कृषि क़ानूनों के विरोध में अलीगढ़ ज़िले के गोंडा क्षेत्र में बीते नौ फरवरी को किसान महापंचायत हुई थी, जिसमें आरएलडी नेता जयंत चौधरी शामिल हुए थे. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में कहा गया है कि महामारी के दौरान आयोजित इस कार्यक्रम में लोग बिना फेस मास्क शामिल हुए और सामाजिक दूरी का पालन नहीं किया गया.
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश पुलिस ने महामारी रोग अधिनियम के तहत कोविड-19 दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने के आरोप में राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) नेता जयंत चौधरी और 5000 से अधिक अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया है, जो दो दिन पहले अलीगढ़ जिले में आयोजित एक किसान महापंचायत में शामिल हुए थे.
प्राथमिकी नौ फरवरी की रात के लगभग 9:30 बजे दर्ज की गई, जिसमें चौधरी सहित केवल 22 व्यक्तियों के नाम हैं, जबकि अन्य लोग अज्ञात हैं.
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘तीन नए केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित किसानों की महापंचायत में पांच से छह हजार लोग शामिल हुए थे. चौधरी राज सिंह की अध्यक्षता में हुई इस महासभा में आरएलडी नेता जयंत चौधरी भी शामिल हुए और बीकेयू नेता राकेश टिकैत को समर्थन किया था.’
प्राथमिकी के अनुसार, ‘कोविड-19 महामारी के दौरान इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें लोग फेस मास्क नहीं पहने हुए थे और न ही सामाजिक दूरी के नियमों का पालन किया गया. इस आयोजन से सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा का उल्लंघन हुआ है.’
बृहस्पतिवार सुबह चौधरी ने लगभग 5,000 लोगों पर दर्ज की गई प्राथमिकी के बारे में एक समाचार रिपोर्ट को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘बाबा (मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ) बता दें कब और कहां गिरफ़्तारी देनी है!’
बाबा बता दें कब और कहाँ गिरफ़्तारी देनी है! pic.twitter.com/VgBv2UA71V
— Jayant Singh (@jayantrld) February 11, 2021
एफआईआर आईपीसी की धारा 188 (सरकारी आदेश की अवज्ञा करना), धारा 269 (जीवन के लिए खतरनाक किसी भी बीमारी के संक्रमण को गैरकानूनी या लापरवाही से फैलाना), 270 (जीवन के लिए खतरनाक बीमारी के संक्रमण को फैलाने की संभावना जैसा घातक कार्य) और महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत दर्ज की गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक जिन लोगों के खिलाफ के खिलाफ केस दर्ज किया गया है उन पर आईपीसी की धारा 147 के तहत दंगा करने का आरोप भी लगाया गया है, उन पर अलीगढ़ के गोंडा पुलिस स्टेशन में एक स्थानीय उप-निरीक्षक द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है.
राष्ट्रीय लोक दल (आएलडी) ने उत्तर प्रदेश में किसानों के साथ कई बैठकें की हैं. इस तरह की बैठकें फरवरी के अंत तक करने की पार्टी की योजना है.
मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए कृषि से संबंधित तीन विधेयकों– किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020- के विरोध में पिछले दो महीने से किसान दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
इसे लेकर सरकार और किसानों के बीच 11 दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकल पाया है.
किसान तीनों नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लिए जाने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी दिए जाने की अपनी मांग पर पहले की तरह डटे हुए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)