महाराष्ट्रः जेल में बंद डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा कोरोना संक्रमित

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में जीएन साईबाबा और चार अन्य को माओवादियों से संपर्क रखने और देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए सज़ा सुनाई थी. तब से वह नागपुर जेल में बंद हैं.

GN Saibaba PTI
जीएन साईबाबा. (फाइल फोटो: पीटीआई)

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में जीएन साईबाबा और चार अन्य को माओवादियों से संपर्क रखने और देश के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए सज़ा सुनाई थी. तब से वह नागपुर जेल में बंद हैं.

GN Saibaba PTI
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. जीएन साईबाबा. (फोटो: पीटीआई)

नागपुरः माओवादियों से संबंध के चलते नागपुर केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं.

जेल के एक अधिकारी ने बताया कि साईबाबा के साथ जेल के तीन अन्य कैदी भी संक्रमित पाए गए हैं.

जेल अधीक्षक अनूप कुमरे ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा, ‘जीएन साईबाबा को हल्का बुखार और खांसी थी, जिसके बाद गुरुवार को उनका टेस्ट कराया गया. शुक्रवार को उनकी रिपोर्ट आई, जिसमें वह कोरोना संक्रमित पाए गए. उन्हें सीटी स्कैन एवं अन्य जांच के लिए ले जाया जाएगा, जिसके बाद चिकित्सक तय करेंगे कि उन्हें सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में आगे की चिकित्सा के लिए भेजा जाए या नहीं.’

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, यह पूछने पर कि क्या उन्हें अन्य कैदियों से अलग रखा जाएगा? कुमरे ने कहा, ‘वह पहले से ही अलग सेल में हैं. जेल के डॉक्टर द्वारा ही उनका उनकी सेल में इलाज किया जाएगा.’

साईबाबा 90 फीसदी विकलांग हैं और व्हीलचेयर पर हैं.

साईबाबा की पत्नी वसंत पहले कई बार आशंका जता चुकी थीं कि उनके पति को कोरोना हो सकता है, क्योंकि उनके पति को कई बीमारियां हैं और वह 90 फीसदी विकलांग हैं.

मालूम हो कि साईबाबा के वकीलों ने पहले ही उन्हें स्वास्थ्य आधार पर जमानत दिलाने के प्रयास किए थे, लेकिन बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने हर बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी.

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने बीते साल 28 जुलाई को साईबाबा की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. उन्होंने अपने स्वास्थ्य के आधार पर और कैंसर से पीड़ित अपनी मां से मिलने के लिए जमानत देने का आग्रह किया था.

साईबाबा के जमानत याचिका खारिज होने के चार दिन बाद उनकी मां का निधन हो गया था. इसके बाद उन्होंने अपनी मां के अंतिम संस्कार के रस्मों में हिस्सा लेने के लिए पैरोल पर छुट्टी देने का आवेदन दिया था.

हालांकि, नागपुर केंद्रीय जेल के अधिकारियों ने साईबाबा के पैरोल के उस आवेदन को भी खारिज कर दिया था.

मालूम हो कि महाराष्ट्र के गढ़चिरौली की एक अदालत ने 2017 में साईबाबा और चार अन्य को माओवादियों से संपर्क रखने और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए सजा सुनाई थी. तब से वह नागपुर जेल में बंद हैं.

बता दें कि दो दिन पहले ही नागपुर जेल में बंद गैंगस्टर अरुण गवली और चार अन्य कैदी भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे.

गवली को हालांकि अपने बेटे और बेटी की शादी और मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कई बार पैरोल मिल चुकी हैं लेकिन सरकार ने साईंबाबा को उनकी मां के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पैरोल नहीं दी थी.