वीडियो: अपने खेत में व्यस्त रहने वाला किसान समय-समय पर अपने लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करता रहा है. देश की आज़ादी से पहले की बात हो या आज़ादी के बाद की किसान अपना हक़ हुक्मरानों से मांगते रहे हैं.
देश का किसान हाल ही में पास किए गए कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर बैठा हुआ है, इस एक उम्मीद में कि संसद में बैठे लोगों तक उसकी आवाज़ पहुंचेगी.
अपने खेत में व्यस्त रहने वाला किसान समय-समय पर अपने लिए हक़ की आवाज़ बुलंद करता रहा है. देश की आज़ादी से पहले की बात हो या आज़ादी के बाद की किसान अपना हक़ हुक़्मरानों से मांगते रहे हैं.
यदि हम आजादी के पहले की बात करें तो भारत में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आंदोलन की शुरुआत ही चंपारण के नीलहा किसान और गुजरात के खेड़ा के किसानों की समस्याओं से हुई.
एक तरह से देखेंगे तो बिहार के चंपारण के नीलहा आंदोलन से ही महात्मा गांधी का भारत की आजादी की लड़ाई में पदार्पण भी हुआ. इस कार्यक्रम में हम भारतीय इतिहास के कुछ किसान आंदोलनों से आपको रूबरू करवा रहे हैं.