‘ट्रैक चाइल्ड’ पोर्टल के ज़रिये एक साल में 43,515 बच्चों के लापता होने का पता चला: सरकार

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि एक जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 के बीच 43,515 बच्चों के लापता होने की जानकारी मिली और इनमें से 38,113 बच्चों का पता लगाया जा सका.

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(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में बताया कि एक जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 के बीच 43,515 बच्चों के लापता होने की जानकारी मिली और इनमें से 38,113 बच्चों का पता लगाया जा सका.

(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बृहस्पतिवार को कहा कि पिछले एक साल के भीतर ‘ट्रैक चाइल्ड’ पोर्टल के माध्यम से कुल 43,515 बच्चों के लापता होने की शिकायतें आईं.

ईरानी ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी. उन्होंने इस पोर्टल के माध्यम से पिछले पांच साल के भीतर लापता बच्चों के बारे में आई सूचना साझा की.

मंत्री के अनुसार, एक जनवरी, 2020 से 31 जनवरी, 2021 के बीच 43,515 बच्चों के लापता होने की जानकारी मिली और इनमें से 38,113 बच्चों का पता लगाया जा सका.

उन्होंने कहा कि 2019 में 49,279 बच्चों के लापता होने की जानकारी मिली थी, जिनमें से 44,289 बच्चों का पता चल सका.

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक मंत्रालय द्वारा गुमशुदा बच्चों को ट्रैक करने के लिए पोर्टल बनाया गया था. पुलिस स्टेशनों, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड्स और चाइल्ड केयर संस्थानों को नियमित रूप से इसमें अपडेट करने के लिए कहा गया था.

मंत्री के बयान के अनुसार, देश भर में संस्थागत देखभाल केंद्रों में 66,778 बच्चे रहते हैं, जिनमें 6,087 बच्चे खुले आश्रय गृह में रहते हैं और 3,716 बच्चे विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसियों में हैं.

एक अन्य सवाल के जवाब में महिला व बाल विकास मंत्री ने बताया कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के लिए आवंटित कोष में से 46.98 प्रतिशत मीडिया अभियान पर खर्च किया गया.

ईरानी ने पिछले तीन सालों के दौरान इस मद में हुए खर्च का ब्योरा देते हुए बताया कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के लिए 2017 से 2020 तक 680 करोड़ रुपये आवंटित किए गए, जिनमें से 319.5 करोड़ रुपये मीडिया अभियान पर खर्च किए गए.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)