कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को बताया कि 31 दिसंबर 2019 तक सीबीआई के पास 711 ऐसे नियमित मामले थे, जिनकी जांच एक साल से अधिक समय तक लंबित थी. उन्होंने यह भी बताया कि 31 दिसंबर 2020 तक केंद्रीय जांच ब्यूरो में 1,374 पद रिक्त थे.
नई दिल्ली: सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा को बताया कि 31 दिसंबर 2020 तक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास 588 ऐसे नियमित मामले थे, जिनकी जांच एक साल से अधिक समय से लंबित थी.
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उच्च सदन को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि 31 दिसंबर 2019 तक केंद्रीय जांच ब्यूरो के पास 711 ऐसे नियमित मामले थे, जिनकी जांच एक साल से अधिक समय तक लंबित थी, जबकि 31 दिसंबर 2020 तक ऐसे मामलों की संख्या 588 थी.
उन्होंने कहा कि 2020 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ ऐसे छह मामले थे.
इसके अलावा 2015 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ 20 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से एक मामला रद्द कर दिया गया था. 2016 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ 15, 2017 में 15 ऐसे मामले थे और एक मामला रद्द कर दिया गया था.
इसी तरह 2018 में राजनीतिक लोगों के खिलाफ छह मामले और 2019 में ऐसे 14 मामले सीबीआई के पास थे.
सिंह ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो लोक सेवकों, फर्म, बैंक, निजी व्यक्तियों के खिलाफ जटिल एवं बड़े मामलों की जांच करता है. कई बार यह जांच बहुत पुराने लेनदेन या घटना के बारे में हो सकती है.
उन्होंने कहा कि इसमें कई ऐसे मामले हैं जो विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हैं.
सीबीआई में 1,374 पद रिक्त: सरकार
सरकार ने राज्यसभा में बृहस्पतिवार को ही बताया कि 31 दिसंबर 2020 तक केंद्रीय जांच ब्यूरो में 1,374 पद रिक्त थे.
कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 7,273 स्वीकृत पदों की तुलना में भरे हुए पदों की संख्या 5,899 थी.
उन्होंने कहा कि 5,000 कार्यकारी रैंक के पदों में से 4,171 पद भरे हुए थे. उन्होंने कहा कि विधि एवं मंत्री रैंक के स्वीकृत 370 एवं 162 पदों की तुलना में वास्तविक तैनाती 284 और 66 थी.
सिंह ने कहा, ‘समय समय पर सभी रैंकों के पदों पर रिक्तियों को भरने के लिए सक्रियता से कदम उठाए जाते हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)