भाजपा नेता उमा भारती ने कहा है कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है. उन्होंने कहा कि मंत्री रहने के दौरान उन्होंने आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है, इसलिए गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजनाएं नहीं बननी चाहिए.
नई दिल्ली: भाजपा नेता उमा भारती ने रविवार को कहा कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने के कारण हुई त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है. साथ ही उन्होंने कहा कि मंत्री रहते हुए वह गंगा और उसकी मुख्य सहायक नदियों पर बांध बनाकर पनबिजली परियोजनाएं लगाने के खिलाफ थीं.
नरेंद्र मोदी नीत राजग-1 सरकार में उमा भारती जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री थीं.
बीते रविवार को सिलसिलेवार ट्वीट में उन्होंने कहा कि ग्लेशियर टूटने से पनबिजली परियोजना को नुकसान पहुंचा है और भीषण त्रासदी आई है.
उन्होंने कहा कि हिमालय के ऋषि गंगा में हुई त्रासदी चिंता का विषय होने के साथ-साथ चेतावनी भी है.
उन्होंने लिखा है, ‘इस संबंध में मैंने अपने मंत्रालय की तरफ से हिमालय उत्तराखंड के बांधों के बारे में जो हलफनामा दिया था, उसमें यही आग्रह किया था कि हिमालय एक बहुत संवेदनशील स्थान है, इसलिए गंगा एवं उसकी मुख्य सहायक नदियों पर पनबिजली परियोजना नहीं बनने चाहिए.’
तथा इससे उत्तराखंड की जो 12 % की क्षति होती है वह नैशनल ग्रीड से पूरी कर देनी चाहिये ।
— Uma Bharti (@umasribharti) February 7, 2021
उन्होंने कहा कि उस फैसले से बिजली आपूर्ति में होने वाली कमी को राष्ट्रीय ग्रिड से पूरा किया जा सकता था. भारती ने कहा कि वह शनिवार को उत्तरकाशी में थीं और अभी हरिद्वार में हैं.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘कल (शनिवार को) मैं उत्तरकाशी में थी आज (रविवार को) हरिद्वार पहुंची हूं. हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी की तबाही हरिद्वार आ सकती है. यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनों का विषय है.’
कल मै उत्तरकाशी में थी आज हरिद्वार पहुँची हूँ ।हरिद्वार में भी अलर्ट जारी हो गया है यानी की तबाही हरिद्वार आ सकती है । यह हादसा जो हिमालय में ऋषि गंगा पर हुआ यह चिंता एवं चेतावनी दोनो का विषय है ।
— Uma Bharti (@umasribharti) February 7, 2021
ग्लेशियर हादसे के तुरंत बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा था, ‘जोशीमठ से 24 किलोमीटर पैंग गांव जिला चमोली उत्तराखंड के ऊपर का ग्लेशियर फिसलने से ऋषि गंगा पर बना हुआ पावर प्रोजेक्ट जोर से टूटा और एक तबाही लेकर आगे बढ़ रहा है. मैं गंगा मैया से प्रार्थना करती हूं की मां सबकी रक्षा करें तथा प्राणिमात्र की रक्षा करें.’
उत्तराखंड के चमोली जिले के ऋषिगंगा घाटी में नंदा देवी ग्लेशियर टूटने से रविवार को धौली गंगा नदी में भीषण बाढ़ आई है. ग्लेशियर टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक आई विकराल बाढ़ के कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है.
भीषण बाढ़ से प्रभावित एनटीपीसी की 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा और 480 मेगावाट तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे तकरीबन 200 लोग लापता हो गए हैं. उनकी तलाश के लिए सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के जवान जुटे हुए हैं. अब तक 11 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)