किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी टूलकिट के मामले में मुंबई की वकील निकिता जैकब और एक अन्य व्यक्ति शांतनु के ख़िलाफ़ ग़ैर-ज़मानती वारंट जारी किया गया है. जैकब ने इसे लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है और अग्रिम ज़मानत की मांग की है.
नई दिल्ली: 21 वर्षीय जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में मुंबई की वकील निकिता जैकब और एक अन्य शांतनु के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया है.
जैकब ने इसे लेकर अग्रिम जमानत के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है. इस मामले पर मंगलवार को सुनवाई होगी.
दिशा रवि (21) को गत शनिवार को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया गया था और दिल्ली की एक अदालत ने उसे रविवार को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पुलिस ने बताया कि अब निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. इन पर दस्तावेज तैयार करने और ‘खालिस्तान-समर्थक तत्वों’ के सीधे संपर्क में होने का आरोप है.
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘निकिता जैकब और शांतनु के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. दोनों ‘टूलकिट’ मामले में वांछित हैं. उनपर दस्तावेज तैयार करने और खालिस्तान-समर्थक तत्वों के सीधे संपर्क में होने का संदेह है.’
Transit bail application filed by Nikita Jacob in Bombay High Court against the non-bailable warrant issued against her. Matter to be heard tomorrow.
— ANI (@ANI) February 15, 2021
बता दें कि यह टूलकिट एक दस्तावेज है, जो ट्विटर पर किसानों के लिए समर्थन जुटाने के लिए और भारतीय दूतावासों के बाहर विरोध प्रदर्शन करने जैसे कार्यों का सुझाव देता है.
स्वीडन की 18 साल की जलवायु कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर समर्थन दिखाते हुए इसे ट्वीट किया था.
आरोप है कि इस ‘टूलकिट’ में भारत में अस्थिरता फैलाने को लेकर साजिश का प्लान था. किसान आंदोलन पर ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया था, इसमें आपराधिक साजिश और समूहों में दुश्मनी फैलाने का आरोप लगाया गया था.
दिल्ली पुलिस ने स्पष्ट किया था कि यह टूलकिट एक ऐसे सोशल मीडिया हैंडल से मिला था, जिस पर 26 जनवरी की हिंसा वाली घटनाओं की साजिश फैलाने के संकेत मिले हैं. ग्रेटा के खिलाफ केस नहीं दर्ज है.
इससे पहले दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने चार फरवरी को टूलकिट मामले में राजद्रोह, आपराधिक साजिश और नफरत को बढ़ावा देने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी.
पुलिस का कहना है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा समेत किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम ट्विटर पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है.
पुलिस ने दिशा रवि पर टूलकिट नाम के उस डॉक्यूमेंट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़ने और आगे फॉरवर्ड करने का आरोप लगाया है. दिशा रवि ‘फ्राईडे फॉर फ्यूचर इंडिया’ के संस्थापकों में से एक है.
फ्राइडेज फॉर फ्यूचर स्कूली छात्रों का एक अंतरराष्ट्रीय आंदोलन है, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है. इस आंदोलन को उस समय व्यापक लोकप्रियता मिली थी, जब थनबर्ग ने स्वीडन की संसद के बाहर प्रदर्शन किया था.
दिशा बेंगलुरु के प्रतिष्ठित विमेंस कॉलेज में शामिल माउंट कार्मेल की छात्रा हैं.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन से जुड़े ‘टूलकिट’ सोशल मीडिया पर साझा करने के मामले में पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि भारत खामोश नहीं होने वाला है.
उन्होंने दिशा की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे, बोल कि सच ज़िंदा है अब तक! वो डरे हैं, देश नहीं!’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘भारत खाामोश नहीं होने वाला है.’
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने भी इसी मामले को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से, फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से.’
डरते हैं बंदूकों वाले एक निहत्थी लड़की से
फैले हैं हिम्मत के उजाले एक निहत्थी लड़की से#ReleaseDishaRavi #DishaRavi#IndiaBeingSilenced— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) February 15, 2021
पुलिस ने आरोप लगाया कि भारत के खिलाफ वैमनस्य फैलाने के लिए रवि और अन्य ने खालिस्तान-समर्थक समूह ‘पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन’ के साथ साठगांठ की.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी दिल्ली पुलिस द्वारा ‘टूलकिट’ मामले की जांच में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए इसे ‘लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला’ करार दिया.
केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘21 वर्षीय दिशा की गिरफ्तारी लोकतंत्र पर अभूतपूर्व हमला है. हमारे किसानों का समर्थन करना कोई अपराध नहीं है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)