केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत किसानों की मौत के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. क्या सरकार मृतक किसानों के परिवारों को किसान कल्याण कोष से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी? इस प्रश्न का उत्तर तोमर ने ‘नहीं’ में दिया.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने सूचित किया है कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की मौत और एक आत्महत्या के मामले की जानकारी है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी.
क्या सरकार मृतक किसानों के परिवारों को किसान कल्याण कोष से वित्तीय सहायता प्रदान करेगी? इस प्रश्न का उत्तर तोमर ने ‘नहीं’ में दिया.
तोमर ने सदन में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘देश के विभिन्न राज्यों में आंदोलनरत किसानों की मौत के बारे में कोई विशेष जानकारी उपलब्ध नहीं है. हालांकि, दिल्ली पुलिस ने किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान दो व्यक्तियों की मौत और एक के आत्महत्या करने की जानकारी दी है.’
क्या सरकार के पास नवंबर 2020 से जनवरी 2021 तक तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों की मौते के मामलों की कुल संख्या और किसानों की आत्महत्या के मामलों का कोई आंकड़ा है, इस पर तोमर ने कहा कि उनके मंत्रालय के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है.
उन्होंने दोहराया, ‘गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट दी है कि प्रश्न में उठाए गए मुद्दों पर देने के लिए कोई विशेष जानकारी नहीं है. हालांकि, दिल्ली पुलिस द्वारा यह सूचित किया गया है कि किसानों के विरोध के दौरान दो व्यक्तियों की मौत हो गई और एक ने आत्महत्या कर ली.’
मंत्री ने यह भी बताया, ‘तीन कानूनों के खिलाफ विरोध करने के लिए दिल्ली की ओर मार्च कर रहे किसानों पर दिल्ली पुलिस द्वारा किसी एक्सपायर्ड आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल नहीं किया गया था.’
मालूम हो कि दो महीने से ज्यादा समय से चल रहे किसान आंदोलन के दौरान बीते 20 जनवरी तक कम से कम पांच लोग दिल्ली के विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर आत्महत्या कर चुके हैं. इसी तरह किसान आंदोलन के दौरान विभिन्न कारणों से कई किसानों की जान जा चुकी हैं.
बता दें कि हजारों किसान, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों से आए किसान, दो महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं, जो तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की और फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग कर रहे हैं.
केंद्र और 41 प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों के बीच 11 दौर की वार्ता अभी तक अनिर्णायक रही है, हालांकि केंद्र ने 18 महीनों के लिए कानूनों के निलंबन सहित रियायतें देने की पेश की है, जिन्हें किसान संगठनों ने खारिज कर दिया है.
केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में पिछले डेढ़ महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्र सरकार इन कानूनों को कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार के रूप में पेश कर रही है. हालांकि, प्रदर्शनकारी किसानों ने यह आशंका व्यक्त की है कि नए कानून न्यूनतम समर्थन मूल्य की सुरक्षा और मंडी प्रणाली को खत्म करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे तथा उन्हें बड़े कॉरपोरेट की दया पर छोड़ देंगे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)