ट्र सरकार भी इस केस में काफी रुचि लेती दिखाई दे रही है.
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने बीते बुधवार को कहा था कि शरजील उस्मानी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए, चाहे वह किसी भी राज्य में हों.
उन्होंने कहा कि पुलिस 30 जनवरी को आयोजित कार्यक्रम के वीडियो की जांच कर रही है और उत्तर प्रदेश निवासी उस्मानी के खिलाफ उनकी कथित ‘अपमानजनक टिप्पणी’ के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है.
उन्होंने कहा, ‘वह इस समय महाराष्ट्र में नहीं है लेकिन हम उन्हें गिरफ्तार करेंगे, चाहे वह बिहार, उत्तर प्रदेश, गुजरात या किसी भी राज्य में हो.’
यूपी पुलिस ने उस्मानी के खिलाफ एफआईआर में राजद्रोह की धाराओं को शामिल किया है, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार कहा है कि राजद्रोह का मामला तभी बनता है जब ‘हिंसक तरीके से सरकार को पलटने की कोई साजिश का प्रमाण’ मिल जाए.
केदारनाथ सिंह बनाम बिहार राज्य में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा था कि यदि हिंसा भड़काने का कोई प्रमाण नहीं मिलता है, तो उसे राजद्रोह नहीं माना जा सकता है.
21वें विधि आयोग ने भी अपने वर्किंग पेपर में कहा था कि महज सरकार की आलोचना करना, राजद्रोह नहीं है और लोगों के पास ये अधिकार है कि वे सरकार की आलोचना करते हुए अपना प्रतिरोध जता सकें.