केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर, और लद्दाख में बांट दिया गया था. मार्च, 2020 में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान भी उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध जारी था.
जम्मू: जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर अगस्त 2019 में इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के ठीक 18 महीने बाद समूचे जम्मू कश्मीर में उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की जा रही है.
जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘समूचे जम्मू कश्मीर में 4जी मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की जा रही है.’
4G mobile internet services being restored in entire J&K @diprjk
— Rohit Kansal (@kansalrohit69) February 5, 2021
रिपोर्ट के अनुसार, अगर यह पूरी तरह से लागू हो जाती है तो 5 अगस्त, 2019 के 19 महीनों बाद पहली बार पूरे जम्मू कश्मीर में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा मिल पाएगी.
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को इंटरनेट सेवा बंद कर दी थी, जब जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों- जम्मू कश्मीर, और लद्दाख में बांट दिया गया था. इस प्रतिबंध को आगे बढ़ाने का हालिया आदेश 22 जनवरी, 2021 को जारी किया गया था.
इंटरनेट शटडाउन पर एक रिपोर्ट के अनुसार, 5 अगस्त, 2019 से मार्च, 2020 तक जम्मू कश्मीर में लगातार 213 दिनों तक इंटरनेट बंद था. मार्च, 2020 में 2जी इंटरनेट सेवा बहाल की गई थी.
इसके बाद मौजूदा केंद्र शासित प्रदेश के दो जिलों में ट्रायल के आधार पर उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई थी. ये दो जिले कश्मीर क्षेत्र में गांदेरबल और जम्मू क्षेत्र में उधमपुर थे.
यहां तक कि कोविड-19 महामारी के दौरान भी उच्च गति की मोबाइल इंटरनेट सेवा पर भी प्रतिबंध जारी रहा था, जब स्वास्थ्यकर्मी इलाज और कोविड महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से संबंधित सामग्रियों को हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे थे. इसने जम्मू कश्मीर में पत्रकारिता से लेकर शिक्षा तक लगभग सभी क्षेत्रों को प्रभावित किया.
द वायर के की एक हालिया रिपोर्ट में बताया गया था कि अनुराध भसीन बनाम भारत सरकार के मामले में जनवरी, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने दखल तो दिया लेकिन न तो इंटरनेट तक पहुंच को मौलिक अधिकार घोषित किया और न ही उसकी बहाली का आदेश दिया.
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना था कि मौजूदा कानूनों के तहत इंटरनेट सेवाओं को अनिश्चित काल के लिए बंद करने की अनुमति नहीं है.
प्रतिबंध जारी रखने की आवश्यकता की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया था.
हालांकि, पहले तो केंद्र सरकार ने समिति गठित करने में देरी की जो कि अदालत की अवमानना के बराबर था और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट को बताया कि समिति दो बार मिली है, लेकिन अपने हलफनामे में समिति की रिपोर्ट को शामिल नहीं किया.
4G Mubarak! For the first time since Aug 2019 all of J&K will have 4G mobile data. Better late than never.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) February 5, 2021
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘4जी मुबारक. अगस्त 2019 के बाद पहली बार पूरे जम्मू कश्मीर में 4जी मोबाइल डेटा होगा. कभी नहीं से देर भली.’
I actually see some going out of their way to thank govt functionaries for 4G restoration. They're not offering us charity. We should be asking for compensation for our deprivation and losses.
— Anuradha Bhasin (@AnuradhaBhasin_) February 5, 2021
4जी इंटरनेट बहाली का आदेश आने के बाद कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन ने कहा, ‘मैं वास्तव में देख रही हूं कि 4जी की बहाली के लिए कुछ लोग सरकारी अधिकारियों का हद से ज्यादा ही धन्यवाद कर रहे हैं. वे हमें भीख नहीं दे रहे हैं. हमें अपने अभाव और नुकसान के लिए मुआवजा मांगना चाहिए.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)