केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं के चलते रोजाना 415 मौतें होती हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है.
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि देश में सड़क दुर्घटना की स्थिति कोरोना महामारी से अधिक गंभीर और खतरनाक है.
उन्होंने बीते मंगलवार को कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं के चलते रोजाना 415 मौतें होती हैं, जो दुनिया में सबसे अधिक है.
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि भारत को सड़क दुर्घटनाओं के चलते सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.14 फीसदी के बराबर नुकसान उठाना पड़ता है.
उन्होंने कहा कि इन दुर्घटनाओं को कम करने के लिये 40 हजार किलोमीटर से अधिक राजमार्ग को सुरक्षा ऑडिट के दायरे में लाया गया है. भारत में सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती है.
इनके चलते हर साल करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत होती है, जबकि 3.5 लाख से अधिक लोग घायल होते हैं.
उन्होंने कहा, ‘सड़क दुर्घटना से सत्तर फीसदी मौतें 18 से 45 वर्ष के कामकाजी आयु वर्ग के लोगों की हुई हैं. भारत में सड़क दुर्घटनाओं से प्रतिदिन 415 मौतें होती हैं. मैं कहूंगा कि यह परिदृश्य कोविड-19 महामारी की तुलना में बहुत गंभीर है. हमारे लिये साल दर साल स्थिति और खराब हो रही है.’
उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से हम दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में अमेरिका और चीन से आगे खड़े हैं. परिवहन मंत्री होने के नाते मैं इस बात को समझता हूं और इसी कारण गंभीर हूं.’
दरअसल गडकरी ने यह बात ‘भारत में सड़क सुरक्षा चुनौतियों और एक कार्य योजना की तैयारियों’ पर सड़क सुरक्षा संस्था आईआरएफ के इंडिया चैप्टर द्वारा आयोजित एक वेबिनार श्रृंखला का उद्घाटन करने के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि दुर्घटना के जिम्मेदार कारकों में कमी लाने के लिये निर्माण के विभिन्न चरणों के दौरान सड़क सुरक्षा ऑडिट सबसे उपयुक्त तरीका प्रतीत होता है.
उन्होंने कहा, ‘40,000 किलोमीटर से अधिक राजमार्गों को सुरक्षा ऑडिट के तहत लाया गया है. इंजीनियरिंग कॉलेजों और आईआईटी के साथ आईआरएफ जैसे सड़क सुरक्षा संस्थान सुरक्षा ऑडिट में सरकार की मदद कर सकते हैं. प्रत्येक इंजीनियरिंग कॉलेज को कुछ वित्तीय सहायता के साथ सुरक्षा ऑडिट के लिये 300-500 किलोमीटर दिया जा सकता है.’
गडकरी ने तमिलनाडु की सराहना करते हुए कहा कि जब अन्य राज्य सड़क सुरक्षा के मोर्चे पर पिछड़ रहे थे, तब तमिलनाडु में सड़क दुर्घटनाओं में 38 प्रतिशत और मौतों में 54 प्रतिशत की कमी लाई गई है.
उन्होंने सभी राज्यों से तमिलनाडु मॉडल को लागू करने का आग्रह किया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, गडकरी ने डिजिटल तकनीक, ड्रोन और ऐप आधारित प्लेटफॉर्म विकसित करने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि 60 फीसदी से अधिक दुर्घटनाएं सड़कों पर होती हैं, जिससे स्पष्ट है कि उनके डिजाइन और निर्माण में कमिया हैं.
गडकरी ने कहा कि मंत्रालय राजमार्ग नेटवक पर पहचाने गए 5,000 से अधिक ब्लैक स्पॉट पर काम कर रही है.
उन्होंने कहा, ‘भारत में 78 फीसदी सड़क दुर्घटना में मौतें दोपहिया वाहन सवार, साइकिल सवार और पैदल चलने वालों की होती हैं. ऐसे लोगों की सुरक्षा केंद्र की प्रमुख प्राथमिकता है.’
गडकरी ने 2025 तक सड़क दुर्घटना से होने वाली मौतों को 50 फीसदी तक कम करने के लिये सभी स्टेकहोल्डर के सहयोग की मांग की और इसे हासिल करने का भरोसा जताया है.
उन्होंने कहा कि भारत में 70 फीसदी दुर्घटनाएं तेज गति से वाहन चलाने से होती है.
गडकरी ने कहा कि सभी वाहनों की फिटनेस जांच ऑटोमेटेड व्हिकल इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन (आईएंडसी) केंद्रों के जरिए होनी अनिवार्य है.
उन्होंने कहा, ‘सरकार ने हाल ही में पुराने, अनफिट वाहनों से निपटने के लिए पुरानी नीति को खत्म कर दिया है. उम्मीद है कि इससे इस तरह के एक करोड़ से अधिक वाहनों को सड़कों से हटाया जाएगा.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)